Holi
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मुक्तक मस्ती में धारा रंगी है, राधा रंगी रंगों में व्याकुल रत श्यामल बाहों को, डूब रही है रंगों में सारी सुषमा गलियों की क्यूँ खोज रही संकोच कहीं कामन काया खिल जाने दो, लिपटी भीगे रंगों मे ©Shivam Tiwari

#कविता #Holi  मुक्तक 
मस्ती में धारा रंगी है, राधा रंगी रंगों में
व्याकुल रत श्यामल बाहों को, डूब रही है रंगों में 
सारी सुषमा गलियों की क्यूँ खोज रही संकोच कहीं 
कामन काया खिल जाने दो, लिपटी भीगे रंगों मे

©Shivam Tiwari

#Holi

14 Love

रंग भरी पिचकारी, अबीर भरा थाल रहेगा, मेरे हाथ गुलाल और सामने तेरा गाल रहेगा। वर्षों से एक बाट जोहे खड़े हैं हम, तुम आ जाना इस होली, मुझे तेरा इंतजार रहेगा।।🙂 ©Me Nobita

#Holi  रंग भरी पिचकारी, अबीर भरा थाल रहेगा,
मेरे हाथ गुलाल और सामने तेरा गाल रहेगा।

वर्षों से एक बाट जोहे खड़े हैं हम,
तुम आ जाना इस होली, मुझे तेरा इंतजार रहेगा।।🙂

©Me Nobita

#Holi

9 Love

मलय-सुगंधित अमराई ज्यों, सकल वात में रस घोली। भोर सुनहरी से संध्या तक, कू - कू - कू कोयल बोली। प्रेम और सौहार्द बनाकर सब रंगों में रंगने को, हंँसी - ठिठोली लेकर आई, फिर से रंग भरी होली। अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' प्रयागराज (पूर्णत: मौलिक एवं स्वरचित) आपको एवं आपके समस्त परिवार जनों को आपसी प्रेम- सौहार्द ,भाईचारा एवं असीमित खुशी का प्रतीक रंग-पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ एवं वासंतिक शुभकामनाएँ! 💐🎊🎉💐 . ©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#Holi  मलय-सुगंधित अमराई ज्यों, सकल वात में रस घोली।
भोर सुनहरी से संध्या तक, कू - कू - कू कोयल बोली।
प्रेम  और  सौहार्द   बनाकर  सब   रंगों  में  रंगने  को,
हंँसी - ठिठोली  लेकर  आई, फिर  से  रंग भरी  होली।
अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'
प्रयागराज
(पूर्णत: मौलिक एवं स्वरचित) 

आपको एवं आपके समस्त परिवार जनों को
आपसी प्रेम- सौहार्द ,भाईचारा
एवं
असीमित खुशी का प्रतीक
रंग-पर्व
होलिकोत्सव की
हार्दिक बधाइयाँ एवं वासंतिक शुभकामनाएँ!
💐🎊🎉💐












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©अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

#Holi

13 Love

#વિચારો #Holi  तेरी चाहत के रंग में 
 रंग चुका हूं में
वह जहन से उतरे तो 
में होली खेलने का सोचूं।

©RjSunitkumar

#Holi

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एक बार प्रेम रंग से ऐसी भीगी चुनरिया, तब से दुनियां के सारे रंग फीके लगते हैं..!! वो ना आने वालो से कहना चले आइये ना ज़नाब... आज भी मेरे गाल उनके ग़ुलाल के राह तक रहे हैं.... आज फिर एक मोहन अपनी राधा के इंतज़ार में बैठा है..!! ©HUMANITY INSIDE

 एक बार प्रेम रंग से ऐसी भीगी चुनरिया,
तब से दुनियां के सारे रंग फीके लगते हैं..!!

वो ना आने वालो से कहना चले आइये ना ज़नाब...
आज भी मेरे गाल उनके ग़ुलाल के राह तक रहे हैं....

आज फिर एक मोहन अपनी राधा के
इंतज़ार में बैठा है..!!

©HUMANITY INSIDE

#Holi

13 Love

आ रही है होली उसे मना लुंगा.... कुछ और ना सही बस थोड़ा सा रंग गुलाल लगा दुंगा... ©Dr. Vishal Singh Vatslya

#वात्सल्य_एक_अनकहा_एहसास #vatslya_ek_ankha_ehsas #प्यार #शायरी #होली  आ रही है होली
उसे मना लुंगा....
कुछ और ना सही
बस थोड़ा सा रंग गुलाल लगा दुंगा...

©Dr. Vishal Singh Vatslya
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