White बेईमान सी फरेबी इस दुनिया में मेरा कुछ ईमान बाकी है,
वो तुम हो।
इस तपती रेत सी जिंदगी में जो सुकूं जो छाँव बाकी है,
वो तुम हो।
यूँ तो फिरते है दर बदर होकर,लेकिन टूटा ही सही एक मकाँ हैं
वो तुम हो।
मायूसी घेर लेती है तन्हा रातों में अक्सर दिल की तड़प जिसको सुनाये
वो तुम हो
सुनसान अँधेरों की दरख़्त में एक दिये की लौ मेरे अंदर दहक़ उठती हैं
वो तुम हो।
कोई उम्मीद ना हो फिर एक आसरा सा मिले जिसका हो साथ हमेशा
वो तुम हो
साये सा इर्द गिर्द रहे मंडराता जो ना जुड़ता हो तेरा नाम मेरे नाम के साथ
वो तुम हो
वादा तो नहीं जन्मों का कुछ पल में ही सदियाँ गुजर जाये साथ जिसके
वो तुम हो
दुःख हो कोई मेरा अगर कंधे से कन्धा मिलाये खुशियों में जो नखरे दिखाए
वो तुम हो
हर बात को मेरी मुझसे पहले जो समझ जाये उदासी हो कोई और उसमे नज़र आये
वो तुम हो
उम्र भर का हो या कुछ मौसम का नाता हो दिल जिससे नहीं भर पाता हैं
वो तुम हो
एक दूजे के साथी हो पर्दा नहीं हो बातों का जो मुझसे कुछ ना छुपाता हैं
वो तुम हो
©Shraddha Singh
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here