Nisheeth pandey

Nisheeth pandey

freelance work - film industry at Art Director & set designer ☺ अपने और गैरों ने मुझमें इतनी कमियां निकाल दी कि, खूबियों के सिवाय अब मुझमें कुछ बचा ही नहीं... :)

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#कविता #ChaltiHawaa #UskePeechhe #BehtaLamha #BehtiHawaa

आज फेसबुक की ओल्ड मोमेरी में दिखा तो सोचा पोस्ट कर दूं , उम्मीद है आपलोग को पसंद आये 😍❤️😊 #uskebina #intezaar #Chhuan #Parchhai #BehtaLamha #ChaltiHawaa #Streaks

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#कविता #निशीथ #GuzartiZindagi #PhisaltaSamay #ChaltiHawaa #BehtaLamha  बीती यादों की पोटली
हरे और लाल रंग से 
ओतप्रोत लम्हें
मुट्ठी में दबे रेत 
हाय रे फिसलती जिंदगी
दिन महीना साल गुजर रहा 
लम्हा लम्हा धरा पर ....

नाटक पर नाटक पर नाटक
जीने के लिये या उम्र बिताने के लिये 
 कितने नाटक पर नाटक खेल रहे 
कभी हम दर्शक बनकर 
तालियां बाँट रहें 
कभी हम किरदार बन कर 
तालियां बटोर रहें 
रंगमंच की धरा पर ......




#निशीथ

©Nisheeth pandey

बीती यादों की पोटली हरे और लाल रंग से  ओतप्रोत लम्हे मुट्ठी में दबे रेत 

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#कविता #chaandsifarish #chandrayaan3 #ChaltiHawaa #BehtaLamha #adventure  

किताब न गरीबी देखती 
न अमीरी
 न ऊंच देखती 
न नीच 
जो करें श्रद्धा
 उसकी बदल देती तकदीर है 
किताब के पन्नो की फड़फड़ाहट 
लग जाये जिसके चेहरों को
 उसका चेहरा सूर्य सा तेजवान हो जाये ....

ईश्वर, शैतान, प्रकृति , इंसान ,किसान, कलाकार, विज्ञान ,शोध , चोर हो या हत्यारा
 सब को रखती अपनी कोख में
 किया न किसी से द्वेष  .....
किताब की फड़फड़ाहट 
दर्शन कराती है ,सबकी जीवन लीला ।
किताब में ही वेद है, रामायण है , गीता है 

किताब में ही  गुरुवाणी , कुरान और बाइबल
किताब में ही युद्ध रणनीति 
विज्ञान का तर्क 
गणित की पद्धति 
कला का सौंदर्य 
या मायाजाल
 गुरुवों का गुरु 
किताब में ही 
सत्य का ज्ञान ,असत्य की परख 
धर्म भी यहां , अधर्म भी यहीं 
यही कानून ,यही संविधान 
यही प्रकाश , इसके बिन सब अंधकार ....
सबका मार्ग दर्शक श्री कृष्ण सा
किताब ही अमृतपान ......
पूरी जीवन लग जाती है 
किताब के आगोश में
 अंकित शब्द होने में 
क्या है ये किताब 
जो भी हो बस 
पवित्र है ये किताब 
बस पवित्र है ये किताब  .......✍

🤔निशीथ🤔

©Nisheeth pandey

#kitaab किताब न गरीबी देखती न अमीरी न ऊंच देखती न नीच जो करें श्रद्धा

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#कविता #निशीथ #ManKeUjaale #lovequotes #merasheher #Ambitions  तन्हाईयो से जुदा वो अब, गैर को अपना बना मचलती है ...
 मेरी यादों को किसी और के बाहों में भरकर सोती है..  
अब तन्हां वो नहीं इस बात पर मचलती है...

  वो  अब मुझसे नींद में मिलती हैं मगर 
अपने होठों पर किसी और का निशानी ले कर ....
 खुली आँखों से तन्हां मिलती नहीं अब , 
वो हर बात पर मचलती फिरती है अब...

 उसकी खामोशी ने कर दी, हम दोनो में पैदा दूरीयाँ...
 .. 
उसकी कसम ने रोक दी मेरे कदम 
दीवारें खड़ी की कैसी 
जो तोड़ न सके मेरे कदम

 उसके प्यार बिना कर्वी जिन्दगी बना ली हमने
 प्यार का सफर टूटा फूटा  कर ली हमेंने....
 इश्क का रेला है कैसा उबर पाए हम नहीं
तन्हा अब वो नहीं मेरी नींद में भी मेरी नहीं......

एक एक पल क्या ख़ूब मचलती है 
गैरों को अपना कह क्या ख़ूब इतराती है मगर...
फिक्र रहा नहीं अब उसे मेरा  
सुना है गैर के घर हो अपना कह नाचती फिरती है 

 
प्यार इश्क कसमें वादें इरादें  सपनें सब मेरे गैर की अब अमानतें 
एक दूसरे को अपना बनाना जाने वो भी नहीं मैं भी नहीं... 
अब गैर की बाहों को अपना कह भरती हमारी आहें 
हमारी तन्हाई के आंसू खुशियों के बीच चुपके से कभी तो टपकते होंगे .......
तन्हाईयो से जुदा वो अब, गैर को अपना बना मचलती है ...
 मेरी यादों को किसी और के बाहों में भरकर सोती है..  


#निशीथ

©Nisheeth pandey

तन्हाईयो से जुदा वो अब, गैर को अपना बना मचलती है ... मेरी यादों को किसी और के बाहों में भरकर सोती है.. अब तन्हां वो नहीं इस बात पर मचलती है... वो अब मुझसे नींद में मिलती हैं मगर अपने होठों पर किसी और का निशानी ले कर .... खुली आँखों से तन्हां मिलती नहीं अब , वो हर बात पर मचलती फिरती है अब...

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#ManKeUjaale #lovequotes #merasheher #Ambitions #Remember #titliyan  क्या लिखूँ 
जब देखा नही 
महसूस किया नहीं 
मात पिता का स्नेह 
मिला नहीं कोमल स्पर्श मात का 
या पाया नहीं कठोर दुलाड़ पीता का 
मैं अभागा मन तड़पा
मानों
दीवार से उखड़े हुए
 पोस्टर की याद
रह रह कर 
मेरे बिस्तर पर उतरती रहीं
व्याकुल मन से
मैं सोता रहा हूँ 
तकिये को सर पे रख कर.....

@निशीथ

©Nisheeth pandey

#maaPapa क्या लिखूँ जब देखा नही महसूस किया नहीं मात पिता का स्नेह मिला नहीं कोमल स्पर्श मात का या पाया नहीं कठोर दुलाड़ पीता का मैं अभागा मन तड़पा

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#कविता #ManKeUjaale #lovequotes #merasheher #Ambitions #Remember  शीर्षक - तुम्हारी छुअन
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

तुम्हारे छुअन से पता ही नहीं चलता
फूर्र से ' पंख फैलाकर ,
मन कहाँ उड़ जाता है 
 
तुम्हारा आना करीब पाना -
तुम्हारी सोच का छुअन पाना
तुम्हारी हंसी का छुअन पाना
तुम्हारी नज़र का छुअन पाना
तुम्हारी शरारतों का छुअन पाना
आत्मसात हो जाता है
जैसे मेरा अस्तित्व तुम्हारे संग
 मैं , मैं सा नहीं रहता
तब तुम , तुम सा नहीं रहती ,
सच में
हमारे बीच प्रेम अलौकिक नृत्य करता है

डरता हूं सच में मन ही मन
उन पलो को जीने के बाद
बिछरण के विरह से भ्रमीत होकर ।

तुम्हारे जाने के बाद, 
ढूंढता हूं तुम्हें ख्यालों की समंदर में -
अपने होंठो पर अंकित तुम्हारे चुंबन में
चाय के कप पर तुम्हारी छुअन में
चादर में मौजूद सिलवटों पर  ,
आईने पर भूली बिंदी 
जैसे तुम्हारी रूह 
मुझे हर पल तकती रहती है 
सच में 
क्योंकि - न जाने क्यों
 तुम थोड़ा सा खुद को
मेरे पास भूल आती हो

बार - बार  और हर बार
 अपनी छुअन मेरे डायरी पर लिख जाती हो ....

@निशीथ

©Nisheeth pandey

#Chhuan शीर्षक - तुम्हारी छुअन 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ तुम्हारे छुअन से पता ही नहीं चलता फूर्र से ' पंख फैलाकर , मन कहाँ उड़ जाता है

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