Journey
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किसी गरीब मजलूम को सताने नही आना अपने मगरमच्छ के आंसू बहाने नहीं आना खड़ा हुआ है बड़ी मुश्किल से अपने पैरों पर खुदा के वास्ते उसको अब गिराने नहीं आना जरुरत थी तुम्हारी जब कभी देखा नही तुमने अब कभी मिलने तुम किसी बहाने नही आना जो भी गम मिला उसको वो हंस कर सह लेगा गमों पर तुम कभी अफसोस जताने नही आना उसके जैसे ही तमाम लोग दुनिया में हैं संजय उनकी तस्वीर को अखबार मे सजाने नही आना ©संजय श्रीवास्तव

#शायरी #Journey  किसी गरीब मजलूम को सताने नही आना
अपने मगरमच्छ के आंसू बहाने नहीं आना

खड़ा हुआ है बड़ी मुश्किल से अपने पैरों पर
खुदा के वास्ते  उसको अब गिराने नहीं आना

जरुरत थी तुम्हारी जब कभी देखा नही तुमने
अब कभी मिलने तुम किसी बहाने नही आना

 जो भी गम मिला उसको वो हंस कर सह लेगा
 गमों पर तुम कभी अफसोस जताने नही आना

उसके जैसे ही तमाम लोग दुनिया में हैं संजय
उनकी तस्वीर को अखबार मे सजाने नही आना

©संजय श्रीवास्तव

#Journey

15 Love

#मीम #Journey  लड़ लो, झगड़ लो लेकिन
कभी परिवार से अलग मत होना।

क्योंकि बिना गुच्छे वाले अँगूर का
क़ोई मोल भाव नहीं होता।

©KRISHNA

#Journey

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#સમાજ #lifequotes #Journey  માન એટલે મગજ થી અપાતો પ્રેમ 
અને 
પ્રેમ એટલે દિલ થી અપાતું માન












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©Gopal
#शायरी #Journey  मां एक call  नहीं receive किया तो समझ जाओना की busy हूं
बार-बार क्या  phone करना जरूरी हैं ।
कितनी असानी से कह दिए न तुम मां ऐ सारी बातें 
एक बार भी नहीं सोचा कि ये जानते हुए भी की तुम busy होगे 
मां call पे call क्यों किए जा रही हैं ।
जी मचल रहा है उसका उसके बाय छाती मे दर्द हैं,
और ऐसा तब होता हैं जब तुम बहोत परेशान हो 
या फिर तुम्हारी तबीयत खराब होने वाली होती हैं ।
परेशान है वह क्योंकी उसे पता है कि 
तुम जबभी परेशान होते हो सामने वले के ह मे ह मिला लेते हो,
तुम्हें अपना कुछ सूझता नहीं हैं,
और कही इसी चक्कर में तुम कुछ गलत ना कर बैठो
वो इसलिए तुम्हें बार-बार phone  करती है 
ताकी वह ये जान सके कि तुम  ठीक तो हो न ।
मां हैं न वो तुम चाहे उसके साथ कैसा भी बर्ताव कर लो 
वो तो तुम्हारी फिक्र ही करेगी ।

©Rajshi Raj

#Journey

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#गोल_चबूतरा  और क्या कहूं क्या बीती उस मां के दिल पर साड़ी लाने वाला बेटा आया तिरंगे में लिपटकर छोटी सी जिन्दगी में हादसे हुए कई पर रोज
 हमें लगे जिन्दगी नई-नई मेज पर पड़ा वो चाय का गिलास और मेज के उस ओर बैठी तुम लत बड़ी अजीब सी लग गई... -मिथिलेश बारिया

©VED PRAKASH 73

वास्तव. शेत पिकंना, पिकलंत विकंना, दमडीमोल भाव.. बांधावरच्या राजाला सपानच दिसाया लागलय. साप साप म्हणावा यांनी आणि धोपटावी भुई बिळातून सापही बघ कसं हसाया लागलय... #दिबाभोपे ©Dileep Bhope

#मराठीकविता #दिबाभोपे #वास्तव  वास्तव. 

शेत   पिकंना, 
पिकलंत विकंना,
दमडीमोल भाव..
बांधावरच्या राजाला 
सपानच दिसाया लागलय.
साप साप म्हणावा यांनी 
आणि धोपटावी भुई
बिळातून सापही बघ 
कसं हसाया लागलय...

#दिबाभोपे

©Dileep Bhope
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