__JOURNEY 24

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मैं अपने दिल की बातो को शायरियों में बखूबी लिख रहा हूं। अभिनन्दन पाण्डेय। my Instagram ID @iabhinandanpandit and _shayri__walla_

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset इश्क करने की हद कहा तक है। मैं मर भी जाऊ अगर तो उसको फिकर कहा तक है।। जिसे फर्क तक नहीं पड़ता मेरे रूठ जाने से। फिर दूरियां ही बेहतर है इस फसाने से।। ©__JOURNEY 24

#शायरी #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset इश्क करने की हद कहा तक है।
मैं मर भी जाऊ अगर तो उसको फिकर कहा तक है।।

जिसे फर्क तक नहीं पड़ता मेरे रूठ जाने से।
फिर दूरियां ही बेहतर है इस फसाने से।।

©__JOURNEY 24

#SunSet शायरी हिंदी शायरी हिंदी में

15 Love

#शायरी #Identity  लफ़्ज मेरी पहचान बने तो बेहतर है,
चेहरे का क्या वो तो साथ चला जाएगा.



कैसे हो पाएगी अच्छे इंसान की पहचान,
जब दोनों ही नकली हो गये है आँसू और मुस्कान.

जान-पहचान बनाने से कुछ मिलता नही,
तूफ़ान कितना भी तेज हो पहाड़ हिलता नही.

अजनबी बने रहने में सुकून है,
ये जान पहचान जान ले लेती है.

©shayri walla
#शायरी #runaway  जिंदगी बहुत हसीन है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो जिंदगी की भीड़ में खुश रहता है,
जिंदगी उसी के आगे सिर झुकाती है।
बिना संघर्ष कोई महान नही होता,
बिना कुछ किए जय जय कार नही होता,
जब तक नहीं पड़ती हथौड़े की चोट,
तब तक कोई पत्थर भगवान नहीं होता।

हवाओं के भरोसे मत उड़,
चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं,
अपने पंखों पर भरोसा रख,
हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं।

ये जिंदगी हसीं है इससे प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो भरोसा वक्त पर एतबार करो।

काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,
यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,
जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए।

©shayri walla
#शायरी #Gulaab  किसी ने मुझ से कह दिया था ज़िंदगी पे ग़ौर कर
मैं शाख़ पर खिला हुआ गुलाब देखता रहा
 
काँटों से घिरा रहता है,
फिर भी गुलाब खिला रहता है 

आज ख़ुशबू भरे गुलाबों से
मेरे दामन को भर गया कोई.

गुलाब जैसी हो,
गुलाब लगती हो,
हल्का सा जो मुस्कुरा दो,
तो लाजवाब लगती हो.

©shayri walla
#शायरी #HumptyKavya  कुछ तुम को भी है अज़ीज़ अपने सभी उसूल,
कुछ हम भी इत्तफाक से ज़िद के मरीज़ है

ना जाने क्यूँ कुछ कमी सी लगती है....
तुम हो.....मैं हूँ.....लेकिन फिर हम क्यूँ नही है


ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं,
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं...

©shayri walla
#शायरी #humantouch  
इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता

ये माना ये जिंदगी है चार दिन की 
बहुत होते है यारो चार दिन भी।।

©shayri walla
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