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.کچھ خوشیاں کچھ آنسو دے کر ٹال گیا جیون کا اک اور سنہرا سال گیا . ©Azhar Ashiq

#شاعری۔ #SAD  .کچھ خوشیاں کچھ آنسو دے کر   ٹال گیا 
جیون    کا     اک     اور      سنہرا      سال        گیا




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©Azhar Ashiq

#SAD

10 Love

जब नाव जल में छोड दी तूफान में ही मोड़ दी दे दी चुनौती सिंधु को फिर धार क्या मंझधार क्या कह मृत्यु को वरदान ही मरना लिया जब ठान ही जब आ गये रणभूमि में फिर जीत क्या फिर हार क्या जब छोड़ दी सुख की कामना आरंभ कर दी साधना सघर्ष पथ पर बढ़ चले फिर फूल क्या अंगार क्या संसार का पी, पी गरल जब कर लिया मन को सरल भगवान शंकर हो गए फिर राख क्या श्रंगार क्या . ©Arpit Mishra

 जब नाव जल में छोड दी 
तूफान में ही मोड़ दी 
दे दी चुनौती सिंधु को 
फिर धार क्या मंझधार क्या 

कह मृत्यु को वरदान ही 
मरना लिया जब ठान ही 
जब आ गये रणभूमि में 
फिर जीत क्या फिर हार क्या 

जब छोड़ दी सुख की कामना 
आरंभ कर दी साधना 
सघर्ष पथ पर बढ़ चले 
फिर फूल क्या अंगार क्या 

संसार का पी, पी गरल 
जब कर लिया मन को सरल 
भगवान शंकर हो गए 
फिर राख क्या श्रंगार क्या




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©Arpit Mishra

हरिवंश राय बच्चन

13 Love

चाँदनी छत पे चल रही होगी, अब अकेली टहल रही होगी। फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, वो बरफ़-सी पिघल रही होगी। कल का सपना बहुत सुहाना था, ये उदासी न कल रही होगी। सोचता हूँ कि बंद कमरे में, एक शमआ-सी जल रही होगी। शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, तू गली से निकल रही होगी। आज बुनियाद थरथराती है, वो दुआ फूल-फल रही होगी। तेरे गहनों-सी खनखनाती थी, बाज़रे की फ़सल रही होगी। जिन हवाओं ने तुझको दुलराया, उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी। . ©Arpit Mishra

 चाँदनी छत पे चल रही होगी, 
अब अकेली टहल रही होगी।

फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, 
वो बरफ़-सी पिघल रही होगी।

कल का सपना बहुत सुहाना था,
 ये उदासी न कल रही होगी।

सोचता हूँ कि बंद कमरे में, 
एक शमआ-सी जल रही होगी।

शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, 
तू गली से निकल रही होगी।

आज बुनियाद थरथराती है, 
वो दुआ फूल-फल रही होगी।

तेरे गहनों-सी खनखनाती थी,
बाज़रे की फ़सल रही होगी।

जिन हवाओं ने तुझको दुलराया,
उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी।







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©Arpit Mishra

दुष्यंत कुमार

12 Love

शून्य हृदय में प्रेम-जलद-माला कब फिर घिर आवेगी? वर्षा इन आँखों से होगी, कब हरियाली छावेगी? लम्बी विश्व कथा में सुख की निद्रा-सी इन आँखों में- सरस मधुर छवि शान्त तुम्हारी कब आकर बस जावेगी? . ©Arpit Mishra

 शून्य हृदय में प्रेम-जलद-माला कब फिर घिर आवेगी?
वर्षा इन आँखों से होगी, कब हरियाली छावेगी?
लम्बी विश्व कथा में सुख की निद्रा-सी इन आँखों में-
सरस मधुर छवि शान्त तुम्हारी कब आकर बस जावेगी?










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©Arpit Mishra

jayshankar prasad

11 Love

#standout #Quotes  कभी कभी अपनो की
खुशी के लिए इंसान को 
उन फैसलों के आगे भी 
झुकना पड़ता है 
जिसमें उसकी मर्जी 
नहीं मजबूरी होती है। 



🌞🌼GOOD MORNING🌼🌞


💯🥀🕊

©Radhe Krishna

#standout

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तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान। भीलां लूटी गोपियाँ, वही अर्जुन वही बाण॥ . ©Arpit Mishra

 तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान।

भीलां लूटी गोपियाँ, वही अर्जुन वही बाण॥










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©Arpit Mishra

तुलसी

10 Love

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