Dussehra
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#हरि  भाग -५
 
जिस दिन के लिए मैं जिंदा थी, आखिर ओ दिन भी आ गए।
गुरूदेव की वाणी सत्य हुई, प्रभु राम के दर्शन पा गए।।

©दूध नाथ वरुण

#हरि दर्शन

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#पौराणिककथा #Dussehra  आत्मा, ईश्वर तथा इन दोनों से संबंधित दिव्य ज्ञान शुद्ध करने तथा मोक्ष प्रदान करने वाला है ऐसा ज्ञान कर्म योग का फल है।

©Arjun kumer

#Dussehra

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लंकेश बना जप-तप योगी,योगी से लिए वरदान कई, बाहुबल में नित-नित करता,सागर-सा अभिमान कई, जग की रीति,जग को साजे,जग में उपजी तान कई, कर्म करो तुम राम सरीखे,मिलते फिर सम्मान कई।। कवि मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey

#Dussehra #Quotes  लंकेश बना जप-तप योगी,योगी से लिए वरदान कई,
बाहुबल में नित-नित करता,सागर-सा अभिमान कई,
जग की रीति,जग को साजे,जग में उपजी तान कई,
कर्म करो तुम राम सरीखे,मिलते फिर सम्मान कई।।
कवि मुकेश गोगडे

©kavi mukesh gogdey

#Dussehra

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#कविता #Dussehra  💐विजयादशमी की शुभकामनाओं सहित💐
- कुछ दोहे -
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1-
अहंकार जिसने किया, हुआ उसी का अंत।
कहते वेद पुराण सब, ज्ञानी मुनिजन संत।।
2-
रावण था  शिवभक्त  पर, उसे हो गया दम्भ।
जनकसुता हरकर किया, स्वयं पतन आरंभ।।
3-
कहा विभीषण ने सदा, सुनिए मेरी तात।
अहंकार को त्याग कर, करें राम से बात।।
4-
कुंभकरण   मंदोदरी,  देते  रहे  सलाह।
किंतु न की लंकेश ने, स्वजनों की परवाह।।
5-
सोने की लंका जली, चूर हुआ अभिमान।
जब रघुनंदन राम ने, किया वाण संधान।।
6-
दसकंधर के रूप में, हुई  अहं  की  हार।
रावण वध कर राम ने, हरा धरा का भार।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#Dussehra

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#पौराणिककथा #HappyDashahra  बिना सोचे ना बोलो
बिना सोचे ना करो कोई काम
बिना सोचे रावण ने किया सीता हरण
सोच विचार कर जीते राजा राम
विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

©विवेक तिवारी
#मराठीविचार #Dussehra  प्रत्येकाचा स्वभाव जरी वेगळा असला तरी सत्यापुढे असत्य, खरेपणापुढे खोटेपणा,सद्गुणापुढे दुर्गुण टिकत नाही. आपण सर्वांनी सद्गुण,खरेपणा,सत्यता या चिरकाल टिकणा-या गुणाबरोबर राहावे आणि रावणाला पेटवतांना स्वत:मधील राम इतरांना दाखवावा याच-
विजयादशमीच्या सर्वांना मंगलमय शुभेच्छा !!

©Dr. Sunil Haridas

#Dussehra विजयादशमी

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