हमे दर्द देने के लिए, तो सारा ज़माना है
बैठो हमारे पास,हमें तुम्हे कुछ बताना है
चिलचिलाती धूप में, यूं खड़ा है एक पेड़
ये भटकते हुए मुसाफिरों का,ठिकाना है
कहीं भटक रहा हो गम तो पता बता दो
ये मेरा दिल अब गमों का आशियाना है
मर गया हूं तुझको, याद करते करते में
मुझको अपने इस जनाजे को उठाना है
©UNCLE彡RAVAN
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