White पत्नियाँ पूर्ण हो जाती हैं-
प्रेमिकाओं की तरह अपूर्ण नहीं रहती...
प्रेमिकाऐं- लिखती ही रह जाती है प्रेम की पाती,
पत्नियों की तरह नहीं लिख पाती घर के खत्म सामानों की सूचियाँ...
चांद, सितारे,सावन, मधुमास तक ही सीमित रहती हैं,
दाल, मसाले, ब्रेड-मक्खन तक नहीं सोच पाती...
प्रेमिकाऐं- चाकलेट के दायरें तक ही सिमट कर जाती हैं,
नहीं बढ़ा पाती अपना दायरा, सास-ससुर, जेठ-जेठानी के बीच...
वेलेंटाइन डे तो याद रखती हैं पर चैत्र, बैसाख, जेठ, अषाढ की तिथियाँ गिनना नहीं जानती...
प्रेमिकाऐं- किताबों में फूल तो रखना जानती हैं पर नहीं लिख पाती कैलेंडर पर दूध के खर्चे का हिसाब...
प्रेमिकाऐं- मांगती है झुमकी, पायल,
पत्नियाँ- मांगती है पति की लम्बी आयु...
प्रेमिकाऐं- सहेजती हैं पुराने प्रेमपत्र,
पत्नियाँ- सहेजती हैं शादी की एलबम, जिसमें वो ढूंढती हैं रिश्ते-नातो के पुराने फोटो,
पत्नियाँ कितनी पूर्ण हो जाती हैं•••।।।
©Andy Mann
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