White *बेचैन*
जब बहुत बेचैन होता हू,तेरी याद आती है।
राहों पर तेरी आकर, ऑखें पथ निहारती है।।
दिल की कामना यही तुम आओ यही।
धङकन धम जाती है,छवि जब तेरी दिखती है।।
सुन्दर अनुपम रूप सुहाना है छवि तेरी।
देख रूपसी ऐसी ऑखों को तृप्ति होती है।।
लम्हे गुजरे है कितने,दुर्लभ दर्शन को तेरे।
ईन्तजार की घङियॉ भी कष्टकर लगती है।।
यादें फिर भी तेरी धुॅधलाने नही देता हूॅ।
यादें भी तेरी मुझे तेरी ओर खींचती है।।
लगता है मानो अभी है कल की बात।
मिलन लम्हे जी हमारे बीच बीती है।।
स्वरचित
©रघुराम
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