Archana Tiwari Tanuja
कौन कहता परमात्मा कण-कण में नहीं है?
हे परमत्तव अंश होता तो हे कण -कण में ?
आपने कभी भी उसे देखने की इच्छा ही जाहिर नहीं की।
आपके रूह में से पसीना निकलते दिखा रहा है,
अपने ही शरीर की आंखों से दिखाकर आपको
अपना होनै का आभास करा रहा है,
हर पल इतना मेहनत करो मुझे पाने मैं कि-
मैं कण-कण में तो होता ही हूं ,
फिर छोटी सी मेहनत से आपको
ही इन छिद्रों के जल से आभास रहा हुं।
आपको मुझे तुम बाहर नहीं खोज सको तो,
कम-कम एक बार अपने ह्रदय में खोज कर देखो सही।
Behtreen 👏 👏 👏 👏 💯 💯 💯