someone special

someone special Lives in Shahjahanpur, Uttar Pradesh, India

follow on insta - maaf.gustakhi Medico. (MBBS) heritage medical college, VARANASI

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White काश! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते... काश! हम बच्चे होते...! वो बचपन के दिन भी क्या दिन थे, और अब ये जवानी की रात...! ना सुकून है जिंदगी में अब, ना बचपन वाली बात, वो बचपन में देर से उठना, और सब हाँथो हाथ मिल जाना, अब तो बिस्तर से उठकर बिस्तर तक का सफर अकेले बिताना, वो स्कूल में दोस्तों से दिन भर की यादे, और अब कॉलेज के नाम पर ये दिन भर की नई फ़सादे...! वो स्कूल से सीधा आना, टीवी के सामने बैठ जाना, और अब जिंदगी की उलझन में मशरूफ, की रात भर नींद ना आना..! शायद इसलिए तो दिल कहता है-- काश! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, काश हम बच्चे होते...! वो पापा के पैर दबाना, वो बाबा की कहानियाँ सुनना , वो माँ का प्यार से मेरी राह तकना, वो बहन से झगड़ा करना, वो भाई में एक दोस्त का मिल जाना, और कोचिंग के नाम पर पूरा दिन बन जाना, मानो.. .! ये जवानी सब ले गई, हजारों की भीड़ में तुम्हें तन्हा कर गई...! शायद इसिलिये दिल कहता है-- काश...! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, काश हम बच्चे होते...! पहले ना अगली चिंता होती थी, ना पिछली फ़िकर, जैसा मन हो बस जियो बेफिकर, और अब तो रात में सोने से पहले, आने वाले कल का ख्याल रहता है, और उठते ही बीते दिन का मलाल रहता है...! ये दिन भी जायेंगे जब बुढ़ापा आयेगा, लेकिन, वो गुजरा बचपन, वो बचपन, उसकी जगह तो वो बुढ़ापा भी नहीं ले पायेगा, शायद इसीलिए तो दिल कहता है-- काश...! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, काश हम बच्चे होते...काश हम बच्चे होते...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special

#Sad_shayri  White काश! हम बच्चे होते,
तो ये दिन भी कितने अच्छे होते... काश! हम बच्चे होते...!
वो बचपन के दिन भी क्या दिन थे, और अब ये जवानी की रात...! 
ना सुकून है जिंदगी में अब, ना बचपन वाली बात, 
वो बचपन में देर से उठना, और सब हाँथो हाथ मिल जाना, 
अब तो बिस्तर से उठकर बिस्तर तक का सफर अकेले बिताना,
वो स्कूल में दोस्तों से दिन भर की यादे, 
और अब कॉलेज के नाम पर ये दिन भर की नई फ़सादे...!
वो स्कूल से सीधा आना, टीवी के सामने बैठ जाना, 
और अब जिंदगी की उलझन में मशरूफ, की रात भर नींद ना आना..!
शायद इसलिए तो दिल कहता  है-- 
काश! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, 
काश हम बच्चे होते...!

वो पापा के पैर दबाना, वो बाबा की कहानियाँ सुनना , 
वो माँ का प्यार से मेरी राह तकना, वो बहन से झगड़ा करना, 
वो भाई में एक दोस्त का मिल जाना, 
और कोचिंग के नाम पर पूरा दिन बन जाना, 
मानो.. .! ये जवानी सब ले गई, हजारों की भीड़ में तुम्हें तन्हा कर गई...!
शायद इसिलिये दिल कहता है-- 
काश...! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, 
काश हम बच्चे होते...! 

पहले ना अगली चिंता होती थी, ना पिछली फ़िकर, जैसा मन हो बस जियो बेफिकर,
और अब तो रात में सोने से पहले, आने वाले कल का ख्याल रहता है, 
और उठते ही बीते दिन का मलाल रहता है...!
ये दिन भी जायेंगे जब बुढ़ापा आयेगा, 
लेकिन, वो गुजरा बचपन, वो बचपन, उसकी जगह तो वो बुढ़ापा भी नहीं ले पायेगा, 
शायद इसीलिए तो दिल कहता है-- 
काश...! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, 
काश हम बच्चे होते...काश हम बच्चे होते...!

---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special

#Sad_shayri

14 Love

White काश! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते... काश! हम बच्चे होते...! वो बचपन के दिन भी क्या दिन थे, और अब ये जवानी की रात...! ना सुकून है जिंदगी में अब, ना बचपन वाली बात, वो बचपन में देर से उठना, और सब हाँथो हाथ मिल जाना, अब तो बिस्तर से उठकर बिस्तर तक का सफर अकेले बिताना, वो स्कूल में दोस्तों से दिन भर की यादे, और अब कॉलेज के नाम पर ये दिन भर की नई फ़सादे...! वो स्कूल से सीधा आना, टीवी के सामने बैठ जाना, और अब जिंदगी की उलझन में मशरूफ,की रात भर नींद ना आना..! शायद इसलिए तो दिल कहता है-- काश! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, काश हम बच्चे होते...! वो पापा के पैर दबाना, वो बाबा की कहानियाँ सुनना , वो माँ का प्यार से मेरी राह तकना, वो बहन से झगड़ा करना, वो भाई में एक दोस्त का मिल जाना, और कोचिंग के नाम पर पूरा दिन बन जाना, मानो.. .! ये जवानी सब ले गई, हजारों की भीड़ में तुम्हें तन्हा कर गई...! शायद इसिलिये दिल कहता है-- काश...! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, काश हम बच्चे होते...! पहले ना अगली चिंता होती थी, ना पिछली फ़िकर, जैसा मन हो बस जियो बेफिकर, और अब तो रात में सोने से पहले आने वाले कल का ख्याल रहता है, और उठते ही बीते दिन का मलाल रहता है...! ये दिन भी जायेंगे जब बुढ़ापा आयेगा, लेकिन, वो गुजरा बचपन, वो बचपन, उसकी जगह तो वो बुढ़ापा भी नहीं ले पायेगा, शायद इसीलिए तो दिल कहता है-- काश...! हम बच्चे होते तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, काश हम बच्चे होते...काश हम बच्चे होते...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special

#Sad_shayri  White  काश! हम बच्चे होते, 
तो ये दिन भी कितने अच्छे होते... काश! हम बच्चे होते...!
वो बचपन के दिन भी क्या दिन थे, और अब ये जवानी की रात...! 
ना सुकून है जिंदगी में अब, ना बचपन वाली बात, 
वो बचपन में देर से उठना, और सब हाँथो हाथ मिल जाना, 
अब तो बिस्तर से उठकर बिस्तर तक का सफर अकेले बिताना,
वो स्कूल में दोस्तों से दिन भर की यादे, 
और अब कॉलेज के नाम पर ये दिन भर की नई फ़सादे...!
वो स्कूल से सीधा आना, टीवी के सामने बैठ जाना, 
और अब जिंदगी की उलझन में मशरूफ,की रात भर नींद ना आना..!
शायद इसलिए तो दिल कहता  है-- 
काश! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, 
काश हम बच्चे होते...!

वो पापा के  पैर दबाना, वो बाबा की कहानियाँ सुनना , 
वो माँ का प्यार से मेरी राह तकना, वो बहन से झगड़ा करना, 
वो भाई में एक दोस्त का मिल जाना, 
और कोचिंग के नाम पर पूरा दिन बन जाना, मानो.. .! ये जवानी सब ले गई,
हजारों की भीड़ में तुम्हें तन्हा कर गई...!
शायद इसिलिये दिल कहता है-- 
काश...! हम बच्चे होते, तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, 
काश हम बच्चे होते...! 

पहले ना अगली चिंता होती थी, ना पिछली फ़िकर, जैसा मन हो बस जियो बेफिकर,
और अब तो रात में सोने से पहले आने वाले कल  का ख्याल रहता है, 
और उठते ही बीते दिन का मलाल रहता है...!
ये दिन भी जायेंगे जब बुढ़ापा आयेगा, 
लेकिन, वो गुजरा बचपन, वो बचपन, उसकी जगह तो वो बुढ़ापा भी नहीं ले पायेगा, 
शायद इसीलिए तो दिल कहता है-- 
काश...! हम बच्चे होते तो ये दिन भी कितने अच्छे होते, 
काश हम बच्चे होते...काश हम बच्चे होते...!

---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special

#Sad_shayri

15 Love

जब जिस्म मिट्टी में मिलना चाहे, और रूह आसमान में भटकना चाहे, तुम मुझे अपने पास बुला लेना, ए मौत मुझे गले लगा लेना...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special

 जब जिस्म मिट्टी में मिलना चाहे,
और रूह आसमान में भटकना चाहे,
तुम मुझे अपने पास बुला लेना,
ए मौत मुझे गले लगा लेना...!

---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special

जब जिस्म मिट्टी में मिलना चाहे, और रूह आसमान में भटकना चाहे, तुम मुझे अपने पास बुला लेना, ए मौत मुझे गले लगा लेना...! ---(GUSTAKHI MAAF)

11 Love

यादों के समुंदर में एक कतरा इतना खास बना बैठा, जितना दूर रहना था उससे, उतना उसके पास जा बैठा, और कोशिश की थी मैंने कि मैं खुद को तुझसे दूर रखूं, जितना रोका खुद को, उतना तुझको अपना सा बना बैठा, और मैं गलत हूं मुझे पता है, तू सही है मुझे यकीन है, मगर ये दिल है ये तो फिर से वही गलती दोहरा बैठा, तू उगता सूरज है तेरा लिए नया सवेरा है, कुबूल कर, मैं ढलती शाम सा डूबना तो मैं नसीब में लिखा बैठा, और शुक्रिया मुझ भटके को मंजिल तक पहुंचाने के लिए, तुझसे मिलने पर मैं सफर को अपना साथी बना बैठा, और कभी पीछे मूड कर अपनी आँखे नम ना करना, कहीं तुझे अपने सफर का साथी कोई और बना बैठा, खुश रह तू आबाद रहे, चाहा तेरी राहो में कलिया सजाना, ना जाने कब तेरे लियो कांटो का बाग बिछ बैठा, की यादों के समुंदर में एक कतरा इतना खास बना बैठा, जितना दूर रहना था उसे उतना उसके पास जा बैठा... ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special

#Dark  यादों के समुंदर में एक कतरा इतना खास बना बैठा,
जितना दूर रहना था उससे, उतना उसके पास जा बैठा,
और कोशिश की थी मैंने कि मैं खुद को तुझसे दूर रखूं, 
जितना रोका खुद को, उतना तुझको अपना सा बना बैठा, 
और मैं गलत हूं मुझे पता है, तू सही है मुझे यकीन है,
मगर ये दिल है ये तो फिर से वही गलती दोहरा बैठा,
तू उगता सूरज है तेरा लिए नया सवेरा है, कुबूल कर, 
मैं ढलती शाम सा डूबना तो मैं नसीब में लिखा बैठा,
और शुक्रिया मुझ भटके को मंजिल तक पहुंचाने के लिए,
तुझसे मिलने पर मैं सफर को अपना साथी बना बैठा,
और कभी पीछे मूड कर अपनी आँखे नम ना करना,
कहीं तुझे अपने सफर का साथी कोई और बना बैठा,
खुश रह तू आबाद रहे, चाहा तेरी राहो में कलिया सजाना,
ना जाने कब तेरे लियो कांटो का बाग बिछ बैठा,
की यादों के समुंदर में एक कतरा इतना खास बना बैठा, 
जितना दूर रहना था उसे उतना उसके पास जा बैठा...
---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special

#Dark

12 Love

जब "राहत" गए थे, तो थोड़ी राहत तो थी "राना", की तू है, मगर, यह इश्क की तालीम देने वाले मसीहा, तू भी यूं रूठकर चला जाएगा ये सोचा ना था...! ---RIP LEGEND🙏 #MUNAWWAR RANA SIR ©someone special

#MunawwarRana #Munawwar #Quotes  जब "राहत" गए थे, तो थोड़ी राहत तो थी "राना",
की तू है, मगर, यह इश्क की तालीम देने वाले मसीहा,
तू भी यूं रूठकर चला जाएगा ये सोचा ना था...!
---RIP LEGEND🙏
#MUNAWWAR RANA SIR

©someone special

RIP LEGEND #MunawwarRana

15 Love

यूं धुआ धुआ सा हू, ना जाने कोन सी उलझन है, अभी तक तेरी सादगी के कायल थे, अब तेरी कशिश की दीवाने है...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special

 यूं धुआ धुआ सा हू,
ना जाने कोन सी उलझन है, 
अभी तक तेरी सादगी के कायल थे,
अब तेरी कशिश की दीवाने है...!

---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special

यूं धुआ धुआ सा हू, ना जाने कोन सी उलझन है, अभी तक तेरी सादगी के कायल थे, अब तेरी कशिश की दीवाने है...! ---(GUSTAKHI MAAF)

11 Love

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