तुम्हारी खुशबू से महकती हूं मैं,
तुम्हारी बातें भी इत्र से कम नहीं,
तुम्हारी मुस्कान से संवर जाती हूं मैं,
तुम्हारी हंसी मेरे लिए मरहम से कम नहीं,
तुमसे मिल कर जाने के बाद भी,
मुलाकात होती है तुमसे,
उस ख़्याल से दूरी ही अच्छी,
जिसमें नज़र न आओ मुझे तुम कहीं,
मेरे हर ख़्याल में होते हो तुम,
सच पूछो तो जितना तुम हो मुझमें,
इतना तो हम में भी हम नहीं,
तेरे इश्क में सदके उतारती हूं इतने,
कि लग जाए कोई नज़र तुझे,
अब किसी नज़र में इतना दम नहीं ..!!
- Kiran ✍🏻❤️🧿
©ख्वाहिश _writes
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