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MBBS(IIAM)+MD(IIAM), DNYS, Regs No. -A25492 लेखक : बहते आँसू (जमुनियाँ एक गाथा )
White कुंभ का कालनेमि कौन रोज नए नित्य कुंभ रच रहा नए इतिहास फिर भी नहीं आ रहा कालनेमि को यह सब रास हर पल वह खोज रहा कुंभ की कमियों का पिटारा वह हर पल कर रहा कुंभ की कमियों का बखान नहीं दिखता है कालनेमि को महाकुंभ की महत्ता का ज्ञान क्योंकि उसे तो है विपक्ष में रहकर अपना फर्ज निभाना ©DR. LAVKESH GANDHI
DR. LAVKESH GANDHI
13 Love
White डायरी और दिल हाड़-मांस के दिल को क्यों छुपा कर रखा था अब तक तुमने इन डायरी के पन्नों के बीच क्या ऐसी नौबत आन पड़ी है आज जो दिल को निकाल कर रख रहे हो हथेली पर ©DR. LAVKESH GANDHI
दिल किसका एक प्रेमिका के कहने पर जब प्रेमी ने अपनी जन्म देने वाली माता का दिल कलेजे से बेध कर निकाला और अपनी प्रेमिका के पास जा पहुंँचा तो प्रेमिका ने अपने प्रेमी को धिक्कारते हुए कहा जा जा... जो पुरुष जन्म देने वाली मांँ का नहीं हुआ वह अनजान प्रेमिका का क्या होगा... ©DR. LAVKESH GANDHI
9 Love
White वेलकम इसरो आ रहा हूंँ जल्द बाहें फैलाए रखना आ रहा हूंँ नजर मिलाने पलकें सजाए रखना बहुत सुना है चंदा मामा दूर के आ रहा हूंँ जल्द मामा अब तो दूध-रोटी छोड़ के ©DR. LAVKESH GANDHI
21 Love
White जमाना जमाने ने गलतियांँ करके मुझे शहर में मशहूर कर दिया जब मैं शहर में मशहूर हो गया तो जमाना खुद मुझे जलने लगा ©DR. LAVKESH GANDHI
White बदनाम मैं तो बुरा था बदनाम किसने कर दिया जिसका मैंने भला किया उसने ही मुझे यह शिला दिया खुद का उसे पता नहीं मगर उसने मुझे बदनाम कर दिया मैंने उसे आईना दिखा दिया तो रात में उसने खुदकुशी कर ली ©DR. LAVKESH GANDHI
19 Love
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