Rajesh Kumar

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White जवां होने लगी है ये रात होके यूं बेपर्दा। सरकती जाए नक़ाब रुख़ से आहिस्ता। दीदार हुस्न का होता रहे हरदम जानिब, बहकती जाए ये चांदनी रात आहिस्ता। ---राजेश कुमार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) दिनांक:-26/12/2024 ©Rajesh Kumar

#शायरी #Sad_Status  White जवां होने लगी है ये रात होके यूं बेपर्दा।
सरकती जाए नक़ाब रुख़ से आहिस्ता।
दीदार हुस्न का होता रहे हरदम जानिब,
बहकती जाए ये चांदनी रात आहिस्ता।

---राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-26/12/2024

©Rajesh Kumar

#Sad_Status

16 Love

मैंने अपनी प्राण लुटा दी ××××××××××××××××××× तूझपे सुबहो शाम लुटा दी। मैंने दिल ओ जान लुटा दी। नज्मे, बज़्में, गीत व ग़ज़लें, तूझपे सब सम्मान लुटा दी। ख़ाब लुटा दी, शुकूं लुटा दी। नींदें अपनी आराम लुटा दी। मेरे दिल का हाल मत पूछो, मैंने खुशियां तमाम लुटा दी। चाहत अपनी आस लुटा दी। जीवन की तलाश लुटा दी। कसमें, वादे व रीति-रिवाज़ें, मैंने मन की प्यास लुटा दी। नाम लुटा दी, दाम लुटा दी। सारी एशो-आराम लुटा दी। पीया जाम आंखों से हमनें, मैंने अपनी प्राण लुटा दी। ••••••••••••••••••••• ---राजेश कुमार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) दिनांक:-26/12/2024 ©Rajesh Kumar

#कविता #leafbook  मैंने अपनी प्राण लुटा दी 
×××××××××××××××××××
तूझपे सुबहो शाम लुटा दी।
मैंने दिल ओ जान लुटा दी।
नज्मे, बज़्में, गीत व ग़ज़लें,
तूझपे सब सम्मान लुटा दी।

ख़ाब लुटा दी, शुकूं लुटा दी।
नींदें अपनी आराम लुटा दी।
मेरे दिल का  हाल मत पूछो,
मैंने खुशियां तमाम लुटा दी।

चाहत अपनी आस लुटा दी।
जीवन की  तलाश  लुटा दी।
कसमें, वादे व रीति-रिवाज़ें,
मैंने मन की  प्यास लुटा दी।

नाम लुटा दी, दाम लुटा दी।
सारी एशो-आराम लुटा दी।
पीया जाम आंखों से हमनें,
मैंने  अपनी  प्राण लुटा दी।
•••••••••••••••••••••
---राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-26/12/2024

©Rajesh Kumar

#leafbook

10 Love

....तजुर्बा कोई कम तो नहीं •••••••••••••••••••••••••••••••••••• ऐ समंदर! तू गुरूर ना कर अपनी गहराई पर इतना, इन आंखों में डूब जाने का तजुर्बा कोई कम तो नहीं। प्यार की खुशबूओं में महकते हुए तेरे ख़त काफ़ी, जहां तुम तुम तो नहीं और जहां हम हम तो नहीं। वक्त ने बहुत दूर किया मुझको मेरी परछाईं से, तुम ग़र साथ हो तो जिंदगी में कोई ग़म तो नहीं। दरमियान इन फासलों में नहीं लम्हों ने ख़ता की है, लबों पर हंसी इतनी पर आंखें इतनी नम तो नहीं। तेरी खामोशियां भी बोलतीं हैं मोहब्बत की जुबां, अपनी धड़कन से पूछो मैं तेरा हमदम तो नहीं। याद आता है अक्सर मुझको तेरी आंखों का नशा, मेरी जन्नत है ये या कोई आब़-ए-ज़मज़म तो नहीं। कैसे भूलेंगे उम्र भर हम वो तुम्हारा नूरानी चेहरा? ज़ख़्म भर जाएंगे दिल के हाथ तेरे मरहम तो नहीं। ×××××××××××××××××××××××××××××× -----राजेश कुमार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) दिनांक:-25/12/2024 ©Rajesh Kumar

#शायरी #leafbook  ....तजुर्बा कोई कम तो नहीं 
••••••••••••••••••••••••••••••••••••
ऐ समंदर! तू गुरूर ना कर अपनी गहराई पर इतना,
इन आंखों में डूब जाने का तजुर्बा कोई कम तो नहीं।

प्यार की खुशबूओं में महकते हुए तेरे ख़त काफ़ी,
जहां तुम तुम तो नहीं और जहां हम हम तो नहीं।

वक्त ने बहुत दूर किया मुझको मेरी परछाईं से,
तुम ग़र साथ हो तो जिंदगी में कोई ग़म तो नहीं।

दरमियान इन फासलों में नहीं लम्हों ने ख़ता की है, 
लबों पर हंसी इतनी पर आंखें इतनी नम तो नहीं।

तेरी खामोशियां भी बोलतीं हैं मोहब्बत की जुबां,
अपनी धड़कन से पूछो मैं तेरा हमदम तो नहीं।

याद आता है अक्सर मुझको तेरी आंखों का नशा,
मेरी जन्नत है ये या कोई आब़-ए-ज़मज़म तो नहीं।

कैसे भूलेंगे उम्र भर हम वो तुम्हारा नूरानी चेहरा?
ज़ख़्म भर जाएंगे दिल के हाथ तेरे मरहम तो नहीं।
××××××××××××××××××××××××××××××
-----राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-25/12/2024

©Rajesh Kumar

#leafbook

12 Love

.......क्या चीज़ है जिंदगी? °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° प्यार के किस्से हैं और कुसूर है जिंदगी। हक़ीकतों से अपनी बहुत दूर है जिंदगी। धड़कनों के शय पर पलतीं हैं मेरी सांसें, देखे तो मौत के बहुत करीब है जिंदगी। बिखरे हुए ख्वाबों को समेटे हैं उम्र भर, लगता है कि कागज़ के फूल है जिंदगी। मोहब्बत व इनायत के शाइस्ता बसर हैं, फूलों में छिपे हुए तीखी शूल है जिंदगी। हालात के दरख्तों से फिसलती है रोज़, लम्हों के हाथ से बहुत मजबूर हैं जिंदगी। ज़र्रा ज़र्रा जिस्म मेरा यह मरता रहा यूहीं, जाने ये किस नशे में बहुत चूर है जिंदगी? बर्बादियों के जश्न पर रोता रहा इंसान, सौगात में मिली खुदा की नूर है जिंदगी। पाया है जो कुछ यहां लौटाना ही पड़ेगा, फिर भी किस बात पे मगरूर है जिंदगी? दौलत को पाकर आदमी गुमान में जीता, आए चले गए पर कुछ मशहूर है जिंदगी। कुछ दर्द हैं,आंसू हैं,खुशियों के कुछ पल, यहां कौन जान पाया क्या चीज़ जिंदगी? ×××××××××××××××××××××××××× ---राजेश कुमार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) दिनांक:-24/12/2024 ©Rajesh Kumar

#कविता #leafbook  .......क्या चीज़ है जिंदगी?
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
प्यार के किस्से हैं और कुसूर है जिंदगी।
हक़ीकतों से अपनी बहुत दूर है जिंदगी।

धड़कनों के शय पर पलतीं हैं मेरी सांसें,
देखे तो मौत के बहुत करीब है जिंदगी।

बिखरे हुए ख्वाबों को समेटे हैं उम्र भर,
लगता है कि कागज़ के फूल है जिंदगी।

मोहब्बत व इनायत के शाइस्ता बसर हैं,
फूलों में छिपे हुए तीखी शूल है जिंदगी।

हालात के  दरख्तों से  फिसलती है रोज़,
लम्हों के हाथ से बहुत मजबूर हैं जिंदगी।

ज़र्रा ज़र्रा जिस्म मेरा यह मरता रहा यूहीं,
जाने ये किस नशे में बहुत चूर है जिंदगी?

बर्बादियों  के जश्न पर  रोता रहा  इंसान,
सौगात में मिली खुदा की नूर है जिंदगी।

पाया है जो कुछ यहां लौटाना ही पड़ेगा,
फिर भी किस बात पे मगरूर है जिंदगी?

दौलत को पाकर आदमी गुमान में जीता,
आए चले गए पर कुछ मशहूर है जिंदगी।

कुछ दर्द हैं,आंसू हैं,खुशियों के कुछ पल,
यहां कौन जान पाया क्या चीज़ जिंदगी?
××××××××××××××××××××××××××
---राजेश कुमार
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-24/12/2024

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#leafbook

16 Love

White तुम्हीं से है ••••••••••••••••••• जीवन का सार तुम्हीं से है। सांसों का प्यार तुम्हीं से है। तूझमें है मेरी प्राण छिपी, और सब श्रृंगार तुम्हीं से है। जीवन का लक्ष्य तुम्हीं से है। और अंतिम सत्य तुम्हीं से है। तूझमें सांसों की डोर प्रिये! और ये व्यक्तिगत तुम्हीं से है। गज़लें और गीत तुम्हीं से है। मन का संगीत तुम्हीं से है। तूझमें हृदय की आस जगी, व हृदय की प्रीत तुम्हीं से है। ये हार और जीत तुम्हीं से है। वर्तमान, अतीत तुम्हीं से है। तूझमें है मेरी आराध्य छिपी, ये सारा अस्तित्व तुम्हीं से है। •••••••••••••••••••• ---राजेश कुमार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) दिनांक:-23/12/2024 ©Rajesh Kumar

#कविता #love_shayari  White तुम्हीं से है 
•••••••••••••••••••
जीवन का सार तुम्हीं से है।
सांसों का प्यार तुम्हीं से है।
तूझमें  है  मेरी प्राण  छिपी,
और सब श्रृंगार तुम्हीं से है।

जीवन का  लक्ष्य तुम्हीं से है।
और अंतिम सत्य तुम्हीं से है।
तूझमें  सांसों  की डोर प्रिये!
और ये व्यक्तिगत तुम्हीं से है।

गज़लें और गीत तुम्हीं से है।
मन का  संगीत  तुम्हीं से है।
तूझमें हृदय की आस जगी,
व हृदय की प्रीत तुम्हीं से है।

ये हार और जीत तुम्हीं से है।
वर्तमान, अतीत  तुम्हीं से है।
तूझमें है मेरी आराध्य छिपी,
ये सारा अस्तित्व तुम्हीं से है।
••••••••••••••••••••
---राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-23/12/2024

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#love_shayari

15 Love

मेरे इश्क़ की सज़ा ही कुछ और था। दिल टूटने का मज़ा ही कुछ और था। पहली बार इश्क़ का नतीजा आखिरी, मुझे रुलाने की रज़ा ही कुछ और था। रात जुगुनूओं के साये में गुजरता रहा, रातें हसीन थीं फ़जा ही कुछ और था। ---राजेश कुमार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) दिनांक:-22/12/2024 ©Rajesh Kumar

#शायरी #leafbook  मेरे इश्क़ की  सज़ा ही कुछ और था।
दिल टूटने का मज़ा ही कुछ और था।

 पहली बार इश्क़ का नतीजा आखिरी,
मुझे रुलाने की रज़ा ही कुछ और था।

रात जुगुनूओं के साये में गुजरता रहा,
 रातें हसीन थीं फ़जा ही कुछ और था।

---राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-22/12/2024

©Rajesh Kumar

#leafbook

16 Love

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