हर रोज छुप के तेरा दीदार कर रहा हूँ!!!
तुझको पता नहीं है तुझे प्यार कर रहा हूँ!!!
मुझको जरा सा समझो दुनियां से खा के ठोकर,,,
जाने क्यों फिर भी तुझपे ऐतबार कर रहा हूँ!!!
कुछ मिल रही हैं उम्मीदें दिल में मेरे सूकून है,,,
तुझपे ही जान-ए-जाना जां निसार कर रहा हूँ!!!
मेरे दिल की सरजमीं पे कर लो तुम्हीं हूकूमत,,,
सरेआम आज तुझसे इजहार कर रहा हूँ!!!
तुम भी तो कुछ कहो ना मुझ से मेरे मसीहा,,,
इजहार-ए- मोहब्बत का इन्तजार कर रहा हूँ!!!
तुम ही हो मेरी शोहरत तुम ही हो मेरी चाहत,,,
दुनियां की सारी दौलत इनकार कर रहा हूँ!!!
तेरे बिना भी जीना, जीना भी क्या है जीना,,,
दामन पकड़ लो मेरा मनुहार कर रहा हूँ!!!
मेरी सारी ख्वाहिशें अब तेरे ही हाथ में है,,,
तुझपे ही अब भरोसा सरकार कर रहा हूँ!!!
अपने हर एक सपनें तुम मेरे नाम कर दो,,,
अरमान सारे तेरे स्वीकार कर रहा हूंँ!!!
नवरत्न""अर्पित""
मुम्बई
01/05/2023
©Navratna Arpit
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