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Hariom Shrivastava

Hariom Shrivastava

M.A., LL.B. Rtd. Commercial Tax Officer, Bhopal, M.P.

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White - कुण्डलिया# - “अमरीकी फंड” ------------------------------------- अमरीका ने कह दिया, भारत भेजा फंड। इस पर सारी पार्टियाँ, कहतीं अंड-चमंड।। कहतीं अंड-चमंड, अनर्गल कुछ भी बोलें। लेकिन असली भेद, नहीं कोई भी खोलें।। बना आज जंजाल, फंड यह सबके जी का। भेज रहा है फंड, किसे आखिर अमरीका।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #Couple  White - कुण्डलिया# - “अमरीकी फंड”
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अमरीका ने कह दिया, भारत भेजा फंड।
इस पर सारी पार्टियाँ, कहतीं अंड-चमंड।।
कहतीं अंड-चमंड, अनर्गल कुछ भी बोलें।
लेकिन असली भेद, नहीं कोई भी खोलें।।
बना आज जंजाल, फंड यह सबके जी का।
भेज रहा है फंड, किसे आखिर अमरीका।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#Couple

12 Love

White -कुण्डलिया - ताकतवर से शत्रुता, काम हार तकरार। नींद न आने के प्रमुख, कारण हैं ये चार।। कारण हैं ये चार, किंतु यह नया जमाना। अब है कारण खास, कभी भी कुछ भी खाना।। भोजन घर का शुद्ध, न मँगवाएँ बाहर से। और न पालें बैर, कभी भी ताकतवर से।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #GoodMorning  White   -कुण्डलिया -

ताकतवर से शत्रुता, काम हार तकरार।
नींद न आने के प्रमुख, कारण हैं ये चार।।
कारण हैं ये चार, किंतु यह नया जमाना।
अब है कारण खास, कभी भी कुछ भी खाना।।
भोजन घर का शुद्ध, न मँगवाएँ बाहर से।
और न पालें बैर, कभी भी ताकतवर से।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#GoodMorning

11 Love

-कुण्डलिया- :: शीर्षक - “कुंभ” एक तिहाई देश ने, किए हैं कुंभ स्नान। बाकी सभी बना रहे, जाने का ही प्लान।। जाने का ही प्लान, किंतु वे जाएँ कैसे। जाना टेड़ी खीर, भले हों कितने पैसे।। रेलों में है भीड़, जाम सड़कों पर भाई। एक अरब हैं शेष, नहाए एक तिहाई।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता  -कुण्डलिया- :: शीर्षक - “कुंभ”

एक तिहाई देश ने, किए हैं कुंभ स्नान।
बाकी सभी बना रहे, जाने का ही प्लान।।
जाने का ही प्लान, किंतु वे जाएँ कैसे।
जाना टेड़ी खीर, भले हों कितने पैसे।।
रेलों में है भीड़, जाम सड़कों पर भाई।
एक अरब हैं शेष, नहाए एक तिहाई।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

-कुण्डलिया- :: शीर्षक - “कुंभ” एक तिहाई देश ने, किए हैं कुंभ स्नान। बाकी सभी बना रहे, जाने का ही प्लान।। जाने का ही प्लान, किंतु वे जाएँ कैसे। जाना टेड़ी खीर, भले हों कितने पैसे।। रेलों में है भीड़, जाम सड़कों पर भाई। एक अरब हैं शेष, नहाए एक तिहाई।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

10 Love

White -कुछ दोहे- 1- जीवन में अपना लिया, जिसने नियमित योग। उसके पास न फिर कभी, फटक सके हैं रोग।। 2- अति भक्षण करके करे, जो दिनभर आराम। वह जाता अति शीघ्र ही, असमय ही सुरधाम।। 3- जिसको रहना बंधुवर, सुखी स्वस्थ सम्पन्न। सुबह-शाम कसरत करे, कम खाए वह अन्न।। 4- तन मन जिसका स्वस्थ हो, सुखी वही इंसान। उसको ही जग में मिले, धन बल यश गुण ज्ञान।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Sad_Status  White -कुछ दोहे-

1-
जीवन में अपना लिया, जिसने नियमित योग।
उसके पास न फिर कभी, फटक सके हैं रोग।।
2-
अति भक्षण करके करे, जो दिनभर आराम।
वह जाता अति शीघ्र ही, असमय ही सुरधाम।।
3-
जिसको रहना बंधुवर, सुखी स्वस्थ सम्पन्न।
सुबह-शाम कसरत करे, कम खाए वह अन्न।।
4-
तन मन जिसका स्वस्थ हो, सुखी वही इंसान।
उसको ही जग में मिले, धन बल यश गुण ज्ञान।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#Sad_Status

9 Love

White -कुण्डलिया- शीर्षक :: “भीड़” जनता रह जाए जहाँ, मात्र भटकती भीड़। तब मन में होती बहुत, इसी बात से पीड़।। इसी बात से पीड़, भीड़ कैसी हो जाती। अपनी ही वह जान, दाँव पर स्वयं लगाती।। नेताओं का काम, भीड़ से ही सब बनता। सत्ता की है रीढ़, भीड़ वाली यह जनता।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #GoodMorning  White  -कुण्डलिया- शीर्षक :: “भीड़”

जनता रह जाए जहाँ, मात्र भटकती भीड़।
तब मन में होती बहुत, इसी बात से पीड़।।
इसी बात से पीड़, भीड़ कैसी हो जाती।
अपनी ही वह जान, दाँव पर स्वयं लगाती।।
नेताओं का काम, भीड़ से ही सब बनता।
सत्ता की है रीढ़, भीड़ वाली यह जनता।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#GoodMorning

16 Love

White - कुण्डलिया - कठपुतली का खेल है, मायावी संसार। डोर उसी के हाथ में, जो है पालनहार।। जो है पालनहार, वही सब नाच नचाता। भटके जो किरदार, उसे भी वही बचाता।। गिर जाता नेपथ्य, छोड़ देता जब सुतली। हो जाती निष्प्राण, डोर के बिन कठपुतली।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #sad_quotes  White - कुण्डलिया -

कठपुतली का खेल है, मायावी संसार।
डोर उसी के हाथ में, जो है पालनहार।।
जो है पालनहार, वही सब नाच नचाता।
भटके जो किरदार, उसे भी वही बचाता।।
गिर जाता नेपथ्य, छोड़ देता जब सुतली।
हो जाती निष्प्राण, डोर के बिन कठपुतली।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#sad_quotes

11 Love

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