Dussehra season
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"శరీరంలో విరిగిన ఎన్ని భాణాల నైనా ఏదో ఒక ఉపాయంతో తీయవచ్చు. కానీ నిష్టూరంగా ఎదుటి వారి మనసులో నాటుకున్న కఠినమైన మాటలను ఎన్ని ఉపాయాలతోనైనా తొలగించలేం." ©VADRA KRISHNA

#మోటివేషన్ #Dussehra2020  "శరీరంలో విరిగిన ఎన్ని భాణాల నైనా
ఏదో ఒక ఉపాయంతో తీయవచ్చు.
కానీ నిష్టూరంగా ఎదుటి వారి 
మనసులో నాటుకున్న కఠినమైన
మాటలను ఎన్ని ఉపాయాలతోనైనా 
తొలగించలేం."

©VADRA KRISHNA

#Dussehra2020*విదురుడు

13 Love

कल राजा बनने वाले को आज वनवास जाना था, खुद से लिखा नाट्य खुद को निभाना था | वचन ही तो था, तोड देते... पर कर्तव्य का अर्थ सबको बताना था | इतने साल वन मे अपनो से दूर रहना था, अज्ञात मोड पर अंजानो का संहार करना था | कर्म ही तो था, छोड देते... पर धर्म का अर्थ सबको सिखाना था | रावण का दहन तो बस एक बहाना था, वैकुंठ मे रचा हुआ खेल खेलना था | अहंकार ही तो था, मुह मोड लेते... पर सम्मान का अर्थ सबको दिखाना था | ©Tejz0560

#कविता #Dussehra2024 #Dussehra #thought #ravan  कल राजा बनने वाले को आज वनवास जाना था,
खुद से लिखा नाट्य खुद को निभाना था |
वचन ही तो था, तोड देते...
पर कर्तव्य का अर्थ सबको बताना था |

इतने साल वन मे अपनो से दूर रहना था,
अज्ञात मोड पर अंजानो का संहार करना था |
कर्म ही तो था, छोड देते...
पर धर्म का अर्थ सबको सिखाना था |

रावण का दहन तो बस एक बहाना था,
वैकुंठ मे रचा हुआ खेल खेलना था |
अहंकार ही तो था, मुह मोड लेते...
पर सम्मान का अर्थ सबको दिखाना था |

©Tejz0560

#Dussehra2024 #Ram #ravan #poem #Dussehra #thought #Shayari हिंदी कविता

12 Love

#ज़िन्दगी #Dussehra2020  तेरे लिए मेरी बस यही ख्वाहिश है..
की तेरी काबिलियत कुछ ऐसी हो जाए..
की तुझे हराने के लिए साजिशें भी हो..
तब भी तेरा बाल भी बांका न हो..

you're my all time champ 🏆🏆
और इसीलिए तुझे जमानें की नजरों से दूर रखना चाहता हूं..
तेरी और हर बार सिर्फ़ तेरी जीत चाहता हूं..
चाहता हूं की तेरी आवाज़ में वो दहाड़ हो..
जिससे गूंज उठे ये चमन..
तेरी बेमिसाली की मिसाल दी जाए..
बस मेरी यही तमन्ना है..
मुक्कमल हो तेरा हर इक ख़्वाब..

@BE THE BESTEST EVER 🏆🏆@
🤜🤛🤜🤛
@IMYI@

©इक _अल्फाज़@airs

#Dussehra2020

90 View

#शायरी #Dussehra2020  शब्दों को कभी खोखला मत समझना
ये तुम्हें "भरने की ताकत" रखते है
जी हाँ यदि इनमें भाव सच्चा है
तो यही शब्द "विचलित अर्जुन" को
विजयी अर्जुन बनाने की शक्ति रखते है...

©कृतान्त अनन्त नीरज...

#Dussehra2020 #love

72 View

" हो गया युग परिवर्तन मन में है बस यही उलझन कोई किसी को समझता नहीं अपना अपने को पहचानता नहीं.... हर तरफ है ईर्ष्या और द्वेष दुःख मुखौटा लगाए है, बनाए है सुख का भेष देख के रोता है आज आसमां सिसकती है धरती और सिसकता है ये जहाँ हर तरफ़ है घोर निराशा सबके अन्दर है बस मृत आशा देखो भगवन कैसा ये युग है आपने ही तो बनाया ये कलयुग है अगर मैं मर जाऊं तो मुझे दोबारा जन्म मत देना मुझे अपने पास ही रखना, मुझे अब ये संसार न देना प्यार का अभाव नहीं है, पर रिश्तों का अहसास नहीं है। बन्द कर दो अब तो खेल अपना मत दिखाओ मुझे अब कोई भी सपना हर सपना मेरा टूटा है हर बार कोई अपना छूटा है बस एक बार आप चले आओ छोड़ दूँगी ये संसार मुझे अपने संसार ले जाओ ©Richa Dhar

#कविता #Dussehra2020  " हो गया युग परिवर्तन 
मन में है बस यही उलझन

कोई किसी को समझता नहीं 
अपना अपने को पहचानता नहीं....
हर तरफ है ईर्ष्या और द्वेष 
दुःख मुखौटा लगाए है, बनाए है सुख का भेष

देख के रोता है आज आसमां 
सिसकती है धरती और सिसकता है ये जहाँ
हर तरफ़ है घोर निराशा 
सबके अन्दर है बस मृत आशा

देखो भगवन कैसा ये युग है
आपने ही तो बनाया ये कलयुग है
अगर मैं मर जाऊं तो मुझे दोबारा जन्म मत देना 
मुझे अपने पास ही रखना, मुझे अब ये संसार न देना

प्यार का अभाव नहीं है, 
पर रिश्तों का अहसास नहीं है।
बन्द कर दो अब तो खेल अपना 
मत दिखाओ मुझे अब कोई भी सपना

हर सपना मेरा टूटा है 
हर बार कोई अपना छूटा है 
बस एक बार आप चले आओ 
छोड़ दूँगी ये संसार मुझे अपने संसार ले जाओ

©Richa Dhar

#Dussehra2020 कलियुग

13 Love

परित्राणाय साधूनाम् पाप अंध-तमस अधर्म अहंकारी के ज़ेवर हैं, किसी से हार न मानना इस किस्म के तेवर हैं, हज़ारों अपराध किये और सैकड़ों लाशें बिछाई, तब भी सुध पापचारी को बिल्कुल भी नहीं आयी, पर पत्नि को हरा नारी का बेझिझक अपमान किया, अंजाम का ना सोचा क्रूरता का पैगाम दिया, अविनाशी विष्णुरूप से भी ना पल भर डर ही लगा, पूरे कुल का नाश होते देख भी अभिमानी का सर ना ही झुका, फिर हुआ भीषण संग्राम जिसमें रावण का वध होना ही था, धर्म विजय कर पाप समाप्त सत्य का कृत्य होना ही था, जब जब धरती पर पापाचार होगा और प्राणियों को तरना होगा, तब तब मर्यादा के राम को मनुष्य रूप धरना होगा, तब तब मर्यादा के राम को मनुष्य रूप धरना होगा । ©Rangmanch Bharat

#पौराणिककथा #rangmanchbharat #hindi_quotes #hindi_poetry #nojotokavita #Dussehra2020  परित्राणाय साधूनाम्

पाप अंध-तमस अधर्म अहंकारी के ज़ेवर हैं,
किसी से हार न मानना इस किस्म के तेवर हैं,
हज़ारों अपराध किये और सैकड़ों लाशें बिछाई,
तब भी सुध पापचारी को बिल्कुल भी नहीं आयी,
पर पत्नि को हरा नारी का बेझिझक अपमान किया,
अंजाम का ना सोचा क्रूरता का पैगाम दिया,
अविनाशी विष्णुरूप से भी ना पल भर डर ही लगा,
पूरे कुल का नाश होते देख भी अभिमानी का सर ना ही झुका,
फिर हुआ भीषण संग्राम जिसमें रावण का वध होना ही था,
धर्म विजय कर पाप समाप्त सत्य का कृत्य होना ही था,
जब जब धरती पर पापाचार होगा और प्राणियों को तरना होगा,
तब तब मर्यादा के राम को मनुष्य रूप धरना होगा,
तब तब मर्यादा के राम को मनुष्य रूप धरना होगा ।

©Rangmanch Bharat
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