वैसे तो तुम्हें प्यार करने के लिए, कोई वजह नहीं चाहिए
लेकिन कमबख़्त, ये बिंदिया और ये गुलाबी होंठ
बेवजह ही वजह बन जाते है, तुम्हें और प्यार करने की
वैसे तो तुम्हारी तारीफ के लिए, कोई वजह नहीं चाहिए
लेकिन कमबख़्त ,ये ज़ुल्फ़े और ये झुमके
बेवजह ही वजह बन जाते है, तुम्हारी तारीफ करने की
वैसे तो तुम्हारी चहात के लिए, कोई वजह नहीं चाहिए,
लेकिन कमबख़्त, ये मुस्कुराहट और ये नशीली आखें
बेवजह ही वजह बन जाते है, तुम्हें और पाने की
_सुधांशु_
©Sudhanshu Bahrod
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