White हज़ार-हज़ार अनदेखे पिंजरे तो हरदम घेरे रहते हैं।
समाज, घर, परिवार रिश्ते और नाते
चारों ओर इनकी ही अपेक्षाओं के पहरे रहे हैं।
अपने से पहले सदा दूसरों का सोचना तो,
माँ ही सीखा देती है।
देखते-देखते सबके लिए त्याग में,
एक लड़की ख़ुद को मिटा देती है।
तनिक सा अहसास, फिर भी...
होता नहीं किसी को।
जग जीतने की क्षमता रखने वाली,
अब हार से दिल बहला लेती है।
हमेशा अपनी तुलना लड़कों से होने पर,
ठहरती है और, ज़रा सा मुस्कुरा देती है।
बस मौके की ही तलाश में,
सबका हर सितम सह लेती है।
अपने होंसलों के पंखों को,
कस के गह लेती है।
वो एक मौका जैसे ही उसे मिलता है..
अपनी खिलाफ़त में उठने वाली हर नज़र को
क़दमों में झुका देती हैं।
कहती अब भी नहीं किसी से,
बस गहरा मुस्कुरा देती है।
**आपसे कुछ नहीं चाहिए सिवाय इस मौके के...
©Pooja Saxena
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