ज़र,ज़मीन की हिमाक़त फ़िजूल है। तेरी ज़मीन तुझमें है,मेरी ज़मीन मुझमें है। ज़हन की नीयत है कायनात सिर्फ, तेरी क़ायनात तुझमें है,मेरी कायनात मुझमें है। मुकेश गो.
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