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New एक मुद्दत से आरज़ू थी फुरसत की Status, Photo, Video

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White जब देखता हूं तुम्हें क्या मैं तुम्हे ही देखता हूं !! या जब तुम कहते हो कुछ क्या मैं तुम्हे ही सुनता हूं ना....….... सच है ये की तुम में भी खुद को ही ढूंढता हूं सच है ये की तुम से भी वही सुनना है जो है मेरे ही मन की आवाज है सच हैं ये की अन्दर और बाहर भी खुद से खुद को ही ढूंढने की कश्मकश है खुद से खुद को ही मिल पाने की आरज़ू है ! ©मिहिर

#कविता #आरज़ू  White जब देखता हूं तुम्हें 
क्या मैं तुम्हे ही देखता हूं !!
या जब तुम कहते हो कुछ
क्या मैं तुम्हे ही सुनता हूं 
ना....….... 
सच है ये की
तुम में भी खुद को ही ढूंढता हूं
सच है ये की
तुम से भी वही सुनना है 
जो है मेरे ही मन की आवाज है
सच हैं ये की
अन्दर और बाहर भी
खुद से खुद को ही ढूंढने की कश्मकश है
खुद से खुद को ही मिल पाने की आरज़ू है !

©मिहिर

White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ। काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा- नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ। दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से। मैं कभी खेलूँ नहीं मजबूर के जज़्बात से। साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ- मैं न घबराऊँ कभी बिगड़े हुए हालात से। मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से। पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से ‌ याद कर मुझको करें निन्दा मेरी ना लोग सब- अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से। आरज़ू है ज़िन्दगी भर नेकियांँ करता रहूँ। ग़मज़दा लोगों की झोली खुशियों से भरता रहूँ। मैं ख़रा उतरूँ सभी की ख़ाहिशों उम्मीद पर- रौशनी बन ज़िन्दगी में सबकी मैं जलता रहूँ। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#आरज़ू #विचार  White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ।
बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ।
काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा-
नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ।

दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से।
मैं  कभी  खेलूँ  नहीं  मजबूर  के  जज़्बात  से।
साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ-
मैं  न  घबराऊँ  कभी  बिगड़े  हुए  हालात   से।

मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से।
पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से ‌
याद कर मुझको करें निन्दा मेरी ना लोग सब-
अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से।

आरज़ू  है  ज़िन्दगी  भर  नेकियांँ  करता  रहूँ।
ग़मज़दा लोगों की झोली खुशियों से भरता रहूँ।
मैं ख़रा उतरूँ सभी की ख़ाहिशों उम्मीद पर-
रौशनी बन ज़िन्दगी में सबकी मैं जलता रहूँ।

रिपुदमन झा 'पिनाकी' 
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी'
#वीडियो

एक लड़की थी

135 View

#मोटिवेशनल #GoodMorning #sumeetworld #sumeetraj #न  White न जी भर के देखा न कुछ बात की 

बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

©sumeet raj

#GoodMorning #न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की #sumeetraj #sumeetworld

90 View

#कविता  थी एक दोस्त 
(दीपा )
*************
किसकी बात कर रही हो 
अरे यार दोस्त के बारे ऐसा नहीं कहते 
हा यही तो दुख हैँ 
अब दीपा नहीं रही...
सन्न थे ग्रुप के सभी दोस्त 
सहेलियां थे हम 
बचपन से जवानी तक 
साथ रहे है हम 
फिर अपनी दुनिया मे गुम 
रोज घर परिवार 
पुराने दिनों के किस्से कहानिया 
थोड़ी मस्ती और शरारत 
और फिर एक दिन डरा देने वाली 
खबर किसी ने लिखा 
पता है अपनी शैतान बीमार है 
वो बड़ी परेशानी मे है 
हम पांच सहेलियों मे से एक 
सबने दुआएं कि 
बोला यार तू घबराना मत 
हिम्मत रखना डार्लिंग!
तू तो हम सबकी जान है 
तुझे कुछ नहीं होगा 
लेकिन एक दर्द उभरा 
चंद दिन पहले लिखा नहीं डिअर 
अब मेरा समय करीब है 
और फिर एक सितम्बर 
आज़ ही के दिन
दीपा मेरी जान!
हम सबकी पावर हाउस 
हर बात पर मस्ती 
शरारत का कोई मौका नहीं छोड़ती 
नाम भी कितना सुंदर दीपा..
जिसकी जलना ही नियति थी 
याकायाक बुझ गयी...
दोस्त क़ो स्नेह भरा आलिंगन 
काश! हम सब साथ होते 
और एक बार फिर गले मिलते 
एक तस्वीर तेरी पसंद से खिचवाते 
हा! नियति ने मुझे तुमसे चंद दिन पहले मिलने का मौका दिया था 
मैं भाग्यशाली हूं..
अपने यार को मिल पाया 
तू जहाँ भी रहेगी दमकती रहेगी 
हा हम सारे दोस्त तुम्हे मिस करेँगे 
हा तुझे..मुझे अपने घर लाने का वादा अधूरा रहा गया 
माफ़ी चाहती हूं 
लेकिन तेरी हर बात न्यारी थी 
यार तू हमारी प्यारी दोस्त थी..सदा रहोगी 
मगर एक शिकायत ऊपर वाले से 
इतनी जल्दी भी क्या थी 
अभी तो दीपा क़ो 
काफ़ी कुछ सवारना था 
बाबू के जीवन मे उजाला भरना था 
ये तेरा न्याय ठीक नहीं..
और भगवान आपसे एक मिन्नत है 
मेरी ही नहीं हमारी जान क़ो अपने चरणों मे जगह देना 
बहुत प्यारी है वो हा बहुत प्यारी है
तुझे इस कदर लिखना अच्छा नहीं लगता और 
अब इतनी हिम्मत नहीं कि तुझे और लिख पाऊं...
अश्रुपूरित नयन, बेकल मन से तुझे नमन करती। हुँ 
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏

©ranjit Kumar rathour

एक थी दोस्त (दीपा )

153 View

sunset nature इतना थक गया हूँ कि और चल भी नहीं सकता । पर सूरज हूँ, शाम से पहले ढल भी नहीं सकता ।। ©TubeLights

 sunset nature इतना थक गया हूँ कि और
चल भी नहीं सकता ।

पर सूरज हूँ, शाम से पहले 
ढल भी नहीं सकता ।।

©TubeLights

फुरसत

11 Love

White जब देखता हूं तुम्हें क्या मैं तुम्हे ही देखता हूं !! या जब तुम कहते हो कुछ क्या मैं तुम्हे ही सुनता हूं ना....….... सच है ये की तुम में भी खुद को ही ढूंढता हूं सच है ये की तुम से भी वही सुनना है जो है मेरे ही मन की आवाज है सच हैं ये की अन्दर और बाहर भी खुद से खुद को ही ढूंढने की कश्मकश है खुद से खुद को ही मिल पाने की आरज़ू है ! ©मिहिर

#कविता #आरज़ू  White जब देखता हूं तुम्हें 
क्या मैं तुम्हे ही देखता हूं !!
या जब तुम कहते हो कुछ
क्या मैं तुम्हे ही सुनता हूं 
ना....….... 
सच है ये की
तुम में भी खुद को ही ढूंढता हूं
सच है ये की
तुम से भी वही सुनना है 
जो है मेरे ही मन की आवाज है
सच हैं ये की
अन्दर और बाहर भी
खुद से खुद को ही ढूंढने की कश्मकश है
खुद से खुद को ही मिल पाने की आरज़ू है !

©मिहिर

White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ। काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा- नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ। दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से। मैं कभी खेलूँ नहीं मजबूर के जज़्बात से। साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ- मैं न घबराऊँ कभी बिगड़े हुए हालात से। मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से। पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से ‌ याद कर मुझको करें निन्दा मेरी ना लोग सब- अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से। आरज़ू है ज़िन्दगी भर नेकियांँ करता रहूँ। ग़मज़दा लोगों की झोली खुशियों से भरता रहूँ। मैं ख़रा उतरूँ सभी की ख़ाहिशों उम्मीद पर- रौशनी बन ज़िन्दगी में सबकी मैं जलता रहूँ। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#आरज़ू #विचार  White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ।
बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ।
काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा-
नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ।

दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से।
मैं  कभी  खेलूँ  नहीं  मजबूर  के  जज़्बात  से।
साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ-
मैं  न  घबराऊँ  कभी  बिगड़े  हुए  हालात   से।

मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से।
पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से ‌
याद कर मुझको करें निन्दा मेरी ना लोग सब-
अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से।

आरज़ू  है  ज़िन्दगी  भर  नेकियांँ  करता  रहूँ।
ग़मज़दा लोगों की झोली खुशियों से भरता रहूँ।
मैं ख़रा उतरूँ सभी की ख़ाहिशों उम्मीद पर-
रौशनी बन ज़िन्दगी में सबकी मैं जलता रहूँ।

रिपुदमन झा 'पिनाकी' 
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी'
#वीडियो

एक लड़की थी

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#मोटिवेशनल #GoodMorning #sumeetworld #sumeetraj #न  White न जी भर के देखा न कुछ बात की 

बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

©sumeet raj

#GoodMorning #न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की #sumeetraj #sumeetworld

90 View

#कविता  थी एक दोस्त 
(दीपा )
*************
किसकी बात कर रही हो 
अरे यार दोस्त के बारे ऐसा नहीं कहते 
हा यही तो दुख हैँ 
अब दीपा नहीं रही...
सन्न थे ग्रुप के सभी दोस्त 
सहेलियां थे हम 
बचपन से जवानी तक 
साथ रहे है हम 
फिर अपनी दुनिया मे गुम 
रोज घर परिवार 
पुराने दिनों के किस्से कहानिया 
थोड़ी मस्ती और शरारत 
और फिर एक दिन डरा देने वाली 
खबर किसी ने लिखा 
पता है अपनी शैतान बीमार है 
वो बड़ी परेशानी मे है 
हम पांच सहेलियों मे से एक 
सबने दुआएं कि 
बोला यार तू घबराना मत 
हिम्मत रखना डार्लिंग!
तू तो हम सबकी जान है 
तुझे कुछ नहीं होगा 
लेकिन एक दर्द उभरा 
चंद दिन पहले लिखा नहीं डिअर 
अब मेरा समय करीब है 
और फिर एक सितम्बर 
आज़ ही के दिन
दीपा मेरी जान!
हम सबकी पावर हाउस 
हर बात पर मस्ती 
शरारत का कोई मौका नहीं छोड़ती 
नाम भी कितना सुंदर दीपा..
जिसकी जलना ही नियति थी 
याकायाक बुझ गयी...
दोस्त क़ो स्नेह भरा आलिंगन 
काश! हम सब साथ होते 
और एक बार फिर गले मिलते 
एक तस्वीर तेरी पसंद से खिचवाते 
हा! नियति ने मुझे तुमसे चंद दिन पहले मिलने का मौका दिया था 
मैं भाग्यशाली हूं..
अपने यार को मिल पाया 
तू जहाँ भी रहेगी दमकती रहेगी 
हा हम सारे दोस्त तुम्हे मिस करेँगे 
हा तुझे..मुझे अपने घर लाने का वादा अधूरा रहा गया 
माफ़ी चाहती हूं 
लेकिन तेरी हर बात न्यारी थी 
यार तू हमारी प्यारी दोस्त थी..सदा रहोगी 
मगर एक शिकायत ऊपर वाले से 
इतनी जल्दी भी क्या थी 
अभी तो दीपा क़ो 
काफ़ी कुछ सवारना था 
बाबू के जीवन मे उजाला भरना था 
ये तेरा न्याय ठीक नहीं..
और भगवान आपसे एक मिन्नत है 
मेरी ही नहीं हमारी जान क़ो अपने चरणों मे जगह देना 
बहुत प्यारी है वो हा बहुत प्यारी है
तुझे इस कदर लिखना अच्छा नहीं लगता और 
अब इतनी हिम्मत नहीं कि तुझे और लिख पाऊं...
अश्रुपूरित नयन, बेकल मन से तुझे नमन करती। हुँ 
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏

©ranjit Kumar rathour

एक थी दोस्त (दीपा )

153 View

sunset nature इतना थक गया हूँ कि और चल भी नहीं सकता । पर सूरज हूँ, शाम से पहले ढल भी नहीं सकता ।। ©TubeLights

 sunset nature इतना थक गया हूँ कि और
चल भी नहीं सकता ।

पर सूरज हूँ, शाम से पहले 
ढल भी नहीं सकता ।।

©TubeLights

फुरसत

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