विदाई पर सभी फूट-फूटकर रो रहे थे, माँ का बुरा हा | हिंदी Shayari

"विदाई पर सभी फूट-फूटकर रो रहे थे, माँ का बुरा हाल था बहन, चाची, मामी तिलमिला रहा था हर कोई, वो आज फिर अंदर के समंदर को रोककर चौराहे से अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, ज़िम्मेदार बाप जो था। ©mani naman"

 विदाई पर 
सभी फूट-फूटकर 
रो रहे थे,
माँ का बुरा हाल था 
बहन, चाची, मामी 
तिलमिला रहा था हर कोई,
वो आज फिर अंदर के 
समंदर को रोककर चौराहे से 
अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, 
ज़िम्मेदार बाप जो था।

©mani naman

विदाई पर सभी फूट-फूटकर रो रहे थे, माँ का बुरा हाल था बहन, चाची, मामी तिलमिला रहा था हर कोई, वो आज फिर अंदर के समंदर को रोककर चौराहे से अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, ज़िम्मेदार बाप जो था। ©mani naman

#foryoupapa

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