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White तुम कोई लिबास तो नहीं जिसे पहना और उतार दिया... तुम तो शांत अथाह दरिया हो जहाँ शैलाब तक अपना वजूद खो बैठता है… ©@live with Pramod

#sad_qoute #Quotes  White तुम कोई लिबास तो नहीं 
जिसे पहना और उतार दिया...

तुम तो शांत अथाह दरिया हो 
जहाँ शैलाब तक अपना वजूद खो बैठता है…

©@live with Pramod

#sad_qoute

9 Love

White ग़ुरबत में गुज़ारी हैं कई रातें हमने, तेरे पाने कि ज़िद को खाई है अनगिनत ठोकरें हमने तेरी ख़ामोश लबों को हमने भी देखा आजकल,जिसे फिर से अल्फ़ाज़ देने को न जाने क्या क्या किया हमने तेरे समर्पण कि क़दर कहाँ इस झूठी दिखावटी दुनिया को उसे कहाँ पता कितना इंतज़ार किया है हमने सिर्फ़ तुझे हासिल करना मकसद नहीं हमारा इन जाहिलों को क्या पता तुमने क्या क्या किया है हमारे लिए फ़र्क़ ओ फ़ासला कभी था ही नहीं हमारे बीच इस दुनिया को कहाँ ज़ाहिर कि कितनी सिद्दत से रिश्तों को जिया है हमने हमे नहीं शिकायत ग़ैरों से,यहाँ अपने ही बैठे हैं पहरे पे पर उसे पता कहाँ किस मिट्टी से, बनाया है आशियाना हमने हमारे लिए… …©️@P_प्रमोद ©@live with Pramod

#Sad_Status  White ग़ुरबत में गुज़ारी हैं कई रातें हमने, तेरे पाने कि ज़िद को खाई है अनगिनत ठोकरें हमने 

तेरी ख़ामोश लबों को हमने भी देखा आजकल,जिसे फिर से अल्फ़ाज़ देने को न जाने क्या क्या किया हमने 

तेरे समर्पण कि क़दर कहाँ इस झूठी दिखावटी दुनिया को 
 उसे कहाँ पता कितना इंतज़ार किया है हमने 

सिर्फ़ तुझे हासिल करना मकसद नहीं हमारा 
 इन जाहिलों को क्या पता तुमने क्या क्या किया है हमारे लिए 

फ़र्क़ ओ फ़ासला कभी था ही नहीं हमारे बीच 
  इस दुनिया को कहाँ ज़ाहिर कि कितनी सिद्दत से रिश्तों को जिया है हमने 

हमे नहीं शिकायत ग़ैरों से,यहाँ अपने ही बैठे हैं पहरे पे 
  पर उसे पता कहाँ किस मिट्टी से, बनाया है आशियाना हमने हमारे लिए…

…©️@P_प्रमोद

©@live with Pramod

#Sad_Status

8 Love

मुझे इजाजत नहीं किसी और को चुनने कि, मैं तो तेरे धागे से बंधा हूँ… मुझे इजाज़त नहीं किसी और को तकने कि, मैं तो सिर्फ़ तेरी आँखों में बसता हूँ… मुझे नहीं है इजाज़त किसी और के होने कि, मैं तो कब का तेरा हो चुका हूँ… मुझे इजाज़त नहीं खुदा से कुछ और माँगने कि, हर लम्हा सजदे में तुझे ही तो माँगता हूँ… गर मिले जन्नत तो सिर्फ़ तेरे साथ मिले, मुझे अब इजाज़त नहीं कि कोई और जन्नत मिले… ©@live with Pramod

#wishes  मुझे इजाजत नहीं किसी और को चुनने कि,
मैं तो तेरे धागे से बंधा हूँ…

मुझे इजाज़त नहीं किसी और को तकने कि,
मैं तो सिर्फ़ तेरी आँखों में बसता हूँ…

मुझे नहीं है इजाज़त किसी और के होने कि,
मैं तो कब का तेरा हो चुका हूँ…

मुझे इजाज़त नहीं खुदा से कुछ और माँगने कि,
हर लम्हा सजदे में तुझे ही तो माँगता हूँ…

गर मिले जन्नत तो सिर्फ़ तेरे साथ मिले,
 मुझे अब इजाज़त नहीं कि कोई और जन्नत मिले…

©@live with Pramod

मुझे इजाजत नहीं किसी और को चुनने कि, मैं तो तेरे धागे से बंधा हूँ… मुझे इजाज़त नहीं किसी और को तकने कि, मैं तो सिर्फ़ तेरी आँखों में बसता हूँ… मुझे नहीं है इजाज़त किसी और के होने कि, मैं तो कब का तेरा हो चुका हूँ… मुझे इजाज़त नहीं खुदा से कुछ और माँगने कि, हर लम्हा सजदे में तुझे ही तो माँगता हूँ… गर मिले जन्नत तो सिर्फ़ तेरे साथ मिले, मुझे अब इजाज़त नहीं कि कोई और जन्नत मिले… ©@live with Pramod

12 Love

#कविता  तेरी सूरत नहीं तेरे तहजीब का भी मैं कायल था
तेरे रक्स ही नहीं तेरे तरन्नुम पर भी न्योछावर था...

खुदा ने बनाया तुझे अपने खुद के बनाए सांचे में
जिसमे उसने अपने सीरत को भी डाला था...

इस बेअदबी दुनिया में तुझे अदब भी दिया खुदा ने
लज्जा, निश्चलता और न जाने क्या क्या बक्शा खुदा ने...

जब ही देखा तुझे संजीदगी से ,तुझे खुद के करीब पाया
तेरे अधरों पर सिर्फ मैंने अपना ही निशां पाया...

तेरे चेहरे के पीछे एक और चेहरा मैंने देखा था
जिसपर मेरा अक्श भी उकेरा था,
शायद इसलिए तो मैंने रब से 
सजदे में तुझे ही मांगा था...

©@live with Pramod

तेरी सूरत नहीं तेरे तहजीब का भी मैं कायल था तेरे रक्स ही नहीं तेरे तरन्नुम पर भी न्योछावर था... खुदा ने बनाया तुझे अपने खुद के बनाए सांचे में जिसमे उसने अपने सीरत को भी डाला था... इस बेअदबी दुनिया में तुझे अदब भी दिया खुदा ने लज्जा, निश्चलता और न जाने क्या क्या बक्शा खुदा ने... जब ही देखा तुझे संजीदगी से ,तुझे खुद के करीब पाया तेरे अधरों पर सिर्फ मैंने अपना ही निशां पाया... तेरे चेहरे के पीछे एक और चेहरा मैंने देखा था जिसपर मेरा अक्श भी उकेरा था, शायद इसलिए तो मैंने रब से सजदे में तुझे ही मांगा था... ©@live with Pramod

830 View

#कविता  तू,तेरा गुरुर और तेरी शागिर्दगी,हर कुछ जायज है
तू ना हो साथ तो मेरी हर ख्वाहिशें नाजायज हैं...


खुदा ने तराशा तेरे नक्श को,खुद को 
आईने के सामने रख कर...
संवारा तेरी सीरत को भी अपनी सारी खूबियां निकाल कर...

लगे न तुझे काफिरों कि नजर,उसका भी इंतजाम कर डाला,
तेरे श्वेत सलोने चेहरे पर कारे मोतियों सा तिल दे डाला...

तब भी न जाने क्यूं खुदा को तुझ में
कुछ ऐब नजर आया,
फिर तेरे ओजश्वी चेहरे को माधुर्य मुस्कान से सजाया...

तुझे जमी पर भेजते हुए उसे फिर कुछ याद आया,
तेरी निगाहों में फिर से करुणा के भावों को भी पिरोया...

तब जाकर खुदा को कुछ संतोष हुआ,
तुझे जमीं पर भेज उसने फिर हम पर भी सात जन्मों का 
एहसान कर डाला...

©@live with Pramod

तू,तेरा गुरुर और तेरी शागिर्दगी,हर कुछ जायज है तू ना हो साथ तो मेरी हर ख्वाहिशें नाजायज हैं... खुदा ने तराशा तेरे नक्श को,खुद को आईने के सामने रख कर... संवारा तेरी सीरत को भी अपनी सारी खूबियां निकाल कर... लगे न तुझे काफिरों कि नजर,उसका भी इंतजाम कर डाला, तेरे श्वेत सलोने चेहरे पर कारे मोतियों सा तिल दे डाला... तब भी न जाने क्यूं खुदा को तुझ में कुछ ऐब नजर आया, फिर तेरे ओजश्वी चेहरे को माधुर्य मुस्कान से सजाया... तुझे जमी पर भेजते हुए उसे फिर कुछ याद आया, तेरी निगाहों में फिर से करुणा के भावों को भी पिरोया... तब जाकर खुदा को कुछ संतोष हुआ, तुझे जमीं पर भेज उसने फिर हम पर भी सात जन्मों का एहसान कर डाला... ©@live with Pramod

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#कविता  न जाने क्यूं तेरी यादों को हर रोज समेटता हूं
तुझे देखे बिना भी हर रोज तुझे देखता हूं
जब भी तुझे सोंचू,अपने अतीत और
 तेरी यादों में खो सा जाता हूं...

तुझे न भी देखूं तो अब फर्क नहीं परता शायद,
क्यूंकि तुझे तो हर लम्हा जीता हूं...


हमे पता है, मैं भी कभी कभी तेरी आसुओं से छलकता हूं
मैं रहूं या ना रहूं तेरी हर सांसों में मैं ही तो धड़कता हूं...

ये फासले भी जरूरी हैं रिश्तों में, ये एहसास करता हूं
शायद यही वजह है कि वक्त बेवक्त तुम मुझमें और मैं  तुझमें जीता हूं...

©@live with Pramod

न जाने क्यूं तेरी यादों को हर रोज समेटता हूं तुझे देखे बिना भी हर रोज तुझे देखता हूं जब भी तुझे सोंचू,अपने अतीत और तेरी यादों में खो सा जाता हूं... तुझे न भी देखूं तो अब फर्क नहीं परता शायद, क्यूंकि तुझे तो हर लम्हा जीता हूं... हमे पता है, मैं भी कभी कभी तेरी आसुओं से छलकता हूं मैं रहूं या ना रहूं तेरी हर सांसों में मैं ही तो धड़कता हूं... ये फासले भी जरूरी हैं रिश्तों में, ये एहसास करता हूं शायद यही वजह है कि वक्त बेवक्त तुम मुझमें और मैं तुझमें जीता हूं... ©@live with Pramod

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