Navratna Arpit

Navratna Arpit

किसी की आंखो में न खटक जाऊँ इसलिए अब बहुत कम दिखता हूँ!!! मैं सोचता तो बहुत पर कुछ लोगों के डर से कम लिखता हूँ!!! अगर लग जाये ठोकर अपनों से तो लोग पत्थरों से भी नफरत कर बैठते हैं,,,, मगर मैं उन लोगों से भी कुछ न कुछ सिखाता हूँ!!!

https://www.youtube.com/@aawazdilki8052

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#chandrayaan3  दुआ   कूबूल   हुई   जन्नत   की  राहों में हैं हम!!!

आज   सारी    दुनियां   की    निगाहों में हैं हम!!!

जिसे  कभी   चंदा    मामा    कहकर  बुलाते थे,,, 

जरा गौर से देखो आज उसकी पनाहों में हैं हम!!!
नवरत्न""अर्पित""
    मुम्बई
23/08/2023

©Navratna Arpit

#chandrayaan3

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#safar  ढूंढ़   लो   खुद   का   घर    बेघर हैं हम!!! 
साथ   कैसे    रहोगे    दर    बदर हैं हम?? 

पी  लोगे  कहीं   घूट   के   मर  जाओगे,,, 
हर  किसी  की   नजर   में  जहर हैं हम!!! 

हैं  वो   वीरान   फिर भी चमकते हैं जो,,, 
ऐसे    रंगत    भरे   इक     शहर हैं हम!!! 

हमसे  अदावत  बगावत न  करना कभी,,, 
दुश्मनों    के    लिए   बस  कहर हैं हम!!! 

जो  किनारों  पे जाकर  के  मिट जाते है,,, 
वो    समुन्दर   के   उठते   लहर हैं हम!!! 

खुद के सीनें  पे सब  कुछ उगाया मगर,,, 
लोग कहते  है फिर भी कि बंजर हैं हम!!! 

"अर्पित"  राह  में  अब  न छोड़ेंगे कभी,,, 
आखिरी मंजिल तक के रहगुजर हैं हम!!! 
नवरत्न""अर्पित""
   ‌ मुम्बई
17/08/2023

©Navratna Arpit

#safar

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#SunSet  ढूंढ़   लो   खुद   का   घर    बेघर हैं हम!!! 
साथ   कैसे    रहोगे    दर    बदर हैं हम?? 

पी  लोगे  कहीं   घूट   के   मर  जाओगे,,, 
हर  किसी  की   नजर   में  जहर हैं हम!!! 

हैं  वो   वीरान   फिर भी चमकते हैं जो,,, 
ऐसे    रंगत    भरे   इक     शहर हैं हम!!! 

हमसे  अदावत  बगावत न  करना कभी,,, 
दुश्मनों    के    लिए   बस  कहर हैं हम!!! 

जो  किनारों  पे जाकर  के  मिट जाते है,,, 
वो    समुन्दर   के   उठते   लहर हैं हम!!! 

खुद के सीनें  पे सब  कुछ उगाया मगर,,, 
लोग कहते  है फिर भी कि बंजर हैं हम!!! 

"अर्पित"  राह  में  अब  न छोड़ेंगे कभी,,, 
आखिरी मंजिल तक के रहगुजर हैं हम!!! 
नवरत्न""अर्पित""
   ‌ मुम्बई
17/08/2023

©Navratna Arpit

#SunSet

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हर     रोज    छुप   के   तेरा  दीदार कर रहा हूँ!!! तुझको   पता   नहीं   है  तुझे  प्यार कर रहा हूँ!!! मुझको जरा सा समझो दुनियां से खा के ठोकर,,, जाने  क्यों  फिर  भी  तुझपे ऐतबार कर रहा हूँ!!! कुछ मिल रही  हैं  उम्मीदें  दिल में मेरे सूकून है,,, तुझपे  ही जान-ए-जाना  जां निसार कर रहा हूँ!!! मेरे दिल की सरजमीं‌  पे कर  लो तुम्हीं हूकूमत,,, सरेआम    आज    तुझसे  इजहार कर रहा हूँ!!! तुम भी  तो कुछ कहो  ना  मुझ  से  मेरे मसीहा,,, इजहार-ए- मोहब्बत  का  इन्तजार कर रहा हूँ!!! तुम  ही हो  मेरी शोहरत  तुम ही हो मेरी चाहत,,, दुनियां   की  सारी   दौलत इनकार कर रहा हूँ!!! तेरे  बिना  भी  जीना,  जीना  भी  क्या है जीना,,, दामन   पकड़    लो    मेरा मनुहार कर रहा हूँ!!! मेरी  सारी ख्वाहिशें  अब  तेरे  ही  हाथ  में  है,,, तुझपे   ही   अब   भरोसा सरकार कर रहा हूँ!!! अपने  हर  एक  सपनें  तुम  मेरे नाम  कर  दो,,, अरमान     सारे      तेरे    स्वीकार कर रहा हूंँ!!! नवरत्न""अर्पित""     मुम्बई 01/05/2023 ©Navratna Arpit

#humantouch  हर     रोज    छुप   के   तेरा  दीदार कर रहा हूँ!!!
तुझको   पता   नहीं   है  तुझे  प्यार कर रहा हूँ!!! 

मुझको जरा सा समझो दुनियां से खा के ठोकर,,, 
जाने  क्यों  फिर  भी  तुझपे ऐतबार कर रहा हूँ!!! 

कुछ मिल रही  हैं  उम्मीदें  दिल में मेरे सूकून है,,, 
तुझपे  ही जान-ए-जाना  जां निसार कर रहा हूँ!!! 

मेरे दिल की सरजमीं‌  पे कर  लो तुम्हीं हूकूमत,,, 
सरेआम    आज    तुझसे  इजहार कर रहा हूँ!!! 

तुम भी  तो कुछ कहो  ना  मुझ  से  मेरे मसीहा,,, 
इजहार-ए- मोहब्बत  का  इन्तजार कर रहा हूँ!!!

तुम  ही हो  मेरी शोहरत  तुम ही हो मेरी चाहत,,, 
दुनियां   की  सारी   दौलत इनकार कर रहा हूँ!!! 

तेरे  बिना  भी  जीना,  जीना  भी  क्या है जीना,,, 
दामन   पकड़    लो    मेरा मनुहार कर रहा हूँ!!!

मेरी  सारी ख्वाहिशें  अब  तेरे  ही  हाथ  में  है,,, 
तुझपे   ही   अब   भरोसा सरकार कर रहा हूँ!!! 

अपने  हर  एक  सपनें  तुम  मेरे नाम  कर  दो,,, 
अरमान     सारे      तेरे    स्वीकार कर रहा हूंँ!!! 
नवरत्न""अर्पित""
    मुम्बई 
01/05/2023

©Navratna Arpit

#humantouch

16 Love

हर     रोज    छुप   के   तेरा   दीदार कर रहा हूँ!!! तुझको   पता   नहीं   है  तुझे   प्यार कर रहा हूँ!!! मुझको जरा सा समझो दुनियां से खा के ठोकर,,, जाने  क्यों  फिर  भी  तुझपे  ऐतबार कर रहा हूँ!!! मिल रही  हैं  कुछ  उम्मीदें  दिल में मेरे सूकून है,,, तुझपे  ही जान-ए-जाना  जां निसार कर रहा हूँ!!! मेरे दिल की  सरजमीं‌  पे कर  लो तुम्हीं हूकूमत,,, सरेआम    आज    तुझसे   इजहार कर रहा हूँ!!! तुम भी  तो कुछ कहो  ना  मुझ  से  मेरे मसीहा,,, इजहार-ए- मोहब्बत  का   इन्तजार कर रहा हूँ!!! तुम  ही हो  मेरी  शोहरत  तुम ही हो मेरी चाहत,,, दुनियां   की  सारी   दौलत  इनकार कर रहा हूँ!!! तेरे  बिना  भी  जीना,  जीना  भी  क्या है जीना,,, दामन   पकड़    लो    मेरा  मनुहार कर रहा हूँ!!! मेरी  सारी  ख्वाहिशें  अब  तेरे  ही  हाथ  में  है,,, तुझपे   ही   अब   भरोसा  सरकार कर रहा हूँ!!! अपने  हर  एक  सपनें  तुम  मेरे  नाम  कर  दो,,, अरमान     सारे      तेरे     स्वीकार कर रहा हूंँ!!! नवरत्न""अर्पित""      मुम्बई 01/05/2023 ©Navratna Arpit

#selflove  हर     रोज    छुप   के   तेरा   दीदार कर रहा हूँ!!!
तुझको   पता   नहीं   है  तुझे   प्यार कर रहा हूँ!!! 

मुझको जरा सा समझो दुनियां से खा के ठोकर,,, 
जाने  क्यों  फिर  भी  तुझपे  ऐतबार कर रहा हूँ!!! 

मिल रही  हैं  कुछ  उम्मीदें  दिल में मेरे सूकून है,,, 
तुझपे  ही जान-ए-जाना  जां निसार कर रहा हूँ!!! 

मेरे दिल की  सरजमीं‌  पे कर  लो तुम्हीं हूकूमत,,, 
सरेआम    आज    तुझसे   इजहार कर रहा हूँ!!! 

तुम भी  तो कुछ कहो  ना  मुझ  से  मेरे मसीहा,,, 
इजहार-ए- मोहब्बत  का   इन्तजार कर रहा हूँ!!!

तुम  ही हो  मेरी  शोहरत  तुम ही हो मेरी चाहत,,, 
दुनियां   की  सारी   दौलत  इनकार कर रहा हूँ!!! 

तेरे  बिना  भी  जीना,  जीना  भी  क्या है जीना,,, 
दामन   पकड़    लो    मेरा  मनुहार कर रहा हूँ!!!

मेरी  सारी  ख्वाहिशें  अब  तेरे  ही  हाथ  में  है,,, 
तुझपे   ही   अब   भरोसा  सरकार कर रहा हूँ!!! 

अपने  हर  एक  सपनें  तुम  मेरे  नाम  कर  दो,,, 
अरमान     सारे      तेरे     स्वीकार कर रहा हूंँ!!! 
नवरत्न""अर्पित""
     मुम्बई 
01/05/2023

©Navratna Arpit

#selflove

13 Love

जिनकी  चाहत  में   होके  बेजार पड़े थे!!! क्या पता  था  कि उनके  ही द्वार पड़े थे!!! मुझे  क्या  खबर  कितने‌  शातिर  हैं वो,,, मेरे    जैसे     वहां    पे‌   ‌‌ हजार पड़े थे!!! हैं  हकीम   कोई  वो  ये  मुझे  लग रहा,,, एक  ही  मर्ज  के  सब   बीमार पड़े थे!!! वो  रकीबों की खिदमत में मशरूफ थे,,, जिनकी दहलीज पे हम अजार पड़े थे!!! बात  ही  बात  में  ये  पता  भी  चला,,, सबके खाते  में  उनके  उधार पड़े थे!!! किसी की  घड़ी तो  किसी  की छड़ी,,, कुछ तो ऐसे थे जिनके दीनार पड़े थे!!! हमें  लग   रहा   था   हमीं  हैं  खफा,,, पर  उनके  भी  दिल में दरार पड़े थे!!! सब  कहने  लगे कि  हैं  मक्कार  वो,,, पर उनके भी  पीछे  मक्कार पड़े थे!!! नवरत्न""अर्पित""      मुम्बई 03/05/2023 ©Navratna Arpit

#Night  जिनकी  चाहत  में   होके  बेजार पड़े थे!!! 
क्या पता  था  कि उनके  ही द्वार पड़े थे!!! 

मुझे  क्या  खबर  कितने‌  शातिर  हैं वो,,, 
मेरे    जैसे     वहां    पे‌   ‌‌ हजार पड़े थे!!! 

हैं  हकीम   कोई  वो  ये  मुझे  लग रहा,,, 
एक  ही  मर्ज  के  सब   बीमार पड़े थे!!! 

वो  रकीबों की खिदमत में मशरूफ थे,,, 
जिनकी दहलीज पे हम अजार पड़े थे!!! 

बात  ही  बात  में  ये  पता  भी  चला,,, 
सबके खाते  में  उनके  उधार पड़े थे!!! 

किसी की  घड़ी तो  किसी  की छड़ी,,, 
कुछ तो ऐसे थे जिनके दीनार पड़े थे!!! 

हमें  लग   रहा   था   हमीं  हैं  खफा,,, 
पर  उनके  भी  दिल में दरार पड़े थे!!! 

सब  कहने  लगे कि  हैं  मक्कार  वो,,, 
पर उनके भी  पीछे  मक्कार पड़े थे!!! 
नवरत्न""अर्पित""
     मुम्बई 
03/05/2023

©Navratna Arpit

#Night

16 Love

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