ram ravan
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वोट पाने के लिए तुम, देख लेना एक दिन। सामने वो नाक रगड़ेंगे, अयोध्या धाम के। जो उठाते ही रहे हैं, प्रश्न मेरे राम पर। देखना ये है सुखद, अब हो रहे वो राम के। ©सूर्यप्रताप स्वतंत्र

#कविता_संगम  वोट पाने के लिए तुम, देख लेना एक दिन।
सामने वो नाक रगड़ेंगे, अयोध्या धाम के।

जो उठाते ही रहे हैं, प्रश्न मेरे राम पर।
देखना ये है सुखद, अब हो रहे वो राम के।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र
#Diwali    सदियों से मिशाल बनी रही
राम लक्ष्मण ,भरत मिलाप की गाथा
वर्तमान समय में अपनी 
व्यवहारिकता खोती नजर आती है
जहां भाई ही भाई का दुश्मन बना बैठा है
उस युग में रावण की संकल्पना का 
कोई औचित्य नज़र नही आता।

©लेखक ओझा

सदियों से मिशाल बनी रही राम लक्ष्मण ,भरत मिलाप की गाथा वर्तमान समय में अपनी व्यवहारिकता खोती नजर आती है जहां भाई ही भाई का दुश्मन बना बैठा है उस युग में रावण की संकल्पना का कोई औचित्य नज़र नही आता। ©लेखक ओझा

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काम क्रोध वासना लालच, अंहकार का मारा सिर दिखै एक बाहर तै भीत्तर सब राखैं दस बारा सिर आये साल दसमी के दिन, खूब जलाते रावण हाम देख झाँक कै कितणे रावण अपणे म्ह छुपा रा सिर सिर तै होवै पिछाण माणस की, सिर माणस की शान सबकी इज्जत अपणी अपणी, सबनै लागै प्यारा सिर राह का आणा राह का जाणा, सब तैं आच्छा हो सै रोळे म्ह तो फुटै ए गा, चाहे उसका सिर या म्हारा सिर आँख नाक कान आर जीभ, दिल जिगर दो गुरदे सारे गात म्ह चौंसठ अंग, के के संभाळै बिचारा सिर करणी चाहिये कार माणस नै सोच समझ कै जग म्ह एक बै कट कै नीचै पड़ ज्या, फेर उठै नहीं दुबारा सिर राजबीर खोरड़ा 25/10/2023 ©Rajbir Khorda

#विचार  काम क्रोध वासना लालच, अंहकार का मारा सिर
दिखै एक बाहर तै भीत्तर सब राखैं दस बारा सिर

आये साल दसमी के दिन, खूब जलाते रावण हाम
देख झाँक कै कितणे रावण अपणे म्ह छुपा रा सिर

सिर तै होवै पिछाण माणस की, सिर माणस की शान
सबकी इज्जत अपणी अपणी, सबनै लागै प्यारा सिर

राह का आणा राह का जाणा, सब तैं आच्छा हो सै
रोळे म्ह तो फुटै ए गा, चाहे उसका सिर या म्हारा सिर

आँख नाक कान आर जीभ, दिल जिगर दो गुरदे
सारे गात म्ह चौंसठ अंग, के के संभाळै बिचारा सिर

करणी चाहिये कार माणस नै सोच समझ कै जग म्ह
एक बै कट कै नीचै पड़ ज्या, फेर उठै नहीं दुबारा सिर

राजबीर खोरड़ा
25/10/2023

©Rajbir Khorda

काम क्रोध वासना लालच, अंहकार का मारा सिर दिखै एक बाहर तै भीत्तर सब राखैं दस बारा सिर आये साल दसमी के दिन, खूब जलाते रावण हाम देख झाँक कै कितणे रावण अपणे म्ह छुपा रा सिर सिर तै होवै पिछाण माणस की, सिर माणस की शान सबकी इज्जत अपणी अपणी, सबनै लागै प्यारा सिर राह का आणा राह का जाणा, सब तैं आच्छा हो सै रोळे म्ह तो फुटै ए गा, चाहे उसका सिर या म्हारा सिर आँख नाक कान आर जीभ, दिल जिगर दो गुरदे सारे गात म्ह चौंसठ अंग, के के संभाळै बिचारा सिर करणी चाहिये कार माणस नै सोच समझ कै जग म्ह एक बै कट कै नीचै पड़ ज्या, फेर उठै नहीं दुबारा सिर राजबीर खोरड़ा 25/10/2023 ©Rajbir Khorda

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हजारों रावण निकलेंगे आज एक पुतले को जलाने ..!!! ©mr suru

#विज्य्दश्मि  हजारों रावण निकलेंगे 
आज एक पुतले को जलाने ..!!!

©mr suru

रावणाचे मनोगत उत्साही रामभक्तांना रावण म्हणाला मला खुशाल पेटवा त्याआधी तुमच्या वागण्यात आणि जगण्यात मला राम जिवंत दाखवा ✍️भुषण ठाकरे ©Bhushan Thakare

 रावणाचे मनोगत

उत्साही रामभक्तांना रावण म्हणाला
मला खुशाल पेटवा
त्याआधी तुमच्या वागण्यात आणि जगण्यात
मला राम जिवंत दाखवा

✍️भुषण ठाकरे

©Bhushan Thakare

रावणाचे मनोगत उत्साही रामभक्तांना रावण म्हणाला मला खुशाल पेटवा त्याआधी तुमच्या वागण्यात आणि जगण्यात मला राम जिवंत दाखवा ✍️भुषण ठाकरे ©Bhushan Thakare

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