Richa Dhar

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I enjoy writing, reading listening to poetry.

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मोहब्बत में कहां कौंन कितना खरा उतरता है यहाँ ज़रूरत के हिसाब से लिबास बदल लिए जाते हैं मुकर जाते हैं हर रोज़ लोग अपनी ही बात से सच का आईना दिखा कर झूठ का पर्दा फ़ाश कर जाते हैं सच की झलक झूठ से भी झलक जाती है सच आसमान में कहकशां से बिखर जाते हैं मोहब्बत सिर्फ़ जिस्म को पाना नहीं है दोस्तों रूह को जो छू ले ,अब ऐसे हमसफर कहाँ मिल पाते हैं मन के दरख़्तों पर लिख जाते हैं पहले नाम अपना फ़िर बाद में ख़रोंच कर सब मिटा दिए जाते हैं मोहब्बत एक चाहत है,तड़पन है,बेशकीमती तोहफ़ा है बाद में यही सब के सब फना हो जाते हैं ©Richa Dhar

#कविता #lonely  मोहब्बत में कहां कौंन कितना खरा उतरता है
यहाँ ज़रूरत के हिसाब से लिबास बदल लिए जाते हैं

मुकर जाते हैं हर रोज़ लोग अपनी ही बात से
सच का आईना दिखा कर झूठ का पर्दा फ़ाश कर जाते हैं

सच की झलक झूठ से भी झलक जाती है
सच आसमान में कहकशां से बिखर जाते हैं

मोहब्बत सिर्फ़ जिस्म को पाना नहीं है दोस्तों
रूह को जो छू ले ,अब ऐसे हमसफर कहाँ मिल पाते हैं

मन के दरख़्तों पर लिख जाते हैं पहले नाम अपना
फ़िर बाद में ख़रोंच कर सब मिटा दिए जाते हैं

मोहब्बत एक चाहत है,तड़पन है,बेशकीमती तोहफ़ा है
बाद में यही सब के सब फना हो जाते हैं

©Richa Dhar

#lonely मोहब्बत

11 Love

White चाहो किसी को कितना भी मगर ये एहसास मत कराना के तुम जी नहीं सकते उसके बिना,ऐसा मत जताना कमज़ोर पड़ जाओगे तुम,और कमजोरी होगा वो शख्स वो ज़िंदगी है तुम्हारी,ये किसी हाल में मत बताना हर बात दिल की बता दोगे,तो वो कमज़ोरी समझ जाएगा बेशक़ उसे भी तुमसे मोहब्बत हो,मगर अपनी कमजोरी मत बताना इश्क़ समुंदर है,प्यार सिर्फ़ बूंद बन कर रह जायेगा तुम्हारा डूब जाओगे तुम,इश्क़ में मर जाओगे,ये राज़ कभी उसे मत जताना ©Richa Dhar

#शायरी #GoodMorning  White  चाहो किसी को कितना भी मगर ये एहसास मत कराना
के तुम जी नहीं सकते उसके बिना,ऐसा मत जताना

कमज़ोर पड़ जाओगे तुम,और कमजोरी होगा वो शख्स
वो ज़िंदगी है तुम्हारी,ये किसी हाल में मत बताना

हर बात दिल की बता दोगे,तो वो कमज़ोरी समझ जाएगा
बेशक़ उसे भी तुमसे मोहब्बत हो,मगर अपनी कमजोरी मत बताना

इश्क़ समुंदर है,प्यार सिर्फ़ बूंद बन कर रह जायेगा तुम्हारा
डूब जाओगे तुम,इश्क़ में मर जाओगे,ये राज़ कभी उसे मत जताना

©Richa Dhar

#GoodMorning शायरी दर्द

15 Love

White किसी ने मुझसे कहा था.....✍🏼✍🏼✍🏼 रिश्ते की बुनियाद मजबूत होनी चाहिए रिश्ते_सच्चाई की नींव पर खड़ी होनी चाहिये। नहीं पता था कि रिश्ते झूठ से चलते हैं सच्चाई सिर्फ़ दिखावा होना चाहिए झूठ की गठरी बांधे कंधे पर लिये घूम रही है दुनियां नहीं पता था कि सच्चाई को झूठ के वस्त्र पहनाने चाहिए दिखावा झूठ का सर्वोत्तम गुण है आजकल ये अभिनय अब सबको सीख जाना चाहिए दुःख कितना भी मिले जीवन में,आँसूं भर आये आँखों में पीकर एक एक कतरा,सिर्फ़ मुस्कुराना चाहिए ©Richa Dhar

#शायरी #love_shayari  White  किसी ने मुझसे कहा था.....✍🏼✍🏼✍🏼

रिश्ते की बुनियाद मजबूत होनी चाहिए
रिश्ते_सच्चाई की नींव पर खड़ी होनी चाहिये।

नहीं पता था कि रिश्ते झूठ से चलते हैं
सच्चाई सिर्फ़ दिखावा होना चाहिए

झूठ की गठरी बांधे कंधे पर लिये घूम रही है दुनियां
नहीं पता था कि सच्चाई को झूठ के वस्त्र पहनाने चाहिए

दिखावा झूठ का सर्वोत्तम गुण है आजकल
ये अभिनय अब सबको सीख जाना चाहिए

दुःख कितना भी मिले जीवन में,आँसूं भर आये आँखों में
पीकर एक एक कतरा,सिर्फ़ मुस्कुराना चाहिए

©Richa Dhar

#love_shayari किसी ने मुझसे कहा था

14 Love

White तिरस्कृत जीवन✍🏻✍🏻✍🏻 """""'''''''''''''"''''''''''''''"""""""""""""''"' तिरस्कार मिला इतना के प्रेम पर भी संदेह होने लगा अपनापन देख के आडंबर सा लगने लगा बोल दे कोई प्रेम से तो उसमें स्वार्थ दिखने लगा और न बोले कोई तो वही सही लगने लगा लज्जित हो जाती हूँ मैं किसी के प्रेम भरे बोल से सुख के भेष में दुःख मुखौटा लगाए लगने लगा अभिलाषा समाप्त हो गयी जीवन भी अभिशप्त लगने लगा जीवन से मरण तक का खेल अब ये हृदय समझने लगा ©Richa Dhar

#कविता #sad_shayari  White तिरस्कृत जीवन✍🏻✍🏻✍🏻
"""""'''''''''''''"''''''''''''''"""""""""""""''"'


तिरस्कार मिला इतना के प्रेम पर भी संदेह होने लगा
अपनापन देख के आडंबर सा लगने लगा

बोल दे कोई प्रेम से तो उसमें स्वार्थ दिखने लगा
और न बोले कोई तो वही सही लगने लगा

लज्जित हो जाती हूँ मैं किसी के प्रेम भरे बोल से
सुख के भेष में दुःख मुखौटा लगाए लगने लगा

अभिलाषा समाप्त हो गयी जीवन भी अभिशप्त लगने लगा
जीवन से मरण तक का खेल अब ये हृदय समझने लगा

©Richa Dhar

#sad_shayari तिरस्कृत जीवन

10 Love

White जैसे जैसे दीवाली करीब आ रही थी,वैसे वैसे समय पंख लिए पीछे की ओर भाग रहा था।अतीत का गुज़रा हुआ पल चलचित्र की भांति आँखों के आगे घूम रहा था।मैं हर वर्ष अपने पूरे परिवार के साथ खरीदारी करने जाती थी।बाज़ार की भीड़ भाड़ और रौनकों के बीच में भी मेरी नज़रे उन लोगों को ढूढ़ लेती थी,जो हालात के मारे छोटे छोटे बच्चे दिए में रुई लगाने वाली बत्तियां बेचते थे।या दीए बेचते उन महिला पुरुषों पर होती थी जो सड़क में एक तरफ बच्चे को लिटाये सामान बेच रहे होते थे।मुझे नहीं पता पर मैं सब कुछ छोड़कर उन्ही के पास जाती और उनसे ही सामान लेती।सोचती थी कि ये लोग वक़्त के मारे वक़्त काट रहे हैं या वक़्त उन्हें काट रहा है।उनसे सामान लेने के बाद उनकी चेहरे की खुशी मुझे आत्मिक सुख देती थी।अब वक्त तेजी से भाग रहा है।मेरा शहर,दोस्त वो माहौल सब कुछ छूट गया।लेकिन याद आता है वो गुज़रा वक़्त जो वर्तमान में अतीत बन के रह रहा है स्मृतियों में ........... ©Richa Dhar

#विचार #GoodMorning  White जैसे जैसे दीवाली करीब आ रही थी,वैसे वैसे समय पंख लिए पीछे की ओर भाग रहा था।अतीत का गुज़रा हुआ पल चलचित्र की भांति आँखों के आगे घूम रहा था।मैं हर वर्ष अपने पूरे परिवार के साथ खरीदारी करने जाती थी।बाज़ार की भीड़ भाड़ और रौनकों के बीच में भी मेरी नज़रे उन लोगों को ढूढ़ लेती थी,जो हालात के मारे छोटे छोटे बच्चे दिए में रुई लगाने वाली बत्तियां बेचते थे।या दीए बेचते उन महिला पुरुषों पर होती थी जो सड़क में एक तरफ बच्चे को लिटाये सामान बेच रहे होते थे।मुझे नहीं पता पर मैं सब कुछ छोड़कर उन्ही के पास जाती और उनसे ही सामान लेती।सोचती थी कि ये लोग वक़्त के मारे वक़्त काट रहे हैं या वक़्त उन्हें काट रहा है।उनसे सामान लेने के बाद उनकी चेहरे की खुशी मुझे आत्मिक सुख देती थी।अब वक्त तेजी से भाग रहा है।मेरा शहर,दोस्त वो माहौल सब कुछ छूट गया।लेकिन याद आता है वो गुज़रा वक़्त जो वर्तमान में अतीत बन के रह रहा है स्मृतियों में ...........

©Richa Dhar

#GoodMorning दीवाली

12 Love

#कविता #MereKhayaal  पानी की कलकल
हृदय आर्द्रता से भरा हुआ
प्रकृति की कोमल छवि
वातावरण पुष्प की गंध से भरा हुआ
चित्त शांत,मन गंभीर
मगर पंछियों के कलरव से सना हुआ
कैसे हो मन विचलित जब प्रकृति की गोद में बैठा रहूं
मन की खिन्नता को छोड़ मैं प्रकृति में ही रमा हुआ.....

©Richa Dhar

#MereKhayaal प्रकृति✍🏻✍🏻✍🏻

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