अरे क्यूँ परेशान होते हो मुश्किलों से,
क्यूँ घबरा जाते हो इन महफ़िलो से,
तन्हा हो,तन्हा हो, ये कैसा शोर है,
क्यूँ तड़प जाते हो इन मुश्किलों से!!
जिंदगी ही तो है, गम क्यूँ है,-2
क्यूँ पिघल जाते हो इन दिलजलों से!!
तन्हा हो-2 ये कैसा शोर है,
क्यूँ भड़क जाते हो मुश्किलों से!!
ये तेरा शहर मेरे शहर जैसा ही है,
हाँ ये तेरा शहर मेरे शहर जैसा ही है,,
तन्हा हो-2 ये कैसा शोर है,
क्यूँ बदल जाते हो इन मुश्किलों से!!
तू तेरी हकीकत थोड़ी बचा के रख
तुझमें तू बाकि है ये भी दिखा के रख,
तन्हा हो-2 ये कैसा शोर है,
क्यूँ तुनक जाते हो इन मुश्किलों से!!
कोई खेल नहीं मेरे दोस्त जिंदगी ही तो है!!
©Asmita Singh
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here