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#वीडियो

परी मेरी बेटी

54 View

White *बंद करो बेटा बेटी में फर्क* """"""""""""""""""""""""""""""" प्यारी गुड़िया रानी बिटिया कहलाती है, अक्सर थके बाप के चेहरे पर मुस्कान ले आती है दिन भर अपनी मासूम किलकारियों से घर में रौनक लाती है भाई की जान बाप का गुरूर बन जाती है, तीज त्यौहार पर दीपों से घर को रोशन बनाती है, अक्सर रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाती है, फिर भी न जाने क्यूं पराए घर की कही जाती है। करदो कन्यादान तो पुरुष की अर्धाग्नि बन जाती है, फिर भी दहेज़ के लोभियों द्वारा आग में जल जाती है। आज जान उसकी गई अगला नंबर तुम्हारा है, ऐसा अब हम होने नहीं देंगे यही लक्ष्य हमारा है। सरकार चाहें कोई भी हो जिम्मेदारी समाज की है किसी की बेटी की जान तो किसी कि मां की लाज है, इस सबको देख कर ही चलाया गया "मिशन शक्ति" आभियान है हर किसी को जिम्मेदारी के साथ जागरूक करना हमारा काम है। बेटा बेटी में फर्क करना यह बहुत बड़ा पाप है मानो कि जैसे हमारे ऊपर दुनिया में अभिशाप है बेटा बेटी में फर्क करोगे तो सुख नहीं पाओगे बेटे की चाहत में रहोगे तो बहू कहां से लाओगे ? हमको यही संकल्प लेना होगा बेटा बेटी की फर्क को मिटाना होगा, दोनों के साथ समानता के साथ रिश्ता निभाना होगा तभी हमारा और हमारे देश का कल्याण होगा। जब बेटा बेटी की पहचान नहीं शब्दों में सिर्फ "हमारी संतान" होगा । *ऐडवोकेट सोनी खांन* _द्वारा स्वरचित रचना_ ©Adv Sony Khan

#मोटिवेशनल #selfconfidence #बेटी #Motivation #motivate  White *बंद करो बेटा बेटी में फर्क*
"""""""""""""""""""""""""""""""

प्यारी गुड़िया रानी बिटिया कहलाती है,

अक्सर थके बाप के चेहरे पर मुस्कान ले आती है

दिन भर अपनी मासूम किलकारियों से घर में रौनक लाती है

भाई की जान बाप का गुरूर बन जाती है,

तीज त्यौहार पर दीपों से घर को रोशन बनाती है,

अक्सर रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाती है,

फिर भी न जाने क्यूं पराए घर की कही जाती है।

करदो कन्यादान तो पुरुष की  अर्धाग्नि बन जाती है,

फिर भी दहेज़ के लोभियों द्वारा आग में जल जाती है।

आज जान उसकी गई अगला नंबर तुम्हारा है,

ऐसा अब हम होने नहीं देंगे यही लक्ष्य हमारा है।

सरकार चाहें कोई भी हो जिम्मेदारी समाज की है

किसी की बेटी की जान तो किसी कि मां की लाज है,

इस सबको देख कर ही चलाया गया "मिशन शक्ति" आभियान है

हर किसी को जिम्मेदारी के साथ जागरूक करना हमारा काम है।

बेटा बेटी में फर्क करना यह बहुत बड़ा पाप है 

मानो कि जैसे हमारे ऊपर दुनिया में अभिशाप है 

बेटा बेटी में फर्क करोगे तो सुख नहीं पाओगे 

बेटे की चाहत में रहोगे तो बहू कहां से लाओगे ?

हमको यही संकल्प लेना होगा बेटा बेटी की फर्क को मिटाना होगा, 

दोनों के साथ समानता के साथ रिश्ता निभाना होगा 

तभी हमारा और हमारे देश का कल्याण होगा। 

जब बेटा बेटी की पहचान नहीं शब्दों में सिर्फ "हमारी संतान" होगा ।


*ऐडवोकेट सोनी खांन*
_द्वारा स्वरचित रचना_

©Adv Sony Khan

#beti #बेटी #Self #selfconfidence #motivate #Motivation #writer #my #Advocate #Reality मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल को

14 Love

पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI

#DesertWalk #Quotes  पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

पैसे के लालच में आज,
साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की

 निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने,
 बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की

सहस्र जीवों का जीवन थी जो,
इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की

अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' 
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण,
जै  बच जाए जान 'काटली' की

पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की





.

©SANIR SINGNORI

#DesertWalk नदी बचाओ

12 Love

विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।। जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है। आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।। बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है। मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।। पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है। मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।। कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है। मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।। आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है। पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।। विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।। ©Supriya Jha

#विचार  विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है।
पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।।
जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है।
आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।।
बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है।
मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।।
पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है।
मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।।
कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है।
मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।।
आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है।
पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।।
विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है।
बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।।

©Supriya Jha

बेटी की विदाई

13 Love

बेटी पर कविता #Love #Life #कविता #viral #शायरी हिंदी कविता

189 View

पिता का धड़कता दिल है बेटी पिता के खुशियोंकी तस्वीर हैं बेटी। कौन कहता है कि बोझ है बेटी सच कहूं तो पिता की तकदीर है बेटी।। अनिल सपकाळ ८८७९१३८६८६ ©Anil Sapkal

#हिंदी #कविता  पिता का धड़कता दिल है बेटी
पिता के खुशियोंकी तस्वीर हैं बेटी।
कौन कहता है कि बोझ है बेटी 
सच कहूं तो पिता की तकदीर है बेटी।।




















                                                                    अनिल सपकाळ 
                                                                    ८८७९१३८६८६

©Anil Sapkal

बेटी #हिंदी कविता# प्रेरणादायी कविता हिंदी# प्यार पर कविता# कविता कोश# कविताएं#daughters

13 Love

#वीडियो

परी मेरी बेटी

54 View

White *बंद करो बेटा बेटी में फर्क* """"""""""""""""""""""""""""""" प्यारी गुड़िया रानी बिटिया कहलाती है, अक्सर थके बाप के चेहरे पर मुस्कान ले आती है दिन भर अपनी मासूम किलकारियों से घर में रौनक लाती है भाई की जान बाप का गुरूर बन जाती है, तीज त्यौहार पर दीपों से घर को रोशन बनाती है, अक्सर रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाती है, फिर भी न जाने क्यूं पराए घर की कही जाती है। करदो कन्यादान तो पुरुष की अर्धाग्नि बन जाती है, फिर भी दहेज़ के लोभियों द्वारा आग में जल जाती है। आज जान उसकी गई अगला नंबर तुम्हारा है, ऐसा अब हम होने नहीं देंगे यही लक्ष्य हमारा है। सरकार चाहें कोई भी हो जिम्मेदारी समाज की है किसी की बेटी की जान तो किसी कि मां की लाज है, इस सबको देख कर ही चलाया गया "मिशन शक्ति" आभियान है हर किसी को जिम्मेदारी के साथ जागरूक करना हमारा काम है। बेटा बेटी में फर्क करना यह बहुत बड़ा पाप है मानो कि जैसे हमारे ऊपर दुनिया में अभिशाप है बेटा बेटी में फर्क करोगे तो सुख नहीं पाओगे बेटे की चाहत में रहोगे तो बहू कहां से लाओगे ? हमको यही संकल्प लेना होगा बेटा बेटी की फर्क को मिटाना होगा, दोनों के साथ समानता के साथ रिश्ता निभाना होगा तभी हमारा और हमारे देश का कल्याण होगा। जब बेटा बेटी की पहचान नहीं शब्दों में सिर्फ "हमारी संतान" होगा । *ऐडवोकेट सोनी खांन* _द्वारा स्वरचित रचना_ ©Adv Sony Khan

#मोटिवेशनल #selfconfidence #बेटी #Motivation #motivate  White *बंद करो बेटा बेटी में फर्क*
"""""""""""""""""""""""""""""""

प्यारी गुड़िया रानी बिटिया कहलाती है,

अक्सर थके बाप के चेहरे पर मुस्कान ले आती है

दिन भर अपनी मासूम किलकारियों से घर में रौनक लाती है

भाई की जान बाप का गुरूर बन जाती है,

तीज त्यौहार पर दीपों से घर को रोशन बनाती है,

अक्सर रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाती है,

फिर भी न जाने क्यूं पराए घर की कही जाती है।

करदो कन्यादान तो पुरुष की  अर्धाग्नि बन जाती है,

फिर भी दहेज़ के लोभियों द्वारा आग में जल जाती है।

आज जान उसकी गई अगला नंबर तुम्हारा है,

ऐसा अब हम होने नहीं देंगे यही लक्ष्य हमारा है।

सरकार चाहें कोई भी हो जिम्मेदारी समाज की है

किसी की बेटी की जान तो किसी कि मां की लाज है,

इस सबको देख कर ही चलाया गया "मिशन शक्ति" आभियान है

हर किसी को जिम्मेदारी के साथ जागरूक करना हमारा काम है।

बेटा बेटी में फर्क करना यह बहुत बड़ा पाप है 

मानो कि जैसे हमारे ऊपर दुनिया में अभिशाप है 

बेटा बेटी में फर्क करोगे तो सुख नहीं पाओगे 

बेटे की चाहत में रहोगे तो बहू कहां से लाओगे ?

हमको यही संकल्प लेना होगा बेटा बेटी की फर्क को मिटाना होगा, 

दोनों के साथ समानता के साथ रिश्ता निभाना होगा 

तभी हमारा और हमारे देश का कल्याण होगा। 

जब बेटा बेटी की पहचान नहीं शब्दों में सिर्फ "हमारी संतान" होगा ।


*ऐडवोकेट सोनी खांन*
_द्वारा स्वरचित रचना_

©Adv Sony Khan

#beti #बेटी #Self #selfconfidence #motivate #Motivation #writer #my #Advocate #Reality मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल को

14 Love

पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI

#DesertWalk #Quotes  पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

पैसे के लालच में आज,
साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की

 निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने,
 बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की

सहस्र जीवों का जीवन थी जो,
इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की

अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' 
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण,
जै  बच जाए जान 'काटली' की

पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की





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©SANIR SINGNORI

#DesertWalk नदी बचाओ

12 Love

विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।। जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है। आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।। बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है। मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।। पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है। मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।। कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है। मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।। आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है। पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।। विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।। ©Supriya Jha

#विचार  विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है।
पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।।
जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है।
आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।।
बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है।
मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।।
पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है।
मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।।
कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है।
मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।।
आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है।
पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।।
विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है।
बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।।

©Supriya Jha

बेटी की विदाई

13 Love

बेटी पर कविता #Love #Life #कविता #viral #शायरी हिंदी कविता

189 View

पिता का धड़कता दिल है बेटी पिता के खुशियोंकी तस्वीर हैं बेटी। कौन कहता है कि बोझ है बेटी सच कहूं तो पिता की तकदीर है बेटी।। अनिल सपकाळ ८८७९१३८६८६ ©Anil Sapkal

#हिंदी #कविता  पिता का धड़कता दिल है बेटी
पिता के खुशियोंकी तस्वीर हैं बेटी।
कौन कहता है कि बोझ है बेटी 
सच कहूं तो पिता की तकदीर है बेटी।।




















                                                                    अनिल सपकाळ 
                                                                    ८८७९१३८६८६

©Anil Sapkal

बेटी #हिंदी कविता# प्रेरणादायी कविता हिंदी# प्यार पर कविता# कविता कोश# कविताएं#daughters

13 Love

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