महतारी है हिंदी हमारी,
हिंदुस्तान की ये पहचान है।
परिचित जरूर है हम इससे,
फिर भी हम अनजान है।
राष्ट्र की एकता देखो,
इसी में हमारा राष्ट्रगान है।
फिर कहां चले गए इसके स्वर,
ये ही तो हमारी शान हैं।
ये मातृभाषा है हमारी,
जिस पर हमे गर्व और अभिमान हैं।
इसके व्यजनों से सीखा, क से कामयाबी,
झ में ही हमारा ज्ञान हैं।
मत भूलना इसे तुम,
ये हिंदुस्तान की पहचान है।
ज्ञान की अमृत धारा में,
हर कदम इसका नाम हैं।
हर कोई अपनाए इसे,
यही तो भाषा की पवित्र धाम हैं।
©आधुनिक कवयित्री
#Hindidiwas