Sign in
tags

New पैमाइश कैसे की जाती है Status, Photo, Video

Find the latest Status about पैमाइश कैसे की जाती है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पैमाइश कैसे की जाती है.

  • Latest
  • Popular
  • Video

आपके संस्कार से पता चलता है की आपकी परवरिश कैसे हुई हैं...®️ ✔️ ©Rajkumar pal

#मोटिवेशनल #संस्कार #परवरिश  आपके संस्कार से
पता चलता है
की आपकी परवरिश
कैसे हुई हैं...®️ ✔️

©Rajkumar pal

आपके #संस्कार से पता चलता है की आपकी #परवरिश कैसे हुई हैं..®️ शायरी मोटिवेशनल

42 Love

जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है। ©Srinivas

#लव  जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है।

©Srinivas

जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है।

13 Love

White धुआं बया करता है दर्द राख निशानियां छोड़ जाती है, किसी की गुफ़्तगू में भी दम नही होता, किसी की ख़ामोशी फ़साने छोड़ जाती हैं. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White धुआं बया करता है दर्द 
राख निशानियां छोड़ जाती है,
किसी की 
गुफ़्तगू में भी दम नही होता, 
किसी की 
ख़ामोशी फ़साने छोड़ जाती हैं.

©हिमांशु Kulshreshtha

छोड़ जाती है

15 Love

रिश्तों की ड़ोर कमजोर तब हो जाती है, जब लोग ख़ामोशी, को अपना जवाब मान लेते हैं। ©Anukaran

#Quotes #Likho  रिश्तों की ड़ोर कमजोर तब हो जाती है,
जब लोग ख़ामोशी,
को अपना जवाब मान लेते हैं।

©Anukaran

#Likho रिश्तों की ड़ोर कमजोर तब हो जाती है, जब लोग ख़ामोशी, को अपना जवाब मान लेते हैं।

10 Love

पल्लव की डायरी बढ़ता अपराध और अपराधीकरण व्यवस्था सब चरमराती है शोषण की मार चहुँ और पड़ती अराजकता समाजो में घुसपैठ कर जाती है भूख भय और भ्र्ष्टाचार से जनता तड़पती माफियाओ की तूती बोलती रहती टेरर टेक्स वसूला जाता है सफेदपोश हिमायती बनते इनके सरकारी खजाने तक राजस्व पहुँच नही पाते है चोरी का दोष जनता को दे कर सरकारे मनमानी टेक्सो को बढाने में दिखाती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #justice  पल्लव की डायरी
बढ़ता अपराध और अपराधीकरण
व्यवस्था सब चरमराती है
शोषण की मार चहुँ और पड़ती
अराजकता समाजो में घुसपैठ कर जाती है
भूख भय और भ्र्ष्टाचार से जनता तड़पती
माफियाओ की तूती बोलती रहती
टेरर टेक्स वसूला जाता है
सफेदपोश हिमायती बनते इनके
सरकारी खजाने तक राजस्व पहुँच नही पाते है
चोरी का दोष जनता को दे कर
सरकारे मनमानी टेक्सो को बढाने में दिखाती है
                                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#justice अराजकता समाज मे घुसपैठ करी जाती है

13 Love

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL

#Veer_ki_Shayari  सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं...
पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती...
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_ki_Shayari

16 Love

आपके संस्कार से पता चलता है की आपकी परवरिश कैसे हुई हैं...®️ ✔️ ©Rajkumar pal

#मोटिवेशनल #संस्कार #परवरिश  आपके संस्कार से
पता चलता है
की आपकी परवरिश
कैसे हुई हैं...®️ ✔️

©Rajkumar pal

आपके #संस्कार से पता चलता है की आपकी #परवरिश कैसे हुई हैं..®️ शायरी मोटिवेशनल

42 Love

जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है। ©Srinivas

#लव  जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है।

©Srinivas

जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है।

13 Love

White धुआं बया करता है दर्द राख निशानियां छोड़ जाती है, किसी की गुफ़्तगू में भी दम नही होता, किसी की ख़ामोशी फ़साने छोड़ जाती हैं. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White धुआं बया करता है दर्द 
राख निशानियां छोड़ जाती है,
किसी की 
गुफ़्तगू में भी दम नही होता, 
किसी की 
ख़ामोशी फ़साने छोड़ जाती हैं.

©हिमांशु Kulshreshtha

छोड़ जाती है

15 Love

रिश्तों की ड़ोर कमजोर तब हो जाती है, जब लोग ख़ामोशी, को अपना जवाब मान लेते हैं। ©Anukaran

#Quotes #Likho  रिश्तों की ड़ोर कमजोर तब हो जाती है,
जब लोग ख़ामोशी,
को अपना जवाब मान लेते हैं।

©Anukaran

#Likho रिश्तों की ड़ोर कमजोर तब हो जाती है, जब लोग ख़ामोशी, को अपना जवाब मान लेते हैं।

10 Love

पल्लव की डायरी बढ़ता अपराध और अपराधीकरण व्यवस्था सब चरमराती है शोषण की मार चहुँ और पड़ती अराजकता समाजो में घुसपैठ कर जाती है भूख भय और भ्र्ष्टाचार से जनता तड़पती माफियाओ की तूती बोलती रहती टेरर टेक्स वसूला जाता है सफेदपोश हिमायती बनते इनके सरकारी खजाने तक राजस्व पहुँच नही पाते है चोरी का दोष जनता को दे कर सरकारे मनमानी टेक्सो को बढाने में दिखाती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #justice  पल्लव की डायरी
बढ़ता अपराध और अपराधीकरण
व्यवस्था सब चरमराती है
शोषण की मार चहुँ और पड़ती
अराजकता समाजो में घुसपैठ कर जाती है
भूख भय और भ्र्ष्टाचार से जनता तड़पती
माफियाओ की तूती बोलती रहती
टेरर टेक्स वसूला जाता है
सफेदपोश हिमायती बनते इनके
सरकारी खजाने तक राजस्व पहुँच नही पाते है
चोरी का दोष जनता को दे कर
सरकारे मनमानी टेक्सो को बढाने में दिखाती है
                                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#justice अराजकता समाज मे घुसपैठ करी जाती है

13 Love

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL

#Veer_ki_Shayari  सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं...
पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती...
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_ki_Shayari

16 Love

Trending Topic