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New सूरज धीरे-धीरे ढलता Status, Photo, Video

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धीरे धीरे अंतस का  सारा शोर थम जाता है.. सारी पीड़ाएं,सारे दुख  सुन्न से हो सो जाते हैं.. फिर कुछ भी हैरान नहीं करता, कुछ भी परेशान नहीं करता.. पीछे मुड़कर देखने पर  लगता है जिस जिंदगी को जीया, भावनाओं का जो ज्वार उमड़ा  सब बचकाना था  सब कुछ बेमानी था....  जिस को जाना था  वो चला ही जाता है ख़ामोशी से  बस, अपने निशाँ छोड़ कर  धीमे धीमे जिदगी  फ़िर ढर्रे पर आने लगती है  किसी के बिना  जी न पाने का डर कम होता जाता है  बस..  कभी कभी सीने में  एक आग सी उठती है  एक ख़ामोश शोर कानों में गूंजता है  फ़िर, सब सतह पर पहले सा हो जाता है ©हिमांशु Kulshreshtha

 धीरे धीरे अंतस का 
सारा शोर थम जाता है..
सारी पीड़ाएं,सारे दुख 
सुन्न से हो सो जाते हैं..
फिर कुछ भी हैरान नहीं करता,
कुछ भी परेशान नहीं करता..
पीछे मुड़कर देखने पर 
लगता है जिस जिंदगी को जीया,
भावनाओं का जो ज्वार उमड़ा 
सब बचकाना था 
सब कुछ बेमानी था.... 
जिस को जाना था 
वो चला ही जाता है ख़ामोशी से 
बस, अपने निशाँ छोड़ कर 
धीमे धीमे जिदगी 
फ़िर ढर्रे पर आने लगती है 
किसी के बिना 
जी न पाने का डर कम होता जाता है 
बस.. 
कभी कभी सीने में 
एक आग सी उठती है 
एक ख़ामोश शोर कानों में गूंजता है 
फ़िर, सब सतह पर पहले सा हो जाता है

©हिमांशु Kulshreshtha

धीरे धीरे...

15 Love

#विचार #उल्फ़त #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever #कब्र #साँस  White मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है
तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है

साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे
बाप माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंगे
तेरे जितने हैं भाई वक़तका चलन देंगे
छीनकर तेरी दौलत दोही गज़ कफ़न देंगे
जिनको अपना कहता है सब ये तेरे साथी हैं
कब्र है तेरी मंज़िल और ये बराती हैं

ला के कब्र में तुझको मुरदा बक डालेंगे
अपने हाथोंसे तेरे मुँह पे खाक डालेंगे
तेरी सारी उल्फ़त को खाक में मिला देंगे
तेरे चाहनेवाले कल तुझे भुला देंगे

इस लिये ये कहता हूँ खूब सोचले दिल में
क्यूँ फंसाये बैठा है जान अपनी मुश्किल में
कर गुनाहों पे तौबा ,,,आके बस सम्भल जायें - २
दम का क्या भरोसा है,,,,जाने कब निकल जाये - २

मुट्ठी बाँधके आनेवाले ...
मुट्ठी बाँधके आनेवाले हाथ पसारे जायेगा
धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - ४ 
,,,,,,,, 3 ,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

#मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है #साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप #माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंग

135 View

#सिकन्दर #रुस्तम #विचार #ज़माने #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever  White मौत ने ज़माने को ये समा दिखा डाला
कैसे कैसे रुस्तम को खाक में मिला डाला

याद रख सिकन्दर के हौसले तो आली थे
जब गया था दुनिया से दोनो हाथ खाली थे

अब ना वो हलाकू है और ना उसके साथी हैं
जंग जो न कोरस है और न उसके हाथी हैं

कल जो तनके चलते थे अपनी शान-ओ-शौकत पर
शमा तक नही जलती आज उनकी तुरबत पर

अदना हो या आला हो
सबको लौट जाना है - २
मुफ़्हिलिसों का अन्धर का
कब्र ही ठिकाना है - २

जैसी करनी ...
जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा
सरको  उठाकर चलनेवाले एक दिन ठोकर खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २
ढल जायेगा ढल जायेगा - २

,,,,,,,,,,,,,,,,, 2 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

मौत ने #ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे #रुस्तम को खाक में मिला डाला याद रख #सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था #शान _ओ_शौकत पर शमा

108 View

#ज़िन्दगानी #ज़िन्दगी #मुसाफ़िर #विचार #ऐतबार #rkyadavquotes  White हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ...
ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ...

आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २
ढल जायेगा ढल जायेगा - २

तू यहाँ मुसाफ़िर है ये सराये फ़ानी है
चार रोज की मेहमां तेरी ज़िन्दगानी है
ज़र ज़मीं ज़र ज़ेवर कुछ ना साथ जायेगा
खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा
जानकर भी अन्जाना बन रहा है दीवाने
अपनी उम्र ए फ़ानी पर तन रहा है दीवाने
किस कदर तू खोया है इस जहान के मेले मे
तु खुदा को भूला है फंसके इस झमेले मे
आज तक ये देखा है पानेवाले खोता है
ज़िन्दगी को जो समझा ज़िन्दगी पे रोता है
मिटनेवाली दुनिया का ऐतबार करता है
क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है
अपनी अपनी फ़िक्रों में
जो भी है वो उलझा है - २
ज़िन्दगी हक़ीकत में
क्या है कौन समझा है - २
आज समझले ...
आज समझले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा
ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २
ढल जायेगा ढल जायेगा - २
,,,,,,, 1 ,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता

99 View

#जिंदगानी #धीरेधीरे #विचार #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever #धीरे  White ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ढल रही है जिंदगानी धीरे धीरे 
डूब रहा है जीवन का सूरज धीरे धीरे 
घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीरे 
कि अस्त होते जा रहे हैं धीरे धीरे 
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, #ढल रही है #जिंदगानी #धीरे धीरे #डूब रहा है जीवन का #सूरज धीरे धीरे घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीर

108 View

White ढलता सूरज शाम का, रह रह दे आवाज़। सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।। ढलता सूरज शाम का, कह बतलाये बात। समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।। कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम। बिना समय के एक भी, बने न बिगड़े काम।। ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning  White ढलता  सूरज  शाम  का, रह  रह  दे  आवाज़।
  सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।।

ढलता  सूरज  शाम  का,  कह  बतलाये  बात।
  समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।।

कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम।
 बिना  समय  के  एक  भी, बने न बिगड़े काम।।

©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry

16 Love

धीरे धीरे अंतस का  सारा शोर थम जाता है.. सारी पीड़ाएं,सारे दुख  सुन्न से हो सो जाते हैं.. फिर कुछ भी हैरान नहीं करता, कुछ भी परेशान नहीं करता.. पीछे मुड़कर देखने पर  लगता है जिस जिंदगी को जीया, भावनाओं का जो ज्वार उमड़ा  सब बचकाना था  सब कुछ बेमानी था....  जिस को जाना था  वो चला ही जाता है ख़ामोशी से  बस, अपने निशाँ छोड़ कर  धीमे धीमे जिदगी  फ़िर ढर्रे पर आने लगती है  किसी के बिना  जी न पाने का डर कम होता जाता है  बस..  कभी कभी सीने में  एक आग सी उठती है  एक ख़ामोश शोर कानों में गूंजता है  फ़िर, सब सतह पर पहले सा हो जाता है ©हिमांशु Kulshreshtha

 धीरे धीरे अंतस का 
सारा शोर थम जाता है..
सारी पीड़ाएं,सारे दुख 
सुन्न से हो सो जाते हैं..
फिर कुछ भी हैरान नहीं करता,
कुछ भी परेशान नहीं करता..
पीछे मुड़कर देखने पर 
लगता है जिस जिंदगी को जीया,
भावनाओं का जो ज्वार उमड़ा 
सब बचकाना था 
सब कुछ बेमानी था.... 
जिस को जाना था 
वो चला ही जाता है ख़ामोशी से 
बस, अपने निशाँ छोड़ कर 
धीमे धीमे जिदगी 
फ़िर ढर्रे पर आने लगती है 
किसी के बिना 
जी न पाने का डर कम होता जाता है 
बस.. 
कभी कभी सीने में 
एक आग सी उठती है 
एक ख़ामोश शोर कानों में गूंजता है 
फ़िर, सब सतह पर पहले सा हो जाता है

©हिमांशु Kulshreshtha

धीरे धीरे...

15 Love

#विचार #उल्फ़त #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever #कब्र #साँस  White मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है
तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है

साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे
बाप माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंगे
तेरे जितने हैं भाई वक़तका चलन देंगे
छीनकर तेरी दौलत दोही गज़ कफ़न देंगे
जिनको अपना कहता है सब ये तेरे साथी हैं
कब्र है तेरी मंज़िल और ये बराती हैं

ला के कब्र में तुझको मुरदा बक डालेंगे
अपने हाथोंसे तेरे मुँह पे खाक डालेंगे
तेरी सारी उल्फ़त को खाक में मिला देंगे
तेरे चाहनेवाले कल तुझे भुला देंगे

इस लिये ये कहता हूँ खूब सोचले दिल में
क्यूँ फंसाये बैठा है जान अपनी मुश्किल में
कर गुनाहों पे तौबा ,,,आके बस सम्भल जायें - २
दम का क्या भरोसा है,,,,जाने कब निकल जाये - २

मुट्ठी बाँधके आनेवाले ...
मुट्ठी बाँधके आनेवाले हाथ पसारे जायेगा
धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - ४ 
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©Rakesh frnds4ever

#मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है #साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप #माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंग

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#सिकन्दर #रुस्तम #विचार #ज़माने #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever  White मौत ने ज़माने को ये समा दिखा डाला
कैसे कैसे रुस्तम को खाक में मिला डाला

याद रख सिकन्दर के हौसले तो आली थे
जब गया था दुनिया से दोनो हाथ खाली थे

अब ना वो हलाकू है और ना उसके साथी हैं
जंग जो न कोरस है और न उसके हाथी हैं

कल जो तनके चलते थे अपनी शान-ओ-शौकत पर
शमा तक नही जलती आज उनकी तुरबत पर

अदना हो या आला हो
सबको लौट जाना है - २
मुफ़्हिलिसों का अन्धर का
कब्र ही ठिकाना है - २

जैसी करनी ...
जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा
सरको  उठाकर चलनेवाले एक दिन ठोकर खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २
ढल जायेगा ढल जायेगा - २

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मौत ने #ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे #रुस्तम को खाक में मिला डाला याद रख #सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था #शान _ओ_शौकत पर शमा

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#ज़िन्दगानी #ज़िन्दगी #मुसाफ़िर #विचार #ऐतबार #rkyadavquotes  White हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ...
ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ...

आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २
ढल जायेगा ढल जायेगा - २

तू यहाँ मुसाफ़िर है ये सराये फ़ानी है
चार रोज की मेहमां तेरी ज़िन्दगानी है
ज़र ज़मीं ज़र ज़ेवर कुछ ना साथ जायेगा
खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा
जानकर भी अन्जाना बन रहा है दीवाने
अपनी उम्र ए फ़ानी पर तन रहा है दीवाने
किस कदर तू खोया है इस जहान के मेले मे
तु खुदा को भूला है फंसके इस झमेले मे
आज तक ये देखा है पानेवाले खोता है
ज़िन्दगी को जो समझा ज़िन्दगी पे रोता है
मिटनेवाली दुनिया का ऐतबार करता है
क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है
अपनी अपनी फ़िक्रों में
जो भी है वो उलझा है - २
ज़िन्दगी हक़ीकत में
क्या है कौन समझा है - २
आज समझले ...
आज समझले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा
ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २
ढल जायेगा ढल जायेगा - २
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©Rakesh frnds4ever

हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता

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#जिंदगानी #धीरेधीरे #विचार #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever #धीरे  White ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ढल रही है जिंदगानी धीरे धीरे 
डूब रहा है जीवन का सूरज धीरे धीरे 
घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीरे 
कि अस्त होते जा रहे हैं धीरे धीरे 
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©Rakesh frnds4ever

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White ढलता सूरज शाम का, रह रह दे आवाज़। सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।। ढलता सूरज शाम का, कह बतलाये बात। समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।। कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम। बिना समय के एक भी, बने न बिगड़े काम।। ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning  White ढलता  सूरज  शाम  का, रह  रह  दे  आवाज़।
  सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।।

ढलता  सूरज  शाम  का,  कह  बतलाये  बात।
  समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।।

कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम।
 बिना  समय  के  एक  भी, बने न बिगड़े काम।।

©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry

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