mani naman

mani naman Lives in Haridwar, Uttarakhand, India

Director, musician and writer

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Red sands and spectacular sandstone rock formations क्यों है वो लापता समझता हूँ, मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ। ©mani naman

#Best  Red sands and spectacular sandstone rock formations क्यों है वो लापता समझता हूँ,
मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ।

©mani naman

#Best shayari क्यों है वो लापता समझता हूँ, मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ। मनी नमन

17 Love

New Year 2025 नए साल की नई हवा में नए गीत हम गाएं, स्नेह प्रवाह करें जन-जन तक खुशियाँ ही फैलाएं, अधियारे के बीच प्रेम की पावन अलख जगाएं बुझते घर की बाती का उज्ज्वल दीपक बन जाएं। ©mani naman

#Newyear2025  New Year 2025 नए साल की नई हवा में नए गीत हम गाएं,
स्नेह प्रवाह करें जन-जन तक खुशियाँ ही फैलाएं,
अधियारे के बीच प्रेम की पावन अलख जगाएं 
बुझते घर की बाती का उज्ज्वल दीपक बन जाएं।

©mani naman

hindi shayari happy new year #Newyear2025

14 Love

Unsplash रद्दी अख़बार की मर चुकी ख़बरों के बीच बची-खुची ज़िद्दी और स्वाभिमानी टैग लाइन से बस किसी तरह दो शब्द झाड़ लाया हूँ; तुम हेडलाइन देखकर कन्फ्यूज़ न होना, क्योंकि, अतीत से लाए गए शब्द अपना वजूद खोकर धुंधला ही जाते हैं; बस किसी तरह अपने वाक्यों के बीच मेरे शब्द सहेजकर उन्हें ज़िंदा रख लेना। ©mani naman

 Unsplash रद्दी अख़बार की 
मर चुकी ख़बरों के बीच 
बची-खुची ज़िद्दी और 
स्वाभिमानी टैग लाइन से 
बस किसी तरह 
दो शब्द झाड़ लाया हूँ;
तुम हेडलाइन देखकर 
कन्फ्यूज़ न होना,
क्योंकि,
अतीत से लाए गए शब्द 
अपना वजूद खोकर 
धुंधला ही जाते हैं;
बस किसी तरह 
अपने वाक्यों के बीच 
मेरे शब्द सहेजकर 
उन्हें ज़िंदा रख लेना।

©mani naman

मेरे शब्द

13 Love

विदाई पर सभी फूट-फूटकर रो रहे थे, माँ का बुरा हाल था बहन, चाची, मामी तिलमिला रहा था हर कोई, वो आज फिर अंदर के समंदर को रोककर चौराहे से अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, ज़िम्मेदार बाप जो था। ©mani naman

#foryoupapa  विदाई पर 
सभी फूट-फूटकर 
रो रहे थे,
माँ का बुरा हाल था 
बहन, चाची, मामी 
तिलमिला रहा था हर कोई,
वो आज फिर अंदर के 
समंदर को रोककर चौराहे से 
अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, 
ज़िम्मेदार बाप जो था।

©mani naman

#foryoupapa

8 Love

#fathers_day  White सभी फूट-फूटकर 
रो रहे थे,
माँ का बुरा हाल था 
बहन, चाची, मामी 
तिलमिला रहा था हर कोई,
वो आज फिर अंदर के 
समंदर को रोककर चौराहे से 
अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, 
ज़िम्मेदार बाप जो था।

©mani naman

#fathers_day

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दूर एक वीरान वृद्धाश्रम में, डूबे थे दोनों लाचारी के ग़म में। पोस्टमैन ने ज्यों ही कदम बढ़ाया बेबस बुढापे में खून लौट आया, बरसों की गुमसुम थी जो प्यास जग गई, माँ के मन में घर वापसी की आस जग गई, माँ का कलेजा लबालब भर आया, बाबा ने आँखों पर चश्मा चढ़ाया, अचानक कुलमुलाई आँखें भर आई, बेटे ने कोरियर से भेजी थी मिठाई, पूरी चिट्ठी में बस चार शब्द छपे थे, आप दोनों के परिवार को दीवाली की बधाई। ©mani naman

 दूर एक वीरान वृद्धाश्रम में,
डूबे थे दोनों लाचारी के ग़म में।
पोस्टमैन ने ज्यों ही कदम बढ़ाया
बेबस बुढापे में खून लौट आया,
बरसों की गुमसुम थी जो प्यास जग गई,
माँ के मन में घर वापसी की आस जग गई,
माँ का कलेजा लबालब भर आया,
बाबा ने आँखों पर चश्मा चढ़ाया,
अचानक कुलमुलाई आँखें भर आई,
बेटे ने कोरियर से भेजी थी मिठाई,
पूरी चिट्ठी में बस चार शब्द छपे थे,
आप दोनों के परिवार को दीवाली की बधाई।

©mani naman

diwali, दीवाली,दीपावली, वृद्धावस्था में माँ बाप

13 Love

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