Babli Gurjar

Babli Gurjar

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

आजकल के एडवांस बच्चे एडवोकेट से कम नहीं मल्टी-टास्किंग तो जैसे बेहद साधारण बात रही बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#विचार  आजकल के एडवांस बच्चे 
एडवोकेट से कम नहीं 
मल्टी-टास्किंग तो जैसे 
बेहद साधारण बात रही 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

प्रेम संबंधों में सावन भादों की घनी हरियाली अब पूस माघ तक आते आते अकड़ने लगती ज्येष्ठ आषाढ़ तक पहुंचते क्रोध में झुलसने लगती फिर सावन के आने तक बूंदों में बिखरकर मिटने लगती बड़ी ही छोटी उम रह गई आपसी सम्मानित स्वाभिमान की बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#कविता  प्रेम संबंधों में सावन भादों की  घनी हरियाली
अब पूस माघ तक आते आते अकड़ने लगती
ज्येष्ठ आषाढ़ तक पहुंचते क्रोध में झुलसने लगती
फिर सावन के आने तक बूंदों में बिखरकर मिटने लगती
बड़ी ही छोटी उम रह गई आपसी सम्मानित स्वाभिमान की
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

White दो टूक जवाबों का सिलसिला जारी है कच्चे पड़ते रिश्तों में पक्की खींचातानी है जंग जुबानों से बढ़कर हाथापाई तक निकल जाती है उधड़ती बखिया रिश्तों की तुरपाई को तरस जाती है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#शायरी #love_qoutes  White दो टूक जवाबों का सिलसिला जारी है 
कच्चे पड़ते रिश्तों में पक्की खींचातानी है 
जंग जुबानों से बढ़कर हाथापाई तक निकल जाती है 
उधड़ती बखिया रिश्तों की तुरपाई को तरस जाती है 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

कागजी फूलों में खुश्बू आने लगी बाजार ने बदल दिए मायने सभी सखी दौर दिखावे के घोर अंधेरे का है सच शुद्ध स्पष्ट होकर भी बच्चे सा है जिसे जानते हैं सब पर मानते नहीं सामने देखकर भी पहचानते नहीं बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#शायरी  कागजी फूलों में खुश्बू आने लगी 
बाजार ने बदल दिए मायने सभी 

सखी दौर दिखावे के घोर अंधेरे का है 
सच शुद्ध स्पष्ट होकर भी बच्चे सा है 

जिसे जानते हैं सब पर मानते नहीं 
सामने देखकर भी पहचानते नहीं 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

रिश्तों की हाट लगी तरह तरह के रिश्ते देखे बात नहीं थी कोई नई फिर भी हम कह कर देखे रिश्ते जो मतलब के निकले काम निकलकते ही बिखर गए रिश्ते जो जरूरत में बने बिगड़ बिगड़ कर भी बनते रहे रिश्ते सिर्फ खरे प्यार के ना टूटे ना बिखरे कभी जितनी किस्मत रूठी उतनी मजबूती से संवरे भी बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#शायरी  रिश्तों  की हाट लगी तरह तरह के रिश्ते देखे
बात नहीं थी कोई नई फिर भी हम कह कर देखे

रिश्ते जो मतलब के निकले काम निकलकते ही बिखर गए
रिश्ते जो जरूरत में बने बिगड़ बिगड़ कर भी बनते रहे 

रिश्ते सिर्फ खरे प्यार के ना टूटे ना बिखरे कभी 
जितनी किस्मत रूठी उतनी मजबूती से संवरे भी 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

तोड़ता रहा वो हरेक आईना जिसमें मेरी तस्वीर नजर आती है तोड़ लिए उसने सारे आईने घर के तब समझा कैसे मिटता अक्स मेरा नजर में नहीं जिगर में रहा बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#शायरी  तोड़ता रहा वो हरेक आईना 
जिसमें मेरी तस्वीर नजर आती है 
तोड़ लिए उसने सारे आईने घर के तब समझा 
कैसे मिटता अक्स मेरा नजर में नहीं जिगर में रहा
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar
Trending Topic