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कोई पागल कहेगा , तो कहने दो , तुम मुझे रोकों न , इस प्रवाह संग वहने दो । ❤️
Bhanu Priya
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White तू भी हारा है अगर, तो मैं भी हारी हुं इधर , अनजाने जो हो गए हैं रास्ते, अब जाएं , जाएं तो किधर , जिंदगी ये तेरे फंसाने हैं , लुटा देते जो खुद को तुझ पर , जिंदगी वो तेरे दीवाने हैं ।। ©Bhanu Priya
19 Love
जब नाम उन पन्नों पर तुम्हारा आया , मुस्कुराऊं -चिल्लाऊं , झुमू या गाउं , फिर किनारे बैठ गई हज़ार बार पंक्ति को पढ़ती रहीं , कभी अश्रु , कभी मुस्कान मैं तुमको याद करती रही , मैं तुमको याद करती रही । ©Bhanu Priya
23 Love
रुख न बादलों यूं इस कदर , बाग बिखर रहें हैं, पंखुड़ियां चिलाती है, पत्ते करहातें हैं, तने यूं टूट जातें हैं, रुख न बादलों यूं इस क़दर फूल मुर्झा जाएंगे। ©Bhanu Priya
29 Love
यह कौन मुझे याद करता है इतना , मैं सह नहीं पाऊंगी , मेरे एहसास भी मेरे साथ है , मैं उनके बगैर और कहीं रह नहीं पाऊंगी , यह कौन आग लगाए बैठा है , यह किसका धुआं निकल रहा है , खामोशियों में छींको ने बहाल किया , तुम्हें भी याद आती होगी , मेरे एहसासो ने ख्याल किया । ©Bhanu Priya
28 Love
बिखर के ज़रा ज़रा हो चुकी हूँ , मैं फिर भी घुल रही हूं , अब मुझमें कुछ बचा नहीं , मैं फिर भी तुझमें मिल रही हूं । ©Bhanu Priya
20 Love
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