Rakesh Songara

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मैं कहना सुनाना चाहता हूँ, संघर्ष मेरा, सुन ले कोई, है क्या कोई अपना मेरा ? बता दे जो कोई, गीता का ज्ञान कोरा, है क्या कोई माधव मेरा? हर आह पर लेता साँस, इंतजार क्यों मरता नहीं मेरा मिला दे मेरी ताकत से कोई, है क्या कोई जामवंत मेरा? निराशा के भँवर से उबार दे, दुखी दिल को पतवार दे, है क्या कोई मांझी खेवनहार मेरा? उम्मीदें बहुत लगाए बैठा हू, मिला दे मुझे जो खुद से, है क्या कोई दर्पण मेरा? नाम तो बहुतों को पता है , जो जानता भी हो मुझे क्या है कोई अपना मेरा?? बहुत उथल पुथल है मन के सागर में, जो अमृत मुझ से निकाल सके, है क्या कोई भगवान मेरा?? ©Rakesh Songara

#मोटिवेशनल #Nofear  मैं कहना सुनाना चाहता हूँ, संघर्ष मेरा,
सुन ले कोई, है क्या कोई अपना मेरा ?

बता दे जो कोई, गीता का ज्ञान कोरा, 
  है क्या कोई  माधव मेरा?

हर आह पर लेता साँस, इंतजार क्यों  मरता नहीं मेरा 
मिला दे मेरी ताकत से कोई,  है क्या कोई जामवंत मेरा?

निराशा के भँवर से उबार दे, दुखी दिल को पतवार दे,  
है क्या  कोई मांझी खेवनहार मेरा? 

उम्मीदें बहुत लगाए बैठा हू, मिला दे मुझे जो खुद से,  
है क्या कोई दर्पण मेरा?

नाम तो बहुतों को पता है ,  
जो जानता भी  हो मुझे  क्या है कोई अपना मेरा??
बहुत उथल पुथल है मन के सागर में, 
जो अमृत मुझ से निकाल सके, है क्या कोई भगवान मेरा??

©Rakesh Songara

#Nofear

15 Love

हर चेहरा कुछ न कुछ कहता है,, कभी रोता कभी हंसता है,, हर चेहरा कुछ न कुछ कहता है,, कभी किसी के दुःख को बयान करता,, किसी की खुशियां दिल से बखान करता,, इस पल से उस पल की चुगली करता है,, हर चेहरा कुछ न कुछ कहता है,, ©Rakesh Songara

#चेहरा #कविता  हर चेहरा कुछ न कुछ कहता है,,
कभी रोता कभी हंसता है,,
हर चेहरा कुछ न कुछ कहता है,,
कभी किसी के दुःख को बयान करता,,
किसी की खुशियां दिल से बखान करता,,
इस पल से उस पल की चुगली करता है,,
हर चेहरा कुछ न कुछ कहता है,,

©Rakesh Songara

पर्दानशीं हैं तो ये जलवा ए हुस्न है,,, क्या बात हो "बेदर्द" जो ये हुस्न बेपर्दा हो जाए,,,, ©Rakesh Songara

#पर्दानशीं #लव  पर्दानशीं हैं तो ये जलवा ए हुस्न है,,,
क्या बात हो  "बेदर्द" जो ये हुस्न बेपर्दा हो जाए,,,,

©Rakesh Songara

बचपन की यादें किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,, वो खेल-खिलौने कागज़ के,मिट्टी के बर्तन, बेवजह क्यूँ याद आ गए,,, वो बेपरवाह बदमाशियां,अठखेलियां, शरारतें सारी,, ‌टूटी फूटी,रंगबिरंगी चूड़ियां प्यारी,, ‌माटी के घरौंदे में घर-घर का खेला,, ‌वो तीज़ त्योहार, गणगौर का मैला,,, ‌वो कुल्फ़ी की चुस्कियों से जुबां की लाली,, ‌मदारी के डमरू पे बजती वो ताली,, ‌अनोखे वो दिन वो बातें पुरानी पता नहीं ‌ क्यों याद आ गए,,, ‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,, ‌सावन के झूलों में घण्टों लटकना,, ‌वो बारिश की बूंदों में छम-छम रपटना,,, ‌फ़टे कपड़ों में भी खुशियां समेटे, ‌वो रेहड़ी से केलों के गुच्छे झपटना,, ‌था जिंदादिल अब से वो बचपन का मौसम, ‌अब तो हर सांस पे लगता है राशन,, ‌चोट खाके भी हँसने के किस्से पता नही क्यों याद आ गए,,, ‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,,,,, राकेश सोनगरा, सरदारशहर ©Rakesh Songara

#कोट्स #बचपन  बचपन की यादें  किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,
वो खेल-खिलौने कागज़ के,मिट्टी के बर्तन,
बेवजह क्यूँ याद आ गए,,,
वो बेपरवाह बदमाशियां,अठखेलियां, शरारतें सारी,,
‌टूटी फूटी,रंगबिरंगी चूड़ियां प्यारी,,
‌माटी के घरौंदे में घर-घर का खेला,,
‌वो तीज़ त्योहार, गणगौर का मैला,,,
‌वो कुल्फ़ी की चुस्कियों से जुबां की लाली,,
‌मदारी के डमरू पे बजती वो ताली,,
‌अनोखे वो दिन वो बातें पुरानी पता नहीं
‌ क्यों याद आ गए,,,
‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,
‌सावन के झूलों में घण्टों लटकना,,
‌वो बारिश की बूंदों में छम-छम रपटना,,,
‌फ़टे कपड़ों में भी खुशियां समेटे,
‌वो रेहड़ी से केलों के गुच्छे झपटना,,
‌था जिंदादिल अब से वो बचपन का मौसम,
‌अब तो  हर सांस पे लगता है राशन,,
‌चोट खाके भी हँसने के किस्से पता नही क्यों याद आ गए,,,
‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,,,,,
             राकेश सोनगरा, सरदारशहर

©Rakesh Songara

White ज़िंदगी के तमाशे में,, नासमझी का कोहरा छंट रहा है,,, धीरे धीरे ही सही "बेदर्द",, सबके क़िरदार से पर्दा हट रहा है,,,, ©Rakesh Songara

#कविता #GoodNight  White ज़िंदगी के तमाशे में,,
नासमझी का 
कोहरा छंट रहा है,,,
धीरे धीरे ही सही "बेदर्द",,
सबके क़िरदार से पर्दा हट रहा है,,,,

©Rakesh Songara

#GoodNight

12 Love

White सक्षम पदों पर बैठे,, परिस्थितियों के मारे हुए लोग,,,, अक्सर ज़ुबान होते हुए भी,, बेज़ुबान हो जाते हैं,,,,, ©Rakesh Songara

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White सक्षम पदों पर बैठे,,
परिस्थितियों के मारे हुए लोग,,,,
अक्सर ज़ुबान होते हुए भी,,
बेज़ुबान हो जाते हैं,,,,,

©Rakesh Songara

#Sad_Status

14 Love

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