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New प्रेमचंद के फटे जूते Status, Photo, Video

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White घर में ना हैं दाल आटा पड़ा हैं हर डिब्बा खाली फिर भी बंदा पिछे उसके हैं जिसकी बड़ी गाड़ी बच्चा उसका लंदन में पहनता हैं महंगे जूते बेटा तेरा क्यों छुपाता हैं ? पुराने जूतों में फटे मोजे सुधर जा वरना बाहर क्या घर में भी पड़ जाएगी गाली जेबें भरने वालों के संग रह जाएगा खाली कबतक किसी और की तस्वीरों से भरा अलबम संभालेगा ? कुछ काम तो कर ऐसा की कोई आकर तेरे संग भी सेल्फी निकालेगा ! ©gaTTubaba

#शायरी #love_shayari  White घर में ना हैं दाल आटा 
पड़ा हैं हर डिब्बा खाली

फिर भी बंदा पिछे उसके 
हैं जिसकी बड़ी गाड़ी 

बच्चा उसका लंदन में 
पहनता हैं महंगे जूते

बेटा तेरा क्यों छुपाता हैं ?
पुराने जूतों में फटे मोजे 

सुधर जा वरना बाहर क्या 
घर में भी पड़ जाएगी गाली 

जेबें भरने वालों के संग
रह जाएगा खाली 

कबतक किसी और की 
तस्वीरों से भरा अलबम संभालेगा ?

कुछ काम तो कर ऐसा की कोई आकर 
तेरे संग भी सेल्फी निकालेगा  !

©gaTTubaba

#love_shayari घर में ना हैं दाल आटा पड़ा हैं हर डिब्बा खाली फिर भी बंदा पिछे उसके हैं जिसकी बड़ी गाड़ी बच्चा उसका लंदन में पहनता हैं म

16 Love

खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI

 खुशियों के पल 

जिंदगी में कभी-कभी 
खुशियों के पल आते ही रहते हैं
ज़ब नाज करे दुनियाँ 
वह पल आ ही जाते हैं |

©DR. LAVKESH GANDHI

#खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #

17 Love

#डायरी_के_पन्ने #जाओगे #मांगे #कोट्स #आखिर #जूते  बिन मांगे जूते ही मिलेंगे आखिर में,
बिन  मांगें मदद करने जो जाओगे l

©Dimple Kumar

#डायरी_के_पन्ने #मदद #बिन #मांगे #जूते #आखिर #जाओगे गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स लाइफ कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स पॉज

90 View

#Paris_Olympics_2024 #कॉमेडी #कविता #शायरी #विचार #munshipremchand  White मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के अग्रणी कथाकार थे। उन्होंने 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियाँ और अनेक अन्य रचनाएँ लिखीं। 'गोदान', 'गबन', 'सेवासदन' जैसे उपन्यासों के रचयिता प्रेमचंद ने आम आदमी की भावनाओं और समस्याओं को अपनी लेखनी से जीवंत किया। इस वर्ष लमही में विशेष कार्यक्रमों के साथ उनकी जयंती मनाई जाएगी। प्रेमचंद की अमर कृतियाँ आज भी पाठकों को प्रेरित करती हैं।

पढ़ें पूरी जानकारी: https://bit.ly/3bfafPQ

#Premchand #munshipremchand #upanyas #poet

©SONA DEVI

#Paris_Olympics_2024 #लव #शायरी #कविता #Love #कॉमेडी मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी

261 View

#Paris_Olympics_2024 #कॉमेडी #कविता #शायरी #विचार #munshipremchand  White मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के अग्रणी कथाकार थे। उन्होंने 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियाँ और अनेक अन्य रचनाएँ लिखीं। 'गोदान', 'गबन', 'सेवासदन' जैसे उपन्यासों के रचयिता प्रेमचंद ने आम आदमी की भावनाओं और समस्याओं को अपनी लेखनी से जीवंत किया। इस वर्ष लमही में विशेष कार्यक्रमों के साथ उनकी जयंती मनाई जाएगी। प्रेमचंद की अमर कृतियाँ आज भी पाठकों को प्रेरित करती हैं।

पढ़ें पूरी जानकारी: https://bit.ly/3bfafPQ

#Premchand #munshipremchand #upanyas #poet

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#Paris_Olympics_2024 #लव #शायरी #कविता #Love #कॉमेडी मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी

342 View

#आँधियों_के_इरादे_तो_अच्छे_न_थे #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  White आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे।
मंजिल के रास्ते भी तो कच्चे न थे।।

डगमगा रहे मेरे ये कदम बस यूँ ही।
राह में मिले राहगीर तो सच्चे न थे।।

भटकाया ऐसा मुझे मंजिल से मेरे।
कहीं मेरे फैसले भी तो कच्चे न थे।।

खैर फिर मुड़ चला मंजिल की ओर।
अब देखा कि वो रास्ते तो अच्छे न थे।।

कँटीली झाड़ियाँ बिखरी थीं जहाँ तहाँ।
जाँच कर देखा वो कांँटे तो कच्चे न थे।।

जब संभल कर रखा भी पैर इधर उधर।
तब जाना मेरे जूते भी तो अच्छे न थे।।

चटक चटक कर उखड़ रहे थे जहाँ तहाँ।
मैं हैरान था मेरे जूते भी तो सस्ते न थे।।

कहीं मिला मोची तो ठीक कराए मैंने।
फिर उसने कहा ये जूते तो कच्चे न थे।।

क्यों टूट गए ये जूते यूँ जगह जगह से।
अब लगा आपके ये रास्ते तो अच्छे न थे।।

किसी तरह पाया फिर मंजिल को मैंने।
जबकि आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे।।
.........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#आँधियों_के_इरादे_तो_अच्छे_न_थे #nojotohindi #nojotohindipoetry आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे। मंजिल के र

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White घर में ना हैं दाल आटा पड़ा हैं हर डिब्बा खाली फिर भी बंदा पिछे उसके हैं जिसकी बड़ी गाड़ी बच्चा उसका लंदन में पहनता हैं महंगे जूते बेटा तेरा क्यों छुपाता हैं ? पुराने जूतों में फटे मोजे सुधर जा वरना बाहर क्या घर में भी पड़ जाएगी गाली जेबें भरने वालों के संग रह जाएगा खाली कबतक किसी और की तस्वीरों से भरा अलबम संभालेगा ? कुछ काम तो कर ऐसा की कोई आकर तेरे संग भी सेल्फी निकालेगा ! ©gaTTubaba

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पड़ा हैं हर डिब्बा खाली

फिर भी बंदा पिछे उसके 
हैं जिसकी बड़ी गाड़ी 

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पहनता हैं महंगे जूते

बेटा तेरा क्यों छुपाता हैं ?
पुराने जूतों में फटे मोजे 

सुधर जा वरना बाहर क्या 
घर में भी पड़ जाएगी गाली 

जेबें भरने वालों के संग
रह जाएगा खाली 

कबतक किसी और की 
तस्वीरों से भरा अलबम संभालेगा ?

कुछ काम तो कर ऐसा की कोई आकर 
तेरे संग भी सेल्फी निकालेगा  !

©gaTTubaba

#love_shayari घर में ना हैं दाल आटा पड़ा हैं हर डिब्बा खाली फिर भी बंदा पिछे उसके हैं जिसकी बड़ी गाड़ी बच्चा उसका लंदन में पहनता हैं म

16 Love

खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI

 खुशियों के पल 

जिंदगी में कभी-कभी 
खुशियों के पल आते ही रहते हैं
ज़ब नाज करे दुनियाँ 
वह पल आ ही जाते हैं |

©DR. LAVKESH GANDHI

#खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #

17 Love

#डायरी_के_पन्ने #जाओगे #मांगे #कोट्स #आखिर #जूते  बिन मांगे जूते ही मिलेंगे आखिर में,
बिन  मांगें मदद करने जो जाओगे l

©Dimple Kumar

#डायरी_के_पन्ने #मदद #बिन #मांगे #जूते #आखिर #जाओगे गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स लाइफ कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स पॉज

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#Paris_Olympics_2024 #कॉमेडी #कविता #शायरी #विचार #munshipremchand  White मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के अग्रणी कथाकार थे। उन्होंने 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियाँ और अनेक अन्य रचनाएँ लिखीं। 'गोदान', 'गबन', 'सेवासदन' जैसे उपन्यासों के रचयिता प्रेमचंद ने आम आदमी की भावनाओं और समस्याओं को अपनी लेखनी से जीवंत किया। इस वर्ष लमही में विशेष कार्यक्रमों के साथ उनकी जयंती मनाई जाएगी। प्रेमचंद की अमर कृतियाँ आज भी पाठकों को प्रेरित करती हैं।

पढ़ें पूरी जानकारी: https://bit.ly/3bfafPQ

#Premchand #munshipremchand #upanyas #poet

©SONA DEVI

#Paris_Olympics_2024 #लव #शायरी #कविता #Love #कॉमेडी मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी

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#Paris_Olympics_2024 #कॉमेडी #कविता #शायरी #विचार #munshipremchand  White मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के अग्रणी कथाकार थे। उन्होंने 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियाँ और अनेक अन्य रचनाएँ लिखीं। 'गोदान', 'गबन', 'सेवासदन' जैसे उपन्यासों के रचयिता प्रेमचंद ने आम आदमी की भावनाओं और समस्याओं को अपनी लेखनी से जीवंत किया। इस वर्ष लमही में विशेष कार्यक्रमों के साथ उनकी जयंती मनाई जाएगी। प्रेमचंद की अमर कृतियाँ आज भी पाठकों को प्रेरित करती हैं।

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#Premchand #munshipremchand #upanyas #poet

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#Paris_Olympics_2024 #लव #शायरी #कविता #Love #कॉमेडी मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष: 31 जुलाई, 1880 को जन्मे धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ मुंशी

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#आँधियों_के_इरादे_तो_अच्छे_न_थे #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  White आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे।
मंजिल के रास्ते भी तो कच्चे न थे।।

डगमगा रहे मेरे ये कदम बस यूँ ही।
राह में मिले राहगीर तो सच्चे न थे।।

भटकाया ऐसा मुझे मंजिल से मेरे।
कहीं मेरे फैसले भी तो कच्चे न थे।।

खैर फिर मुड़ चला मंजिल की ओर।
अब देखा कि वो रास्ते तो अच्छे न थे।।

कँटीली झाड़ियाँ बिखरी थीं जहाँ तहाँ।
जाँच कर देखा वो कांँटे तो कच्चे न थे।।

जब संभल कर रखा भी पैर इधर उधर।
तब जाना मेरे जूते भी तो अच्छे न थे।।

चटक चटक कर उखड़ रहे थे जहाँ तहाँ।
मैं हैरान था मेरे जूते भी तो सस्ते न थे।।

कहीं मिला मोची तो ठीक कराए मैंने।
फिर उसने कहा ये जूते तो कच्चे न थे।।

क्यों टूट गए ये जूते यूँ जगह जगह से।
अब लगा आपके ये रास्ते तो अच्छे न थे।।

किसी तरह पाया फिर मंजिल को मैंने।
जबकि आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे।।
.........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#आँधियों_के_इरादे_तो_अच्छे_न_थे #nojotohindi #nojotohindipoetry आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे। मंजिल के र

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