White ढलता सूरज शाम का, रह रह दे आवाज़।
सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।।
ढलता सूरज शाम का, कह बतलाये बात।
समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।।
कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम।
बिना समय के एक भी, बने न बिगड़े काम।।
©Shiv Narayan Saxena
#GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry