"गज़ल: यारा
दिल में तुम बस जाओ यारा।
सपनों में तुम आओ यारा॥
राहों में मैं जब भी भटकूं।
मुझको राह दिखाओ यारा॥
कदम कदम पर फैला कंटक।
तुम ही आज बचाओ यारा॥
अपने ही सब रूठे हमसे।
तुम तो साथ निभाओ यारा॥
मेरा जीवन बिखर रहा है।
फिर से साज सजाओ यारा॥
तुम तो मेरी दिल धड़कन हो।
मुझसे नेह लगाओ यारा॥
सूनापन है कुछ अंतस में।
इसको आज भगाओ यारा॥
आओ मिलकर कुछ हम गायें।
सुर लय ताल मिलाओ यारा॥
Dinesh Pandey
© दिनेश कुशभुवनपुरी"
👌अद्धभुत है सर 👌🏻👌🏻