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$$ 🧬 अंग्रेज चले गए लेकिन गुलामी की अंग्रेजी हमें दे गए..!! जो आज तक हम अंग्रेजी भाषा के गुलाम और अपनी हिन्दी भाषा से अनजान है..!! जिसमें गलती हर भारतवासी की नहीं हमारे देश के कार्य प्रणाली की है..!! जो स्वार्थ बस देश की नेताओं के हाथ में है..!! कल तक भारतवासी अंग्रेजों के ग़ुलाम आज उनकी अंग्रेजी भाषा के गुलाम तर्क अनगिनत , लेकिन सोच नहीं है.. 🧬!! $$ @mit $$ ©Amit Gorakhpuri

#lovelife💞🌎2k81lovelifeonlinsms #विचार  $$ 🧬 अंग्रेज चले गए लेकिन गुलामी की अंग्रेजी हमें दे गए..!!
जो आज तक हम अंग्रेजी भाषा के गुलाम और अपनी हिन्दी भाषा से अनजान है..!!
जिसमें गलती हर भारतवासी की नहीं हमारे देश के कार्य प्रणाली की है..!!
जो स्वार्थ बस देश की नेताओं के हाथ में है..!!
कल तक भारतवासी अंग्रेजों के ग़ुलाम आज उनकी अंग्रेजी भाषा के गुलाम तर्क अनगिनत , लेकिन सोच नहीं है.. 🧬!!
$$ @mit $$

©Amit Gorakhpuri
#Hindidiwas  जन - जन की जो भाषा है
हिंदी हमारी परिभाषा है
प्रेम सौहार्द की जो गाथा  है
राष्ट्रभाषा बने हिंदी 
यही सबकी अभिलाषा है

भारत देश की पहचान है हिंदी
भरतवासियों की शान है हिंदी
गौरव है भारत माता की
हिन्दुस्तानियों की आन है हिंदी

दिल में उतरे जो बन कर मिश्री
कानों में घोले ,शब्दों की गोली
आसानी से जो समझे जन -जन
यही है सबकी अभिलाषा
राष्ट्रभाषा बने हिंदी भाषा

©Rani

#Hindidiwas

171 View

#Hindidiwaslovelife💕 #जानकारी  $$ भारत देश हमारा देश हिंदी अनिवार्य करें, देश हित के लिए विचार करें देश के सबसे बड़े राज्य में हिंदी राज्य, उन राज्यों के सारे कार्य और और सारे फॉर्म हिंदी मे अनिवार्य करें, समझ फॉर्म की नहीं और दस्तखत हजार करें, थोड़े से कार्य के लिए और अपने लाभ के लिए, भारत की भोली जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ करें, शिक्षित देश होने का संकल्प लेकर अशिक्षित होने का अंगूठे का प्रयोग करें..!!
 इंसान का जीवन ही छल में है नभ और जल में विचरण करें..!!
भारत देश हिंदी देश भारत हिंदी पर विचार करे..!!
$$ @mit $$

©Amit Gorakhpuri

#Hindidiwaslovelife💕 2024$$ @mit $$

207 View

#Hindidiwas #Quotes   अपनी भाषा भुलकर पराई भाषाओं पर
प्रभुत्व हांसिल करने चले हैं।
कितनी अजीब बात है कि
अपने हि देश में रहकर
हमें अपनी हि भाषा में रुचि नहीं।

©Naj Hussain

#Hindidiwas

72 View

#Hindidiwas  तुम अगर कवि हो तो मेरा ये निवेदन सुन लो,
खोल कर कान जरा वक्त की धड़कन सुन लो,
तुम और न ये श्रृंगार न लिखो गीतों में
तुम न अब प्यार या श्रृंगार लिखो गीतों में
वक्त की मांग हैं अंगार लिखो गीतों में
सिर्फ कुंठाओं की अभिव्यक्ति नहीं है कविता
काम क्रीड़ाओं की आसक्ति नहीं है कविता
कविता हर देश की तस्वीर हुआ करती है
निहत्थे लोगों की शमशीर हुआ करती है…
तुम भी शमशीर या तलवार लिखों गीतों में
वक्त की मांग हैं अंगार लिखों गीतों में
_______डॉ उर्मिलेश

©Dev Rishi

#Hindidiwas

90 View

#ज़िन्दगी #Hindidiwas  jo jakhm dikhte nahi wo bahut dukhte hai

©kuldeep singh

#Hindidiwas

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