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White प्रीत की लगन,असीम,अटूट हो जाये। दिली हसरतें सारी एकजुट हो जाये। करवाचौथ की छलनी से निहारे दोनों, सात फेरों की कसमें अपूट हो जाये। कवि मुकेश गोगड़े अपूट- जिसमें कोई खोट या मैल न हो ©kavi mukesh gogdey
kavi mukesh gogdey
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निगाह,लब कत्ल कर जाते। आवाम शहर कहाँ सर उठाते? लख्त-ए-दिल कबूल होता गर। शान से सर हम भी कटाते।। मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey
14 Love
रंजीदा नब्ज़ से रवानी निकाल लाना। रेतीले दरिया से पानी निकाल लाना। हुनरबाज़ी के बिना आसान नही होता। ग़ुमराह दिल से कहानी निकाल लाना।। कवि मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey
15 Love
White लहज़े पर अभी बहुत काम करना है। बेहतरीन लब्ज़ों का इंतजाम करना है। बेड़ियाँ बहुत है पाँव जकड़ने वाली, इन बेड़ियों का काम तमाम करना है।। कवि मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey
13 Love
White बुलंद दरवाजे की तह से निकलकर आया है। जुनून ये किसी शह से निकलकर आया है। कदम-कदम की मुश्किलों को चकनाचूर करने। सरकश भी किसी दह से निकलकर आया है। कवि मुकेश गोगडे सरकश-विद्रोही ©kavi mukesh gogdey
सत्य के अनुबंधों में,बँधा हुआ है देश। लोकतंत्र में मजबूती,ख्याति है विशेष। सविंधान के प्रेणता,"बाबा"तेरी ज्योति से, नर-नारी धन्य है,प्रकाशित हर प्रदेश।। कवि मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey
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