दूर एक वीरान वृद्धाश्रम में,
डूबे थे दोनों लाचारी के ग़म में।
पोस्टमैन ने ज्यों ही कदम बढ़ाया
बेबस बुढापे में खून लौट आया,
बरसों की गुमसुम थी जो प्यास जग गई,
माँ के मन में घर वापसी की आस जग गई,
माँ का कलेजा लबालब भर आया,
बाबा ने आँखों पर चश्मा चढ़ाया,
अचानक कुलमुलाई आँखें भर आई,
बेटे ने कोरियर से भेजी थी मिठाई,
पूरी चिट्ठी में बस चार शब्द छपे थे,
आप दोनों के परिवार को दीवाली की बधाई।
©mani naman
diwali, दीवाली,दीपावली, वृद्धावस्था में माँ बाप