Devesh Dixit

Devesh Dixit

मुझे कविताएँ लिखना, पढ़ना, सुनना एवम सुनाना अत्यधिक पसंद है। 7982437710

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

एक सा कफ़न देखा शमशान घाट पर जाकर मैंने, मुर्दों का ऐसा हाल देखा। अमीर - गरीब दोनों पर मैंने, पड़ा एक सा कफ़न देखा। वही विधि थी वही क्रिया थी, ऐसा मैंने अनुशासन देखा। भेद-भाव की जगह नहीं थी, ईश का ऐसा विधान देखा। पाँच तत्वों में विभक्त हो गये, उस काया को मिटते देखा। जो वे अपने तब कर्म बो गये, उन कर्मों पर भी रोते देखा। इस कलयुगी जीवन में यहाँ, लोगों को है बिखरते देखा। ऐसी नहीं कोई जगह जहाँ, उसको है मुस्कराते देखा। मौत के दर्शन तब पाकर उसका, जीवन से नाता टूटते देखा। क्या मतलब है अमीर गरीब का, अगर एक सा कफ़न देखा। ............................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

#एक_सा_कफ़न_देखा #कविता  एक सा कफ़न देखा

शमशान घाट पर जाकर मैंने,
मुर्दों का ऐसा हाल देखा।
अमीर - गरीब दोनों पर मैंने,
पड़ा एक सा कफ़न देखा।

वही विधि थी वही क्रिया थी,
ऐसा मैंने अनुशासन देखा।
भेद-भाव की जगह नहीं थी,
ईश का ऐसा विधान देखा।

पाँच तत्वों में विभक्त हो गये,
उस काया को मिटते देखा।
जो वे अपने तब कर्म बो गये,
उन कर्मों पर भी रोते देखा।

इस कलयुगी जीवन में यहाँ,
लोगों को है बिखरते देखा।
ऐसी नहीं कोई जगह जहाँ,
उसको है मुस्कराते देखा।

मौत के दर्शन तब पाकर उसका,
जीवन से नाता टूटते देखा।
क्या मतलब है अमीर गरीब का,
अगर एक सा कफ़न देखा।
............................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा। ख्यालों से बाहर निकलना होगा, उड़ान को अपनी भरना होगा। खुला आसमान है ये देखो यारों, उस आसमान को छूना होगा। लक्ष्य को भी अब तो पाना होगा, जिद्द है इसे हासिल करना होगा। रुकावटें आएँ चाहे जितनी भी, उन सबको भी पार करना होगा। धीरज को बनाये भी रखना होगा, मंजिल की ओर नित बढ़ना होगा। फ़सल कटती जैसे समय आने पर, कर्म फल ही उसके अनुसार होगा। हांँ जीत का जज्बा अब रखना होगा, क़ायम भी तो उस पर रहना होगा। छोड़ दिये हैं सारे गिले-शिक्वे पुराने, उन यादों को अब बिसराना होगा। ................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

#जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #कविता #sandiprohila #hindinojoto  जीत का जज्बा रखना होगा

जीत का जज्बा रखना होगा,
पीछे नहीं अब हटना होगा।
रह गये पीछे जो सपने अपने,
उनको साकार करना होगा।

ख्यालों से बाहर निकलना होगा,
उड़ान को अपनी भरना होगा।
खुला आसमान है ये देखो यारों,
उस आसमान को छूना होगा।

लक्ष्य को भी अब तो पाना होगा,
जिद्द है इसे हासिल करना होगा।
रुकावटें आएँ चाहे जितनी भी,
उन सबको भी पार करना होगा।

धीरज को बनाये भी रखना होगा,
मंजिल की ओर नित बढ़ना होगा।
फ़सल कटती जैसे समय आने पर,
कर्म फल ही उसके अनुसार होगा।

हांँ जीत का जज्बा अब रखना होगा,
क़ायम भी तो उस पर रहना होगा।
छोड़ दिये हैं सारे गिले-शिक्वे पुराने,
उन यादों को अब बिसराना होगा।
...................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा।

19 Love

जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है किसी को कांटे तो किसी को गुलाब दिए हैं तूने अपने दामन में कई राज़ दफन किए हैं तुझे बनाना चाहता हर कोई सहेली है जिंदगी तू एक पहेली है अदभुत तेरे नज़ारे हैं उन नज़ारों में तेरे बहाने हैं ऐसे खेल तू खेली है जिंदगी तू एक पहेली है किसी को तेरी चाह है तो किसी से तू कहीं रूठी है जीवन में रात उसके घनेरी है जिन्दगी तू एक पहेली है तेरी भी एक सीमा है तू भी समय से बंधी है क्या कहूं ये क्या पहेली है जिन्दगी तू एक पहेली है .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

#जिन्दगी #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  जिन्दगी

जिन्दगी तू एक पहेली है
जिसको लिया तूने आगोश में
उसी के साथ तू खेली है
जिन्दगी तू एक पहेली है

किसी को कांटे तो किसी को गुलाब दिए हैं
तूने अपने दामन में कई राज़ दफन किए हैं
तुझे बनाना चाहता हर कोई सहेली है
जिंदगी तू एक पहेली है

अदभुत तेरे नज़ारे हैं
उन नज़ारों में तेरे बहाने हैं
ऐसे खेल तू खेली है
जिंदगी तू एक पहेली है

किसी को तेरी चाह है
तो किसी से तू कहीं रूठी है
जीवन में रात उसके घनेरी है
जिन्दगी तू एक पहेली है

तेरी भी एक सीमा है
तू भी समय से बंधी है
क्या कहूं ये क्या पहेली है
जिन्दगी तू एक पहेली है
..............................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है

16 Love

रहन सहन रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली सदाचार का ऐसा पालन करना जैसे फूलों को रखे माली ईश्वर से यही प्रार्थना करना सम्मान का न हो भण्डार खाली दुनिया की न परवाह करना कि जिंदगी अनमोल तुम्हे है बितानी अपना फैसला ऐसा करना कि जिंदगी न पड़ जाए तुमको भारी परिवार को अपने संभाले रखना अहम से न हो जाए दीवार खड़ी प्रेम से डोर में बांधे रखना टूट न जाए कहीं रिश्तों की लड़ी रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली ......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

#रहन_सहन #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  रहन सहन

रहन सहन तुम ऐसा रखना
कि ये दुनिया बजाए ताली
स्वभाव में कभी अहम न रखना
कि ये जीवन जाए खाली

सदाचार का ऐसा पालन करना
जैसे फूलों को रखे माली
ईश्वर से यही प्रार्थना करना
सम्मान का न हो भण्डार खाली

दुनिया की न परवाह करना
कि जिंदगी अनमोल तुम्हे है बितानी
अपना फैसला ऐसा करना
कि जिंदगी न पड़ जाए तुमको भारी

परिवार को अपने संभाले रखना
अहम से न हो जाए दीवार खड़ी
प्रेम से डोर में बांधे रखना
टूट न जाए कहीं रिश्तों की लड़ी

रहन सहन तुम ऐसा रखना
कि ये दुनिया बजाए ताली
स्वभाव में कभी अहम न रखना
कि ये जीवन जाए खाली
.........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#रहन_सहन #nojotohindi #nojotohindipoetry रहन सहन रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली

16 Love

मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

#मंत्री_जी #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  मंत्री जी
मंत्री जी ओ मंत्री जी
मुंह उठा कर कहां चले
धोती कुर्ता पहन के टोपी
धूल उड़ा कर कहां चले
अत्याचारों से लिपटी धरती
सब तुम्हारी करनी है
आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी
सब तुम्हारी निशानी है
पाप कर्म और मक्कारी का
दिया जलाया तुमने है
खून बहा के निर्दोषों का
धन कमाया तुमने है
मुद्दा बनाके जाति - पांति का
आपस में लड़वाया तुमने है
उसी से भड़कती है हिंसा
उसी से रोटी सेंकी है
और कौन से कुकर्म हैं बाकी
जो तुमने आगे करने हैं
धरती माता पर और लहू की
बारिश करनी तुमने है
मंत्री जी ओ मंत्री जी
मुंह उठा कर कहां चले
धोती कुर्ता पहन के टोपी
धूल झोंक कर कहां चले
…………………………….
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती

22 Love

# Praveen Jain "पल्लव" Himanshu Raj N.B.Mia Shilpa Yadav Aanshi Ajit

144 View

Trending Topic