वो शाम  - इन शब्दों से जुड़ी कविता, शायरी या कोई ल
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#ज़िन्दगी  क्या याद है तुम्हें वो शाम
जब भेजा था मैंने इक पैगाम
पूछा था जिसमें... तुम‌ आओगे ना
दो शहरों की ये जो दूरियां हैं बीच हमारे 
इन्हें तुम मिटा पाओगे ना
लेकिन तुम्हारी तरफ से
 एक ही जवाब आया
जिसमें तुमने केवल एक शब्द "ना"
बार बार दोहराया 
ऐसा धोखा मिला उस शाम
जिसने हमारे रिश्ते को ही 
लगा दिया था पूर्णविराम

©Kavita Vijaywargiya

# वो शाम

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#ज़िन्दगी   subah school ka jana o dostno ke santh ldhai karna o bachapn tha aaj jindgi ki sam hote hote ja raha hai ye javani hai

©saravan Kumar

subah school ka jana o dostno ke santh ldhai karna o bachapn tha aaj jindgi ki sam hote hote ja raha hai ye javani hai ©saravan Kumar

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#मोहब्बत #मुलाक़ात #शायरी #शाम  पहली मोहब्बत की आखरी मुलाक़ात
वफ़ा कुछ इस तरह निभा गई
मैं मुस्कुराने ही वाला था, बर्षों बाद
वो शाम फिर भूले से याद आ गई

©paras Dlonelystar

वो शामें भूले से याद आ गई #शाम #मुलाक़ात #मोहब्बत

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#विचार #anu  वो शाम... फिर कभी ना आए।
न याद रहे वो शाम....
चौराहे से मेरी वफाओं का जनाज जा 
रहा था।
और तुम, घूंघट डाल अपनी,,,,जिंदगी से मिलने जा रही थी।
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻

©Ashutosh Mishra

#वो शाम... Dhyaan mira Asha...#anu @Satyajeet Roy @ARVIND YADAV 1717 RAVINANDAN Tiwari chandni ≋P≋u≋s≋h≋p≋ @ANOOP PANDEY @ALOK MISHRA "DEEPAK" "अब्र" 2.0 @M. Acharya @SHAYAR (RK) @POOJA UDESHI @Yogendra Nath Yogi @M K Shukla @Internet Jockey @Jagrati Nagle कवि संतोष बड़कुर @Anshu writer @tannu

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#कविता  वो शाम उनसे मुलाकात हुई नजाने 
कब उनसे  आँखें चार हुई

दूर से ही अँखों अँखों  में बात हूई

धड़क रहा था दिल मेरा तेज रफ्तार से
जब उन की नजर हम पर फिदा हुई

सोचा ना था के युं  मिल पाएंगें उनसे 
कभी
वो शाम ही  मोहब्बत की शुरुआत हुई 

मेरे जीवन में हसीन बरसात हुई 
...

©Rama Goswami

वो शाम उनसे मुलाकात हुई नजाने कब उनसे आँखें चार हुई दूर से ही अँखों अँखों में बात हूई धड़क रहा था दिल मेरा तेज रफ्तार से जब उन की नजर हम पर फिदा हुई सोचा ना था के युं मिल पाएंगें उनसे कभी वो शाम ही मोहब्बत की शुरुआत हुई मेरे जीवन में हसीन बरसात हुई ... ©Rama Goswami

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#POOJAUDESHI #Shaam  थी कुछ अजीब ये शाम भी हैं अजीब
वो कल तू पास था 

आज हों बेगाने , तुम्हे नहीं फर्क पड़ता
मुझे भी नहीं,पर साथ था तू पास मेरे करीब

अब सोच कर हसीं आती हैं कि अब कोई
और तेरे पास हैं जो कभी था तेरे लिए

अजनबी, कैसा ये इतेफाक हैं कैसे प्यार
करने वाले, वादा किस से करते हैं और शादी

 किस से? ये शाम इस लिए लगती हैं अजीब जो
 कभी था करीब जब वो था अपना पर अब हैं

 बेगाना किसी और के करीब 🤨👊🏻
gn🙏🏻🙏🏻💐💐❤️friends

©POOJA UDESHI
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