Sunitashatruhansingh Netam

Sunitashatruhansingh Netam

मै और मेरी तन्हाई.....

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#कोट्स #मेरा

#मेरा घर कहां है?@Gyanendra Kukku Pandey @Anshu writer विजय रुचि Dhyaan mira

225 View

#कोट्स #safar  White Regrate करने से अच्छा
Risk लेना बेहतर है!

©Sunitashatruhansingh Netam

#safar अज्ञात @Ruchi Rathore विजय रुचि Suman Zaniyan

198 View

हैं तो हसीनों के मेले में, पर तेरी खातिर सबसे दीवार कर बैठे हैं! है तुमसी कई यहां,पर तुम सी नही तुम चाहिये, इसलिए सबसे इनकार कर बैठे हैं! दुसरे नजारें नजर-अंदाज कर दिए इन नजरों ने, जबसे तेरा दीदार कर बैठे हैं! तेरे खयालों और मेरी नींदो की कैसी साजिश, जो रातों से यलगार कर बैठे हैं! तेरे इंतजार मे न सावन हरा, फूल खिले न मधुमास में, और पतझड़ में बहार कर बैठे हैं! अपने हांथों मे जरा मेरा नाम लिख तो सही मेंहदी से, लाने को बारात तेरे घर, घोड़े पे सवार बैठे हैं! सुनीताशत्रुहनसिंह नेताम ©Sunitashatruhansingh Netam

#लवआजकल #Quotes  हैं तो हसीनों के मेले में,
पर तेरी खातिर सबसे दीवार कर बैठे हैं!
है तुमसी कई यहां,पर तुम सी नही तुम चाहिये,
इसलिए सबसे इनकार कर बैठे हैं!
दुसरे नजारें नजर-अंदाज कर दिए इन नजरों ने,
जबसे तेरा दीदार कर बैठे हैं!
तेरे खयालों और मेरी नींदो की कैसी साजिश,
जो रातों से यलगार कर बैठे हैं!
तेरे इंतजार मे न सावन हरा, फूल खिले न मधुमास में,
और पतझड़ में बहार कर बैठे हैं!
अपने हांथों मे जरा मेरा नाम लिख तो सही मेंहदी से,
लाने को बारात तेरे घर, घोड़े पे सवार बैठे हैं!


सुनीताशत्रुहनसिंह नेताम

©Sunitashatruhansingh Netam

#लवआजकल Suman Zaniyan Gyanendra Kumar Pandey विजय Preeti aggarwal Rohit Romun

15 Love

#मुस्कान #शायरी  ये सच है कि एक मुस्कुराहट चेहरे को 
   और भी खुबसुरत बना देती है......!


और इसीलिये जलते हैं कुछ लोग मेरी मुस्कान से
क्युकि मेरी मुस्कान मेरी "मां" से मिलती है....❤️

सुनीताशत्रुहनसिंह नेताम

©Sunitashatruhansingh Netam
#परदेसी_छत्तीसगढ़ी_ददरिया #शायरी  मीठ मीठ बोली म तोर भीजे मन मया म सराबोर,
सजोरहा अंतस के पीरा संग मऊहा के झोर!

बिन बरखा सागर भरे कोन,अऊ बिन राम कोन दूख हरे मोर!!

खाये ले सगा, अऊ देखे ले मया बाढ़े रे,
हूंत कराएंव तमहीच संगी तैं गली म ठाढ़े रे!

आबे जब ऊही चंदैनी संग चंदा के ओरी ओर!!

बरसा के लगे दिन जुड़हा, फेर सुरूज तात जनाय,
मया म बिन परदेशी,देंह ठेठरी कस सुखाय!

बदरी के छईंहा बरोबर रे बैरी परदेशिया मया तोर !!

चार दिन जिनगी, दू दिन जवानी, मया जनम भर के,
जीवन के अधार बिदेसी, झन छोड़ी देबे करार कर के!

जाके अपन देस झन बिसराबे,ए गठियाए मया के अंचरा के छोर!!

पहूना कस परदेसी तोर संग,रचे आरूग मन जस हरदी के रंग,
तैं बिन ठिहा ठिकाना के अजाद परेवना होत बिहान उड़ी जाबे पवन झकोरा संग!

घडी़ भर मया खातिर ए बिरही बर थोरकुन सावन ल अगोर!!

©Sunitashatruhansingh Netam
#शायरी #galiyaan  हम एक पल सांस लेना भूल सकते हैं❤️

पर एक पल के लिये भी तुम्हे नही भूल सकते.....!

©Sunitashatruhansingh Netam

#galiyaan @Kukku Dhyaan mira विजय

81 View

Trending Topic