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पिता का धड़कता दिल है बेटी पिता के खुशियोंकी तस्वीर हैं बेटी। कौन कहता है कि बोझ है बेटी सच कहूं तो पिता की तकदीर है बेटी।। अनिल सपकाळ ८८७९१३८६८६ ©Anil Sapkal
Anil Sapkal
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थका हारा जब जब तू दफ्तर से घर आता है मुश्किलोमे, संकटोमें जब जब तू घिर जाता हैं । ऐसे में क्या करे तब कुछ समझ नहीं आता है आंख से आसू बहता हैं और पापा याद आता है।। जिम्मेदारियों का बोझ जब जब सरपें आता हैं कोशिशोंके बावजूद भी तू संभाल नहीं पाता है। अकेलेपनका अहसास जब जब तुझे सताता है आंख से आसू बहता है और पापा याद आता है।। अनिल ©Anil Sapkal
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White जीवनाच्या प्रवासात बरच काही जमवलय सुख, चैन, उसंत असं खूप काही गमवलय... अनिल सपकाळ ©Anil Sapkal
कुंचल्यांच्या रेशामधूनी चित्र चितारताना क्षितिजाच्या पलिकडे कल्पनेत रमताना कातरवेळी जोजवत राहतो उनाड त्या दुखःना त्या आठवणींचा पान्हा झर झर झरताना.... अनिल ©Anil Sapkal
9 Love
White प्रेम... पाहतो चोरून तुजला, पाठमोरी झाल्यावर होत जाते वेडेपिषे मन तू निघून गेल्यावर मग नयनांच्या चक्षुमध्ये कैद करतो पायवाटा त्या वाटेवर तुझे मखमली पाय तू ठेवल्यावर. ©Anil Sapkal
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