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ranjit Kumar rathour

ranjit Kumar rathour Lives in Godda, Jharkhand, India

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उस भगवान से क्या मांगू जिसने मेरे भगवान को छीना है होगा तू बड़ा दिल वाला जिसके लिए उसके लिए अब तो न जाने तुमसे उठने लगा भरोसा है मुश्किल मे हर बाऱ तेरे ही दर पे आया था अब तो लगता जैसे की मेरा ही तुझ पे बकाया है है हिम्मत या फिर याद तुम्हे लौटा दे मेरे बचपन का घोड़ा या इतनी औकात नहीं तो फिर सुन मत कहना भगवान है हम सृष्टि का निर्माण है हम सब बेकार की बाते है पापा तुम खुद ही आ जाना हमें राह तुम बतला जाना है राह मुझे दिखला जाना ©ranjit Kumar rathour

#कविता  उस भगवान से क्या मांगू 
जिसने मेरे भगवान को छीना है 
होगा तू बड़ा दिल वाला 
जिसके लिए उसके लिए 
अब तो न जाने तुमसे
उठने लगा भरोसा है
मुश्किल मे हर बाऱ 
तेरे ही दर पे आया था
अब तो लगता जैसे की 
मेरा ही तुझ पे बकाया है 
है हिम्मत या फिर याद तुम्हे 
लौटा दे मेरे बचपन का घोड़ा 
या  इतनी औकात नहीं
तो फिर सुन मत कहना
भगवान है हम
सृष्टि का निर्माण है हम
सब बेकार की बाते है
पापा तुम खुद ही आ जाना 
हमें राह तुम बतला जाना 
है राह मुझे दिखला जाना

©ranjit Kumar rathour

पापा तुम आ जाना

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पापा आपके बगैर जीवन क़ी कल्पना मात्र से डर जाता हुँ हर परेशानियों के हल थे आप आज तो आज कल थे आप इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया आपसे नजर भी मिला सकूँ इतना साहस नहीं था मुझमे आपसे खुल कर बतिया सकूँ हर निर्णय पत्थर क़ी लकीर थी हमें मलाल नहीं हैँ इस बात का क्योंकि हर फैसला आदेश था और हर आदेश अचूक था सो कभी सोचा नहीं बस एक ही सत्य हैँ कि अब तेरे बगैर हमारा क्या होगा और एक आरजू हैँ कि आप रहना हम मे हम सबमे एक आदेश बनकर शब्द मेरे हमारे हो लेकिन आदेश आपके जिससे आपकी बगिया आपकी पसंद की रहे और हम उसके फूल बन खिलते रहे ©ranjit Kumar rathour

#कविता  पापा आपके बगैर 
जीवन क़ी कल्पना मात्र से डर जाता हुँ 
हर परेशानियों के हल थे आप 
आज तो आज कल थे आप 
इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया 
आपसे नजर भी मिला सकूँ 
इतना साहस नहीं था मुझमे 
आपसे खुल कर बतिया सकूँ 
हर निर्णय पत्थर क़ी लकीर थी 
हमें मलाल नहीं हैँ इस बात का 
क्योंकि हर फैसला आदेश था 
और हर आदेश अचूक था 
सो कभी सोचा नहीं
बस एक ही सत्य हैँ कि 
अब तेरे बगैर हमारा क्या होगा 
और एक आरजू हैँ कि 
आप रहना हम मे हम सबमे 
एक आदेश बनकर 
शब्द मेरे हमारे हो 
लेकिन आदेश आपके 
जिससे आपकी बगिया आपकी 
पसंद की रहे 
और हम उसके फूल बन खिलते रहे

©ranjit Kumar rathour

पापा आपके बगैर!

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बेटा तू आता है जब भी ढेर सारी खुशियाँ लाता है और जब जाता तो सबको रुला जाता है लेकिन इस बार सब कुछ ठीक नहीं था हम चाह कर भी तुम्हारे साथ वक्त नहीं गुजार पाए दादा बीमार है दुआ वो जल्द ठीक हो जाये और हम सब साथ फिर से हसें खेले और मुस्कुराये ©ranjit Kumar rathour

#कविता  बेटा तू आता है 
जब भी ढेर सारी खुशियाँ लाता है 
और जब जाता 
तो सबको रुला जाता है 








   लेकिन इस बार 
सब कुछ ठीक नहीं था 
हम चाह कर भी 
तुम्हारे साथ वक्त नहीं गुजार पाए 
दादा बीमार है 
दुआ वो जल्द ठीक हो जाये 
और हम सब साथ 
फिर से हसें खेले और मुस्कुराये

©ranjit Kumar rathour

रिश्ता तेरा मेरा

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पापा उठो न पापा कितनी देर हो गयी हैँ आप तो सबको जगाते देर तक सोने पर डांट पीलाते थे मत डराओ पापा गुस्सा हो.. माफ़ी मांगता हुँ देखो न पापा घर मे कौन आया हैँ पापा... पापा उठो पापा ©ranjit Kumar rathour

#कविता  पापा उठो न पापा 
कितनी देर हो गयी हैँ 
आप तो सबको जगाते 
देर तक सोने पर 
डांट पीलाते थे 
मत डराओ पापा 
गुस्सा हो.. माफ़ी मांगता हुँ
देखो न पापा 
घर मे कौन आया हैँ 
पापा... पापा उठो पापा

©ranjit Kumar rathour

पापा तेरे बिन

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ranjit's Live Show

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Saturday, 8 February | 10:35 am

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गणतंत्र दिवस का उत्साह बचपन से आज तक लेकिन फर्क आया भाई तब शामिल होने जाता था और अब खबरें बनाने जाता हुँ इस दफा कुछ था खास अपनी तस्वीर वाली एक वॉलपेपर बनाया और अहले सुबह उन्हें भेजा जिसे मेरा इंतज़ार था हा है न ख़ास ©ranjit Kumar rathour

#कविता  गणतंत्र दिवस का उत्साह 
बचपन से आज तक 
लेकिन फर्क आया भाई
तब शामिल होने जाता था 
और अब खबरें बनाने जाता हुँ 
इस दफा कुछ था खास 
अपनी तस्वीर वाली एक 
वॉलपेपर बनाया और अहले सुबह 
उन्हें भेजा जिसे मेरा इंतज़ार था 
हा है न ख़ास

©ranjit Kumar rathour

खास गणतंत्र

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