Rajdeep Parmar

Rajdeep Parmar

कर्म ही मेरी असली पहचान है वरना एक ही नाम के दुनिया में हजारों इंसान हैं 🙏🙏 झाँसी (बुंदेलखंड) उ० प्र०

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तू कृष्ण- सा सारथी मेरा मैं अनभिज्ञ -सा पार्थ तेरा, प्रतिपक्ष से भयभीत नहीं हे! सखा जब साथ हो तेरा। ©Rajdeep Parmar

#Pyardosti  तू कृष्ण- सा सारथी मेरा
मैं अनभिज्ञ -सा पार्थ तेरा, 
प्रतिपक्ष से भयभीत नहीं
हे! सखा जब साथ हो तेरा।

©Rajdeep Parmar

#Pyardosti

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नश्वर काया की चिंता नहीं है साहेब हम तो अंतरात्मा का चिंतन करते हैं, जमाने से मिले जख्मों पे क्रंदन नहीं हम तो जख्म सीने का मंथन करते हैं. आजकल गैरों से नहीं साहेब..... हम तो अपनो से ज्यादा सावधान रहते हैं, अगर मिल जाये जिससे मन मेरा तो हम उसका ह्रदय से अभिनंदन करते हैं. जब फँस जाये मेरी भवँर में नौका तब पार मेरे रघुनंदन ही करते हैं, ऐसे दीनदयाल रघुनंदन जी का.... हम सदा निज भावों से वंदन करते हैं। स्वरचित् ✍ राजदीप राजा 🌷🙏🙏 ©Rajdeep Parmar

#विचार  नश्वर काया की चिंता नहीं है साहेब
हम तो अंतरात्मा का चिंतन करते हैं, 

जमाने से मिले जख्मों पे क्रंदन नहीं
हम तो जख्म सीने का मंथन करते हैं. 

आजकल गैरों से नहीं साहेब..... 
हम तो अपनो से ज्यादा सावधान रहते हैं, 

अगर मिल जाये जिससे मन मेरा
तो हम उसका ह्रदय से अभिनंदन करते हैं. 

जब फँस जाये मेरी भवँर में नौका
तब पार मेरे रघुनंदन ही करते हैं, 

ऐसे दीनदयाल रघुनंदन जी का.... 
हम सदा निज भावों से वंदन करते हैं। 

स्वरचित् ✍ राजदीप राजा
 🌷🙏🙏

©Rajdeep Parmar

नश्वर काया की चिंता नहीं है साहेब हम तो अंतरात्मा का चिंतन करते हैं, जमाने से मिले जख्मों पे क्रंदन नहीं हम तो जख्म सीने का मंथन करते हैं. आजकल गैरों से नहीं साहेब..... हम तो अपनो से ज्यादा सावधान रहते हैं, अगर मिल जाये जिससे मन मेरा तो हम उसका ह्रदय से अभिनंदन करते हैं. जब फँस जाये मेरी भवँर में नौका तब पार मेरे रघुनंदन ही करते हैं, ऐसे दीनदयाल रघुनंदन जी का.... हम सदा निज भावों से वंदन करते हैं। स्वरचित् ✍ राजदीप राजा 🌷🙏🙏 ©Rajdeep Parmar

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" जब हिंदी भाषा हमारे हिंदुस्तान की है धड़कन तब फिर क्यों पाशचात्य अंग्रेजी का है चलन , सरकारी काम- काज में अंग्रेजी का है प्रचलन तभी तो गाँव के किसानों को आती है अड़चन। " ✍- राजदीप राजा #राष्ट्रीय हिंदी दिवस् की सभी देशवासियों को शुभकामनाएँ 🌷🌷🙏🙏 ©Rajdeep Parmar

#राष्ट्रीय #विचार  " जब हिंदी भाषा हमारे हिंदुस्तान की है धड़कन 
  तब फिर क्यों  पाशचात्य  अंग्रेजी का है चलन , 
  सरकारी काम- काज में अंग्रेजी का है प्रचलन
  तभी तो गाँव के किसानों को आती है अड़चन। "

✍- राजदीप राजा 
#राष्ट्रीय हिंदी दिवस् की सभी देशवासियों को
शुभकामनाएँ 🌷🌷🙏🙏

©Rajdeep Parmar

" जब हिंदी भाषा हमारे हिंदुस्तान की है धड़कन तब फिर क्यों पाशचात्य अंग्रेजी का है चलन , सरकारी काम- काज में अंग्रेजी का है प्रचलन तभी तो गाँव के किसानों को आती है अड़चन। " ✍- राजदीप राजा #राष्ट्रीय हिंदी दिवस् की सभी देशवासियों को शुभकामनाएँ 🌷🌷🙏🙏 ©Rajdeep Parmar

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" मेरा पिता " -------------------------------- पिता वो घोँसला है जो देता हमें हौसला है, पिता के बिना बेटा अकेला है....😊 ------------------------------- पिता संस्कारों का सरोवर है जिससे बनता चरित्र मनोहर है, पिता की सीख हमारे लिए अमूल्य धरोहर है। ------------------------------------ पिता ही हमारा सच्चा मित्र पिता महान सलाहकार है, पिता की डांट मे छुपा बड़ा ही अनोखा प्यार है. -------------------------------- पिता जब धूप में जलता है तब जाकै परिवार पलता है, बेटा हमारा अनुशासन मे रहे इसलिए थोड़ा लाड़ कम करता है। -------------------------------------- पिता संघर्ष का ऐसा सागर है जो भर देता हमारा ज्ञान का गागर है किसी का प्रहार न चल सके ऐसा पिता का साया हमारे ऊपर है. --------------------------------------- पिता हमारी वो ढाल है जो करता हमारी देखभाल है, पिता का प्यार बेमिसाल है जिसको मिलता रहता खुशहाल है। ----------------------------------------- कहने को तो हमदर्द हजार हैं पर दुनिया के सब झूठे इजहार हैं, कहीं धोखेवाज तो कहीं गद्दार हैं पिता ही हमारे सबसे दिलदार हैं. -------------------------------------------- पिता की महिमा अपरंपार् है पिता की छाया शीतलदार है, आज भाषद हैं "राजदीप सिंह" पिता ही हमारा सच्चा प्यार है। -------------------------------------- ✍.स्वरचित्- राजदीप राजा 🙏 ************************** ©Rajdeep Parmar

#AWritersStory  " मेरा पिता "
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पिता वो घोँसला है
जो देता हमें हौसला है, 
पिता के बिना
बेटा अकेला है....😊
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पिता  संस्कारों का सरोवर है
जिससे बनता चरित्र मनोहर है, 
पिता की सीख
हमारे लिए अमूल्य धरोहर है। 
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पिता ही हमारा सच्चा मित्र
पिता महान सलाहकार है, 
पिता की डांट मे 
छुपा बड़ा ही अनोखा प्यार है. 
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पिता जब धूप में जलता है
तब जाकै  परिवार पलता है, 
बेटा हमारा अनुशासन मे रहे
इसलिए थोड़ा लाड़ कम करता है। 
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पिता संघर्ष का ऐसा  सागर है
जो भर देता हमारा ज्ञान का गागर है
किसी का  प्रहार न चल सके
ऐसा पिता का साया हमारे ऊपर है. 
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पिता हमारी वो ढाल है
जो करता हमारी देखभाल है, 
पिता का  प्यार बेमिसाल है
जिसको मिलता रहता खुशहाल है। 
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कहने को तो हमदर्द हजार हैं
पर दुनिया के सब झूठे इजहार हैं, 
कहीं धोखेवाज तो कहीं गद्दार हैं
पिता ही हमारे सबसे दिलदार हैं. 
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पिता की महिमा अपरंपार् है
पिता की छाया शीतलदार है, 
आज भाषद हैं "राजदीप सिंह"
पिता ही हमारा सच्चा प्यार है। 
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✍.स्वरचित्- राजदीप राजा 🙏
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©Rajdeep Parmar

" मेरे पिता " पिता वो घोँसला है जो देत हमें हौसला है, पिता के बिना बेटा अकेला है....😊 पिता संस्कारन को सरोवर है जी से बनत चरित्र मनोहर है, पिता की सीख हमाय लाने अमूल्य धरोहर है। पिता ही हमाव सच्चो मित्र और महान सलाहकार है, पिता की डांट मे भी छुपो बड़ो अनोखो प्यार है. पिता जब धूप में जलता है तब जाकै परिवार पलता है, बेटा हमाव अनुशासन मे रय ई से तनिक लाड़ कम करता है। पिता संघर्ष को ऐसो सागर है जो भर देत हमाव ज्ञान को गागर है कोउ को वार न चलपे जू पिता को साया हमाय ऊपर है. पिता हमाई वो ढाल है जो करत हमाई देखभाल है, पिता कौ प्यार बेमिसाल है जीखों मिलत सो होत खुशहाल है। कहबे खों तो हमदर्द हजार हैं पर दुनिया के सब झूठे इजहार हैं, कितऊँ धोखेवाज तो कितऊँ गद्दार हैं पिता ही हमाय सबसे दिलदार हैं. पिता की महिमा अपरंपार् है जी की छाया शीतलदार है, आज भाषद हैं "राजदीप सिंह" पिता ही हमाव सच्चो प्यार है। ✍.स्वरचित्- राजदीप राजा 🙏 ©Rajdeep Parmar

#AWritersStory  " मेरे पिता "
पिता वो घोँसला है
जो देत हमें हौसला है, 
पिता के बिना
बेटा अकेला है....😊

पिता  संस्कारन को सरोवर है
जी से बनत चरित्र मनोहर है, 
पिता की सीख
हमाय लाने अमूल्य धरोहर है। 

पिता ही हमाव सच्चो मित्र
और महान सलाहकार है, 
पिता की डांट मे भी 
छुपो बड़ो अनोखो प्यार है. 

पिता जब धूप में जलता है
तब जाकै  परिवार पलता है, 
बेटा हमाव अनुशासन मे रय
ई से तनिक लाड़ कम करता है। 

पिता संघर्ष को ऐसो  सागर है
जो भर देत हमाव ज्ञान को गागर है
कोउ को वार न चलपे जू
पिता को साया हमाय ऊपर है. 

पिता हमाई वो ढाल है
जो करत हमाई देखभाल है, 
 पिता कौ  प्यार बेमिसाल है
जीखों मिलत सो होत खुशहाल है। 

कहबे खों तो हमदर्द हजार हैं
पर दुनिया के सब झूठे इजहार हैं, 
कितऊँ धोखेवाज तो कितऊँ गद्दार हैं
पिता ही हमाय सबसे दिलदार हैं. 

पिता की महिमा अपरंपार् है
जी की छाया शीतलदार है, 
आज भाषद हैं "राजदीप सिंह"
पिता ही हमाव सच्चो प्यार है। 

✍.स्वरचित्- राजदीप राजा 🙏

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चाहे रहियो बुंदेलखंड में या बघेलखंड में चाहे रहियो लंदन -पेरिस या रुहेलखण्ड में चाहे बसो दुनिया के कौनऊ भूखंड में अगर हो बुंदेलखंड के बासी तुम प्यारे तो बुन्देली खों बसाय रहियो अपने कंठ में ✍-#राजदीप राजा # जय बुन्देली जय बुंदेलखंड 🚩 भारत माता की जय 🙏🙏 ©Rajdeep Parmar

#राजदीप  चाहे रहियो बुंदेलखंड में या बघेलखंड में
चाहे रहियो  लंदन -पेरिस या रुहेलखण्ड में
चाहे बसो  दुनिया के कौनऊ भूखंड में
अगर हो बुंदेलखंड के बासी  तुम प्यारे
तो बुन्देली खों बसाय रहियो अपने कंठ में
✍-#राजदीप राजा
# जय बुन्देली जय बुंदेलखंड 🚩
भारत माता की जय 🙏🙏

©Rajdeep Parmar

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