Black नहीं कदाचित भाए होंगे सच से सिंचित मेर | हिंदी Poetry

"Black नहीं कदाचित भाए होंगे सच से सिंचित मेरे कथ्य। साहस नहीं मुखर होने की तो जाकर कहते नेपथ्य। मेरी निंदा का रस पीकर प्यास बुझाने से पहले, मुझे समझ लेना तुम पढ़कर, जयशंकर का आत्मकथ्य। ©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'"

 Black नहीं  कदाचित भाए  होंगे  सच  से  सिंचित  मेरे  कथ्य।
साहस  नहीं  मुखर  होने की  तो  जाकर कहते  नेपथ्य।
मेरी  निंदा   का   रस  पीकर   प्यास  बुझाने  से  पहले,
मुझे समझ लेना तुम पढ़कर, जयशंकर का आत्मकथ्य।
©®अरुण  शुक्ल ‘अर्जुन'
प्रयागराज
























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©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

Black नहीं कदाचित भाए होंगे सच से सिंचित मेरे कथ्य। साहस नहीं मुखर होने की तो जाकर कहते नेपथ्य। मेरी निंदा का रस पीकर प्यास बुझाने से पहले, मुझे समझ लेना तुम पढ़कर, जयशंकर का आत्मकथ्य। ©®अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

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