अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' Lives in Allahabad, Uttar Pradesh, India

शिक्षक, शायर, कवि एवं लेखक! "स्वयं को लेखक से पूर्व एक जिज्ञासु पाठक बनाइए! क्योंकि एक अच्छा पाठक ही एक अच्छा लेखक हो सकता है।" आ गई महफिल में जब से बन हमारी हमनवा। है घट रही दिल की खुमारी, बढ़ रहा है कारवां। https://www.instagram.com/arun_shukla_arjun118211989?r=nametag

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सोच समझ कर संदेह करियेगा जनाब! आपकी केवल एक गलतफहमी, किसी इंसान का चित्त और चरित्र दोनों बदल देता है। ©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#GoldenHour #Quotes  सोच समझ कर संदेह करियेगा जनाब!
आपकी केवल एक गलतफहमी, 
किसी इंसान का
चित्त और चरित्र
दोनों बदल देता है।

©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'
 प्रयागराज








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©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#GoldenHour motivational quotes in hindi

16 Love

White छोह, छाया, बादरी क्या-क्या लिखूँ? आग़ोश की जादूगरी क्या-क्या लिखूँ? साथ में जो बढ़ रहे थे हर कदम, गुफ्तगू नजरों भरी क्या-क्या लिखूँ? खो दिया किश्तों में जो खुद को स्वयं, इश्क में थी बावरी क्या-क्या लिखूँ? इश्क ही हारा हमेशा की तरह, प्रीति लेकिन थी खरी क्या क्या लिखूँ? लेखनी से भी बड़ा है त्याग ‘अर्जुन', सूखती मसि-गागरी क्या-क्या लिखूँ? अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज (पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित) . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#love_shayari  White छोह, छाया, बादरी  क्या-क्या लिखूँ?
आग़ोश की जादूगरी क्या-क्या लिखूँ?

साथ  में  जो  बढ़  रहे  थे  हर कदम,
गुफ्तगू नजरों भरी क्या-क्या लिखूँ?

खो दिया किश्तों में जो खुद को स्वयं,
इश्क में  थी  बावरी क्या-क्या लिखूँ?

इश्क    ही   हारा   हमेशा   की   तरह,
प्रीति लेकिन थी खरी क्या क्या लिखूँ?

लेखनी से  भी बड़ा  है त्याग ‘अर्जुन',
सूखती मसि-गागरी क्या-क्या लिखूँ?
अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'
प्रयागराज
(पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित)











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©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#love_shayari

13 Love

धूप-छाँव में किसे चुनें हम, मन का अन्तर्द्वन्द यही था। लिखना या रोजी की चिन्ता दोनों का पथ एक नहीं था। ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

 धूप-छाँव में  किसे चुनें हम, मन का अन्तर्द्वन्द यही था।
लिखना या रोजी की चिन्ता दोनों का पथ एक नहीं था।

©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

धूप-छाँव में किसे चुनें हम, मन का अन्तर्द्वन्द यही था। लिखना या रोजी की चिन्ता दोनों का पथ एक नहीं था। ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

9 Love

Black नहीं कदाचित भाए होंगे सच से सिंचित मेरे कथ्य। साहस नहीं मुखर होने की तो जाकर कहते नेपथ्य। मेरी निंदा का रस पीकर प्यास बुझाने से पहले, मुझे समझ लेना तुम पढ़कर, जयशंकर का आत्मकथ्य। ©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#Thinking  Black नहीं  कदाचित भाए  होंगे  सच  से  सिंचित  मेरे  कथ्य।
साहस  नहीं  मुखर  होने की  तो  जाकर कहते  नेपथ्य।
मेरी  निंदा   का   रस  पीकर   प्यास  बुझाने  से  पहले,
मुझे समझ लेना तुम पढ़कर, जयशंकर का आत्मकथ्य।
©®अरुण  शुक्ल ‘अर्जुन'
प्रयागराज
























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©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#Thinking

15 Love

इच्छाएंँ सब अनगढ़ सी हैं, सपनों का आकार नहीं है। मानव से मानव का संयत, होता अब व्यापार नहीं है। फिर भी है उम्मीद कि कोई साथ चलेगा मरघट तक? जीवन-गीतों का ही जबकि, कोई संगत-कार नहीं है। ©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#longdrive  इच्छाएंँ सब अनगढ़ सी हैं, सपनों का आकार नहीं है।
मानव से मानव का संयत, होता अब व्यापार नहीं है।
फिर भी है उम्मीद कि कोई साथ चलेगा मरघट तक?
जीवन-गीतों का ही जबकि, कोई संगत-कार नहीं है।
©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'
 प्रयागराज













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©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#longdrive

15 Love

White दिखा चमकता चांँद नज़र हो ईद मुब़ारक। हरा - भरा हर एक सज़र हो ईद मुब़ारक। ले मिठास ईदी की दिल से गले मिलो, समरसता - सौहार्द अजर हो ईद मुब़ारक। ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#eidmubarak  White दिखा चमकता चांँद नज़र हो ईद मुब़ारक।
हरा - भरा  हर एक सज़र हो  ईद मुब़ारक।
ले मिठास ईदी  की  दिल  से गले  मिलो,
समरसता - सौहार्द अजर हो  ईद मुब़ारक।

©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#eidmubarak

13 Love

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