जॉन साब को पढ़ते-पढ़ते हुए कब रात हो गई पता नहीं चला। एक शायर ज्यादा से ज्यादा क्या लिख सकता है ? जॉन साब की शायरी में आपको सब कुछ मिलेगा जिसकी आपको तमन्ना है।.
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